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PRADEEP KUMAR SINGH KUSHWAHA's Discussions (965)

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"मुखौटो के पीछे छुपे नाग कितने न थकते कभी विष उगलते उगलते कहो और नारी सहे जुल्म कितने…"

PRADEEP KUMAR SINGH KUSHWAHA replied Jan 28, 2013 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" - अंक ३१ (Now Closed)

561 Jan 29, 2013
Reply by वीनस केसरी

"आदरणीय अशोक जी  सादर  रसदार मलाईदार बनी है गजल  दे रहा हूँ बधाई निकलते निकलते  बधाई…"

PRADEEP KUMAR SINGH KUSHWAHA replied Jan 28, 2013 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" - अंक ३१ (Now Closed)

561 Jan 29, 2013
Reply by वीनस केसरी

"आदरणीय आशिष जी  सस्नेह  सलिल' ख़ुद ही कर लेना अपनी हिफाजत,नहीं थामता कोई तुमको फिसलते…"

PRADEEP KUMAR SINGH KUSHWAHA replied Jan 28, 2013 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" - अंक ३१ (Now Closed)

561 Jan 29, 2013
Reply by वीनस केसरी

"न छोडे कभी जो भलाई का दामन,रखेगा ख़ुदा फूलते और फलते | आदरणीय बागी जी  सादर  रचना में…"

PRADEEP KUMAR SINGH KUSHWAHA replied Jan 28, 2013 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" - अंक ३१ (Now Closed)

561 Jan 29, 2013
Reply by वीनस केसरी

"आदरणीय अविनाश जी  सादर  मेहनत से अपनी वो आगे बढ़ा है,नौकर था घर का,भला क्यूँ हो जलते…"

PRADEEP KUMAR SINGH KUSHWAHA replied Jan 28, 2013 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" - अंक ३१ (Now Closed)

561 Jan 29, 2013
Reply by वीनस केसरी

"जिस बच्चे के लिए माँ पिता ने सब कुछ लुटायाउस बच्चे को ही आज माँ बाप खलते जी तपन जी …"

PRADEEP KUMAR SINGH KUSHWAHA replied Jan 28, 2013 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" - अंक ३१ (Now Closed)

561 Jan 29, 2013
Reply by वीनस केसरी

"जिन्हें वक़्त की कोई परवा नहीं थी दिखे हमको वो ही हाथों को मलते  आदरणीय संदीप जी  अब…"

PRADEEP KUMAR SINGH KUSHWAHA replied Jan 28, 2013 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" - अंक ३१ (Now Closed)

561 Jan 29, 2013
Reply by वीनस केसरी

"जला  दे न तुझको खुदी की अगन अब  कहा हिम ने रवि से पिघलते पिघलते आदरणीया राजेश कुमारी…"

PRADEEP KUMAR SINGH KUSHWAHA replied Jan 28, 2013 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" - अंक ३१ (Now Closed)

561 Jan 29, 2013
Reply by वीनस केसरी

"मासूम क्या जाने तल्खी जहाँ की .वो चन्दा को माँगे मचलते मचलते आदरणीय सतीश जी  सादर  इ…"

PRADEEP KUMAR SINGH KUSHWAHA replied Jan 28, 2013 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" - अंक ३१ (Now Closed)

561 Jan 29, 2013
Reply by वीनस केसरी

"किया था ख़बरदार जिसने सभी कोवही डगमगाया सँभलते सँभलते //7//  हरजीत साहब जी  बहुत खूब…"

PRADEEP KUMAR SINGH KUSHWAHA replied Jan 28, 2013 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" - अंक ३१ (Now Closed)

561 Jan 29, 2013
Reply by वीनस केसरी

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