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Pankaj Joshi's Discussions (250)

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प्रधान संपादक

"सुंदर भावपूर्णकथा सर ! आज के परिपेक्ष में खरी उतरती हुई । सादर"

Pankaj Joshi replied Sep 29, 2015 to "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-6 (विषय: प्रत्युत्तर)

1313 Oct 1, 2015
Reply by Archana Tripathi

"विषय से इतर होने के कारण यह अभिव्यक्ति आयोजन से हटाई जा रही है ..............मंच संच…"

Pankaj Joshi replied Sep 12, 2015 to "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-59

661 Sep 12, 2015
Reply by Ravi Shukla

"पुरोधागण जब भी नवांकुरो को आगे बढ़ने से रोकेंगे  आदरणीय जी तब तक नवांकुरों अपनी लेखनी…"

Pankaj Joshi replied Aug 29, 2015 to "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-5 (विषय: परिभाषा)

1028 Aug 31, 2015
Reply by Saurabh Pandey

"आदरणीया जी आपने कितनी सादगी से इतनी गम्भीर बात आसानी से कह दी । सुंदर लघुकथा ।सादर"

Pankaj Joshi replied Aug 29, 2015 to "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-5 (विषय: परिभाषा)

1028 Aug 31, 2015
Reply by Saurabh Pandey

"यह लघुकथा इस बात का द्योतक है कि  इंसान दौलत से सिर्फ भौतिक सुख प्राप्त कर सकता है आ…"

Pankaj Joshi replied Aug 29, 2015 to "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-5 (विषय: परिभाषा)

1028 Aug 31, 2015
Reply by Saurabh Pandey

"गज़ब की परिभाषा कही आदरणीया जी आपने स्नेहिल रिश्तों में वासना के कीड़े वातावरण को गन्द…"

Pankaj Joshi replied Aug 29, 2015 to "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-5 (विषय: परिभाषा)

1028 Aug 31, 2015
Reply by Saurabh Pandey

"नेहा जी वक़्त के साथ प्यार की परिभाषा भी बदल रही है नादान परिंदों की सुंदर अभिव्यक्ति…"

Pankaj Joshi replied Aug 29, 2015 to "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-5 (विषय: परिभाषा)

1028 Aug 31, 2015
Reply by Saurabh Pandey

"और भी गम हैं जमाने में , लोग क्या कहेंगी यह बिमारी सबसे बड़ी बिमारी है आ. चन्द्रेश जी…"

Pankaj Joshi replied Aug 29, 2015 to "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-5 (विषय: परिभाषा)

1028 Aug 31, 2015
Reply by Saurabh Pandey

"सुंदर परिभाषा है आदरणीय जी । सामाजिक समरसता से लेकर राजनीति की इतनी परिभाषायें कहना…"

Pankaj Joshi replied Aug 29, 2015 to "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-5 (विषय: परिभाषा)

1028 Aug 31, 2015
Reply by Saurabh Pandey

"धन्यवाद आ. मिथिलेश जी"

Pankaj Joshi replied Aug 29, 2015 to "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-5 (विषय: परिभाषा)

1028 Aug 31, 2015
Reply by Saurabh Pandey

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२२१/२१२१/१२२१/२१२ ***** जिनकी ज़बाँ से सुनते  हैं गहना ज़मीर है हमको उन्हीं की आँखों में पढ़ना ज़मीर…See More
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