For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

आशीष नैथानी 'सलिल''s Discussions (535)

Discussions Replied To (491) Replies Latest Activity

"वाह वाह वाह !!!शानदार ग़ज़ल भाई जी |हार्दिक बधाई..."

आशीष नैथानी 'सलिल' replied Jan 26, 2014 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-43

720 Jan 27, 2014
Reply by Er. Ganesh Jee "Bagi"

"ये चलन खूब चला है कि चलेंगे खोटेक्या कभी मैं भी इसी खोट में ढल जाऊँगा। वाह वाह !बढ़ि…"

आशीष नैथानी 'सलिल' replied Jan 25, 2014 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-43

720 Jan 27, 2014
Reply by Er. Ganesh Jee "Bagi"

"है अभी वक्त सदा दे तू बुला ले मुझकोहो गई देर तो मैं दूर निकल जाऊंगा | बढ़िया ग़ज़ल भाई…"

आशीष नैथानी 'सलिल' replied Jan 25, 2014 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-43

720 Jan 27, 2014
Reply by Er. Ganesh Jee "Bagi"

"मैं तेरी बज़्म में कब तक रहूँ रुस्वा होकर, तू जो कह देगा तो महफिल से निकल जाऊँगा।  व…"

आशीष नैथानी 'सलिल' replied Jan 25, 2014 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-43

720 Jan 27, 2014
Reply by Er. Ganesh Jee "Bagi"

"वाह वाह, खूबसूरत ग़ज़ल कही है आदरणीय नादिर जी | बहुत-बहुत बधाई |"

आशीष नैथानी 'सलिल' replied Jan 25, 2014 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-43

720 Jan 27, 2014
Reply by Er. Ganesh Jee "Bagi"

"घर पे आयेंगे मनाने ये जमानेवाले ,ये तो मुमकिन नहीं मै आज पिघल जाउंगा। बढ़िया शेर कहे…"

आशीष नैथानी 'सलिल' replied Jan 25, 2014 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-43

720 Jan 27, 2014
Reply by Er. Ganesh Jee "Bagi"

"हसरतें क़ैद में रखने से न पूरी होंगी मै हवा बन के कहीं से भी निकल जाउंगा   अच्छे अशआर…"

आशीष नैथानी 'सलिल' replied Jan 25, 2014 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-43

720 Jan 27, 2014
Reply by Er. Ganesh Jee "Bagi"

"इस पुरस्कार का तहेदिल से स्वागत है | "

आशीष नैथानी 'सलिल' replied Jan 1, 2014 to नववर्ष घोषणा : "स्वर्गीया जाहिदा इस्माइल सम्मान"

21 Feb 17, 2014
Reply by सूबे सिंह सुजान

"दुश्मनों से मुझे कुछ शिकायत नहीं अब तो मै दोस्तों का निशाना हुआ |  वाह बढ़िया ग़ज़ल आद…"

आशीष नैथानी 'सलिल' replied Dec 29, 2013 to ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा-अंक 42 (Now Close)

820 Dec 29, 2013
Reply by Saurabh Pandey

"जा के उनसे नज़र जो हमारी मिली हाय उनका वो नज़रें झुकाना हुआ !!    वाह.. खूब !! गैर अप…"

आशीष नैथानी 'सलिल' replied Dec 29, 2013 to ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा-अंक 42 (Now Close)

820 Dec 29, 2013
Reply by Saurabh Pandey

RSS

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-184
"आ. भाई महेंद्र जी, सादर अभिवादन। सुंदर गजल से मंच का शुभारम्भ करने के लिए हार्दिक बधाई।"
1 hour ago
Jaihind Raipuri joined Admin's group
Thumbnail

आंचलिक साहित्य

यहाँ पर आंचलिक साहित्य की रचनाओं को लिखा जा सकता है |See More
2 hours ago
Jaihind Raipuri replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-184
"हर सिम्त वो है फैला हुआ याद आ गया ज़ाहिद को मयकदे में ख़ुदा याद आ गया इस जगमगाती शह्र की हर शाम है…"
2 hours ago
Vikas replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-184
"विकास जोशी 'वाहिद' तन्हाइयों में रंग-ए-हिना याद आ गया आना था याद क्या मुझे क्या याद आ…"
3 hours ago
Tasdiq Ahmed Khan replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-184
"ग़ज़ल जो दे गया है मुझको दग़ा याद आ गयाशब होते ही वो जान ए अदा याद आ गया कैसे क़रार आए दिल ए…"
4 hours ago
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-184
"221 2121 1221 212 बर्बाद ज़िंदगी का मज़ा हमसे पूछिए दुश्मन से दोस्ती का मज़ा हमसे पूछिए १ पाते…"
4 hours ago
Manjeet kaur replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-184
"आदरणीय महेंद्र जी, ग़ज़ल की बधाई स्वीकार कीजिए"
6 hours ago
Manjeet kaur replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-184
"खुशबू सी उसकी लाई हवा याद आ गया, बन के वो शख़्स बाद-ए-सबा याद आ गया। वो शोख़ सी निगाहें औ'…"
6 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-184
"हमको नगर में गाँव खुला याद आ गयामानो स्वयं का भूला पता याद आ गया।१।*तम से घिरे थे लोग दिवस ढल गया…"
8 hours ago
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-184
"221    2121    1221    212    किस को बताऊँ दोस्त  मैं…"
8 hours ago
Mahendra Kumar replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-184
"सुनते हैं उसको मेरा पता याद आ गया क्या फिर से कोई काम नया याद आ गया जो कुछ भी मेरे साथ हुआ याद ही…"
15 hours ago
Admin posted a discussion

"ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-127 (विषय मुक्त)

आदरणीय साथियो,सादर नमन।."ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" में आप सभी का हार्दिक स्वागत है।प्रस्तुत…See More
15 hours ago

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service