For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

क्या है जीवन, आज समझने मैं आया हूँ

कठिन समय का दर्द सदा ही पाया मैंने

बस आशा का गीत   हमेशा गाया मैंने

जब तुम बनते धूप, बना तब मैं साया हूँ

 

जन्म काल से सत्य एक जो जुड़ा हुआ है

मानव की उफ़ जात बनी ये आदत कैसी

सदा ज्ञात यह बात मगर क्यों भूले जैसी

वहीँ शून्य आकाश एक पथ मुड़ा हुआ है

 

आया है जो आज उसे निश्चित है जाना

इस माटी का मोह, रहे क्यों साँझ सकारे?

इस माटी का रूप बदल जायेगा प्यारे 

फिर भी रे इंसान सत्य को कब पहचाना

 

कठिनाई पर व्यर्थ मनुज तेरा रोना है

जीवन का उत्थान कर्म पथ से होना है

 

(मौलिक व अप्रकाशित)

Views: 1180

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by मिथिलेश वामनकर on January 8, 2017 at 1:56pm
आदरणीय सुनील जी सराहना हेतु हार्दिक आभार। सॉनेट में यह मेरा प्रथम प्रयास है। ओबीओ मंच पर "भारतीय छंद विधान" समूह में सॉनेट की जानकारी उपलब्ध है। सुलभ सन्दर्भ हेतु लिंक दे रहा हूँ
http://www.openbooksonline.com/group/chhand/forum/topics/5170231:To...
Comment by सुनील प्रसाद(शाहाबादी) on January 8, 2017 at 8:56am
बहुत ही सुंदर अभव्यक्ति इस विधा की मुझे तनिक भी जानकारी नहीं है अतः मै इसकी तकनिकी जानकारी जरूर चाहूँगा आदरणीय।
Comment by सुनील प्रसाद(शाहाबादी) on January 8, 2017 at 8:54am
बहुत ही सुंदर अभव्यक्ति इस विधा की मुझे तनिक भी जानकारी नहीं है अतः मै इसकी तकनिकी जानकारी जरूर चाहूँगा आदरणीय।

सदस्य कार्यकारिणी
Comment by मिथिलेश वामनकर on January 7, 2017 at 11:52pm

आदरणीय उस्मानी जी, इस प्रयास की सराहना हेतु हार्दिक आभार. सॉनेट का यह मेरा भी प्रथम प्रयास है. इसे मैंने रोला छंद आधारित बाँधने का प्रयास किया है. सादर 

Comment by Sheikh Shahzad Usmani on January 7, 2017 at 11:42pm
जीवन दर्शन को ख़ूबसूरती से सॉनेट में पिरोया है। सादर हार्दिक बधाई। आपसे मैं भी अब यह विधा सीखना चाहूंगा।

सदस्य कार्यकारिणी
Comment by मिथिलेश वामनकर on January 7, 2017 at 11:08pm

आदरणीया KALPANA BHATT जी, इस प्रयास की सराहना और उत्साहवर्धक प्रतिक्रिया के लिए आपका हार्दिक आभार. बहुत बहुत धन्यवाद. सादर...


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by मिथिलेश वामनकर on January 7, 2017 at 11:08pm

आदरणीय Ram Ashery जी, इस प्रयास की सराहना और उत्साहवर्धक प्रतिक्रिया के लिए आपका हार्दिक आभार. बहुत बहुत धन्यवाद. सादर


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by मिथिलेश वामनकर on January 7, 2017 at 11:08pm

आदरणीय vijay nikore सर, इस प्रयास की सराहना और उत्साहवर्धक प्रतिक्रिया के लिए आपका हार्दिक आभार. बहुत बहुत धन्यवाद. सादर


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by मिथिलेश वामनकर on January 7, 2017 at 11:08pm

आदरणीय Ravi Shukla जी, इस प्रयास की सराहना और उत्साहवर्धक प्रतिक्रिया के लिए आपका हार्दिक आभार. बहुत बहुत धन्यवाद. सादर


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by मिथिलेश वामनकर on January 7, 2017 at 11:07pm

आदरणीय Dr Ashutosh Mishra जी इस प्रयास की सराहना और उत्साहवर्धक प्रतिक्रिया के लिए आपका हार्दिक आभार. बहुत बहुत धन्यवाद. सादर

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय दयाराम मेठानी जी आदाब, ग़ज़ल पर आपकी आमद और हौसला अफ़ज़ाई का तह-ए-दिल से शुक्रिया।"
7 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई दयाराम जी, सादर आभार।"
7 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई संजय जी हार्दिक आभार।"
7 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई मिथिलेश जी, सादर अभिवादन। गजल की प्रशंसा के लिए आभार।"
7 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. रिचा जी, हार्दिक धन्यवाद"
7 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई दिनेश जी, सादर आभार।"
7 hours ago
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय रिचा यादव जी, पोस्ट पर कमेंट के लिए हार्दिक आभार।"
8 hours ago
Shyam Narain Verma commented on Aazi Tamaam's blog post ग़ज़ल: ग़मज़दा आँखों का पानी
"नमस्ते जी, बहुत ही सुंदर प्रस्तुति, हार्दिक बधाई l सादर"
10 hours ago
Shyam Narain Verma commented on मिथिलेश वामनकर's blog post ग़ज़ल: उम्र भर हम सीखते चौकोर करना
"नमस्ते जी, बहुत ही सुंदर प्रस्तुति, हार्दिक बधाई l सादर"
10 hours ago
Sanjay Shukla replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय दिनेश जी, बहुत धन्यवाद"
10 hours ago
Sanjay Shukla replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय दयाराम जी, बहुत धन्यवाद"
10 hours ago
DINESH KUMAR VISHWAKARMA replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय दयाराम जी सादर नमस्कार। हौसला बढ़ाने हेतु आपका बहुत बहुत शुक्रियः"
11 hours ago

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service