For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

PRADEEP KUMAR SINGH KUSHWAHA's Discussions (965)

Discussions Replied To (536) Replies Latest Activity

"मुखौटो के पीछे छुपे नाग कितने न थकते कभी विष उगलते उगलते कहो और नारी सहे जुल्म कितने…"

PRADEEP KUMAR SINGH KUSHWAHA replied Jan 28, 2013 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" - अंक ३१ (Now Closed)

561 Jan 29, 2013
Reply by वीनस केसरी

"आदरणीय अशोक जी  सादर  रसदार मलाईदार बनी है गजल  दे रहा हूँ बधाई निकलते निकलते  बधाई…"

PRADEEP KUMAR SINGH KUSHWAHA replied Jan 28, 2013 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" - अंक ३१ (Now Closed)

561 Jan 29, 2013
Reply by वीनस केसरी

"आदरणीय आशिष जी  सस्नेह  सलिल' ख़ुद ही कर लेना अपनी हिफाजत,नहीं थामता कोई तुमको फिसलते…"

PRADEEP KUMAR SINGH KUSHWAHA replied Jan 28, 2013 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" - अंक ३१ (Now Closed)

561 Jan 29, 2013
Reply by वीनस केसरी

"न छोडे कभी जो भलाई का दामन,रखेगा ख़ुदा फूलते और फलते | आदरणीय बागी जी  सादर  रचना में…"

PRADEEP KUMAR SINGH KUSHWAHA replied Jan 28, 2013 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" - अंक ३१ (Now Closed)

561 Jan 29, 2013
Reply by वीनस केसरी

"आदरणीय अविनाश जी  सादर  मेहनत से अपनी वो आगे बढ़ा है,नौकर था घर का,भला क्यूँ हो जलते…"

PRADEEP KUMAR SINGH KUSHWAHA replied Jan 28, 2013 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" - अंक ३१ (Now Closed)

561 Jan 29, 2013
Reply by वीनस केसरी

"जिस बच्चे के लिए माँ पिता ने सब कुछ लुटायाउस बच्चे को ही आज माँ बाप खलते जी तपन जी …"

PRADEEP KUMAR SINGH KUSHWAHA replied Jan 28, 2013 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" - अंक ३१ (Now Closed)

561 Jan 29, 2013
Reply by वीनस केसरी

"जिन्हें वक़्त की कोई परवा नहीं थी दिखे हमको वो ही हाथों को मलते  आदरणीय संदीप जी  अब…"

PRADEEP KUMAR SINGH KUSHWAHA replied Jan 28, 2013 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" - अंक ३१ (Now Closed)

561 Jan 29, 2013
Reply by वीनस केसरी

"जला  दे न तुझको खुदी की अगन अब  कहा हिम ने रवि से पिघलते पिघलते आदरणीया राजेश कुमारी…"

PRADEEP KUMAR SINGH KUSHWAHA replied Jan 28, 2013 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" - अंक ३१ (Now Closed)

561 Jan 29, 2013
Reply by वीनस केसरी

"मासूम क्या जाने तल्खी जहाँ की .वो चन्दा को माँगे मचलते मचलते आदरणीय सतीश जी  सादर  इ…"

PRADEEP KUMAR SINGH KUSHWAHA replied Jan 28, 2013 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" - अंक ३१ (Now Closed)

561 Jan 29, 2013
Reply by वीनस केसरी

"किया था ख़बरदार जिसने सभी कोवही डगमगाया सँभलते सँभलते //7//  हरजीत साहब जी  बहुत खूब…"

PRADEEP KUMAR SINGH KUSHWAHA replied Jan 28, 2013 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" - अंक ३१ (Now Closed)

561 Jan 29, 2013
Reply by वीनस केसरी

RSS

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' posted a blog post

न पावन हुए जब मनों के लिए -लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"

१२२/१२२/१२२/१२****सदा बँट के जग में जमातों में हम रहे खून  लिखते  किताबों में हम।१। * हमें मौत …See More
8 hours ago
ajay sharma shared a profile on Facebook
yesterday
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"शुक्रिया आदरणीय।"
Monday
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"आदरणीय शेख शहज़ाद उस्मानी जी, पोस्ट पर आने एवं अपने विचारों से मार्ग दर्शन के लिए हार्दिक आभार।"
Sunday
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"सादर नमस्कार। पति-पत्नी संबंधों में यकायक तनाव आने और कोर्ट-कचहरी तक जाकर‌ वापस सकारात्मक…"
Sunday
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"आदाब। सोशल मीडियाई मित्रता के चलन के एक पहलू को उजागर करती सांकेतिक तंजदार रचना हेतु हार्दिक बधाई…"
Sunday
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"सादर नमस्कार।‌ रचना पटल पर अपना अमूल्य समय देकर रचना के संदेश पर समीक्षात्मक टिप्पणी और…"
Sunday
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"आदाब।‌ रचना पटल पर समय देकर रचना के मर्म पर समीक्षात्मक टिप्पणी और प्रोत्साहन हेतु हार्दिक…"
Sunday
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"आदरणीय शेख शहज़ाद उस्मानी जी, आपकी लघु कथा हम भारतीयों की विदेश में रहने वालों के प्रति जो…"
Sunday
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"आदरणीय मनन कुमार जी, आपने इतनी संक्षेप में बात को प्रसतुत कर सारी कहानी बता दी। इसे कहते हे बात…"
Sunday
AMAN SINHA and रौशन जसवाल विक्षिप्‍त are now friends
Sunday
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"आदरणीय मिथलेश वामनकर जी, प्रेत्साहन के लिए बहुत बहुत धन्यवाद।"
Sunday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service