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kanta roy's Discussions (2,219)

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"रचना पर मेरा उत्साह बुलंद करने के लिये हृदय से आपको आभार आदरणीया नीरज जी ।"

kanta roy replied Mar 12, 2016 to "ओ.बी.ओ. लाइव महा उत्सव" अंक-65

997 Mar 13, 2016
Reply by नयना(आरती)कानिटकर

"तहेदिल आभार आपको आदरणीय समर कबीर जी रचना पर मेरा उत्साह बढ़ाने के लिए ।"

kanta roy replied Mar 12, 2016 to "ओ.बी.ओ. लाइव महा उत्सव" अंक-65

997 Mar 13, 2016
Reply by नयना(आरती)कानिटकर

"आपसे सराहना पाकर अब रचना सार्थक हुई है आदरणीय अशोक जी । आभार हौसला बढ़ाने के लिये ।"

kanta roy replied Mar 12, 2016 to "ओ.बी.ओ. लाइव महा उत्सव" अंक-65

997 Mar 13, 2016
Reply by नयना(आरती)कानिटकर

"वाह ! क्या खूब छंद बनी है यह आपकी आदरणीय रमेश जी , पढ़कर मन वाकई में प्रसन्न हुआ है…"

kanta roy replied Mar 12, 2016 to "ओ.बी.ओ. लाइव महा उत्सव" अंक-65

997 Mar 13, 2016
Reply by नयना(आरती)कानिटकर

"इस आयोजन में पद्य की लगभग सभी विधा मान्य है । सादर ।"

kanta roy replied Mar 12, 2016 to "ओ.बी.ओ. लाइव महा उत्सव" अंक-65

997 Mar 13, 2016
Reply by नयना(आरती)कानिटकर

"पढ़े-लिखे दौलत वाले सूरज से क्या सीखें उल्टी-सीधी लत वाले हम पर ज़ुल्मी सरीखे तेज तु…"

kanta roy replied Mar 12, 2016 to "ओ.बी.ओ. लाइव महा उत्सव" अंक-65

997 Mar 13, 2016
Reply by नयना(आरती)कानिटकर

"नदी की गहराइयों में डूबती उतराती। सारा दर्द समेट लाती प्यारी सखि सी। हां, धूप पसंद ह…"

kanta roy replied Mar 12, 2016 to "ओ.बी.ओ. लाइव महा उत्सव" अंक-65

997 Mar 13, 2016
Reply by नयना(आरती)कानिटकर

"वाह ! क्या  खूब सन्देश रोपित की है आपनी अपनी इस रचना में आदरणीया नयना जी ,मुग्ध करती…"

kanta roy replied Mar 12, 2016 to "ओ.बी.ओ. लाइव महा उत्सव" अंक-65

997 Mar 13, 2016
Reply by नयना(आरती)कानिटकर

"धूप ने टांगा किरन कोया किरन ने धूप पास आ फटकारती है द्वंद्व का निज सूप----- बेहतरीन…"

kanta roy replied Mar 12, 2016 to "ओ.बी.ओ. लाइव महा उत्सव" अंक-65

997 Mar 13, 2016
Reply by नयना(आरती)कानिटकर

"वाह! यहाँ तो धूप की छटा ही निराली है ! विविध भावों में डूबी कभी अलसाई , तो कभी शर्मा…"

kanta roy replied Mar 12, 2016 to "ओ.बी.ओ. लाइव महा उत्सव" अंक-65

997 Mar 13, 2016
Reply by नयना(आरती)कानिटकर

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