1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे
2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |
3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |
BIJAY PATHAK's Comments
Comment Wall (12 comments)
You need to be a member of Open Books Online to add comments!
Join Open Books Online
सदस्य टीम प्रबंधनRana Pratap Singh said…
जन्म दिन मुबारक हो मित्र ..प्रभु आप को हर खुशियाँ दें ..आप यों ही समाज को रोशन करते रहें ..जय श्री राधे
मुख्य प्रबंधकEr. Ganesh Jee "Bagi" said…
janamdin mubarak ho
Welcome to
Open Books Online
Sign Up
or Sign In
कृपया ध्यान दे...
आवश्यक सूचना:-
1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे
2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |
3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |
4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)
5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |
6-Download OBO Android App Here
हिन्दी टाइप
देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...
साधन - 1
साधन - 2
Latest Blogs
दोहा पंचक. . . . .
दोहा दशम. . . . रोटी
ग़ज़ल: उम्र भर हम सीखते चौकोर करना
ग़ज़ल: ग़मज़दा आँखों का पानी
"ओबीओ की 14वीं सालगिरह का तुहफ़ा"
कैसे खैर मनाएँ
दोहा पंचक. . . . .प्रेम
यह धर्म युद्ध है
कुंडलिया .... गौरैया
बनो सब मीत होली में -लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'
काश कहीं ऐसा हो जाता
दोहा पंचक. . .
आँख मिचौली
ग़ज़ल -- दिनेश कुमार ( दस्तार ही जो सर पे सलामत नहीं रही )
दोहा पंचक. . . . .
ग़ज़ल -- दिनेश कुमार ( अदब की बज़्म का रुतबा गिरा नहीं सकता )
दोहा पंचक. . . . .नारी
ग़ज़ल -- दिनेश कुमार ( आप क्यूँ दूर दूर हैं हम से )
मेरे नाम की पाति
ग़ज़ल: सही सही बता है क्या
Latest Activity
सदस्य कार्यकारिणीमिथिलेश वामनकर posted a discussion
ओबीओ साहित्यिक संगोष्ठी जहीर की तहरीर'
सदस्य कार्यकारिणीमिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
सदस्य कार्यकारिणीमिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
सदस्य कार्यकारिणीमिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
सदस्य कार्यकारिणीमिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
सदस्य कार्यकारिणीमिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
सदस्य कार्यकारिणीमिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
सदस्य कार्यकारिणीमिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
सदस्य कार्यकारिणीमिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166