For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

केवल प्रसाद 'सत्यम''s Blog – June 2015 Archive (5)

खार रचता आदमी.....

गज़ल....खार रचता आदमी....

बह्र... 2122   2122   212

खुद को खुद से कब समझता आदमी.

जीत  कर  जब  हार  कहता  आदमी

मौन  में  संजीवनी  तो  है  मगर

मैं हुआ कब चुप अकडता आदमी.

आस्मां के पार भी खुशियां  दुखी,

हर कदम पर शूल सहता आदमी.

फूल-कलियां मुस्कराती हर समय,

देवता  को    भेंट   करता   आदमी.

आदमी  ही  आदमी  को  पूजता,

आचरण पशुता अखरता आदमी.

प्यार  में   सम्वेदना  …

Continue

Added by केवल प्रसाद 'सत्यम' on June 24, 2015 at 8:17pm — 14 Comments

मत्तगयन्द सवैया...

मत्तगयन्द सवैया // सात भगण + दो गुरू

बालक बुद्धि यही समझे, अखबार सुधार किया करते हैं।
जूठन खीर न दूध गिरे, इस हेतु बिछा भुइ को ढकते है।।
आखर-आखर कालिख ही, मन सोच-विचार भली कहते हैं।
मानव नित्य प्रलाप करे, अखबार प्रशासन ही छलते हैं।।

के0पी0सत्यम/ मौलिक व अप्रकाशित

Added by केवल प्रसाद 'सत्यम' on June 24, 2015 at 7:08pm — 4 Comments

सम्प्रदायिक दंगा...

सम्प्रदायिक दंगा...

चौराहों पर भीड़ अकड़ कर

भड़ास निकालती

दूकानें घबराकर छिप जाते बन्द डिब्बों में

जनानी खिड़कियां दुबक जातीं

देर सुबह तक.....शायद अनि-िश्चत काल के लिए

बिना पंख की हवाएं बिखेरतीं, सौरभ-अफवाहें

अर्ध्द खुली मर्द खिड़कियां, अवाक!

शहर की गली, सड़क सब सॉय-सॉय

...फुफकारते काले नाग

शोक में,  सब्जियां - फल सब दॉए-बॉए

नालियों में अपनी सूरतें देखतीं

सड़कों के मध्य चप्पलें दहाड़े मार कर रोती

जूते फटेहाल…

Continue

Added by केवल प्रसाद 'सत्यम' on June 17, 2015 at 8:30pm — 14 Comments

सांझ की सौतेली दुहिता...

सांझ की सौतेली दुहिता....निशा,

अति हृष्ट-पुष्ट,

द्वेष में लिप्त अति उर्वरा

सघन तम में भी फलती है,

असंख्य नखत

अभावों में जीते, रह-रहकर चमकते

दम्भ में हठी

राहू-केतु-भद्रा सी उप-िस्थति

सम्पूर्ण ब्रह्माण्ड को विचलित करते

चन्द्र अति शक्तिशाली किन्तु क्षीण

विपक्ष का नेता शशि शापित

उच्चताप में भी चन्दन

विषधारियों से आच्छादित

क्षण भर की लापरवाही से सौरभ छीन लेता

......बुद्धि-मन-प्राण भी,

तन.....बर्फ सा कठोर

चॉदनी उफ तक नहीं… Continue

Added by केवल प्रसाद 'सत्यम' on June 17, 2015 at 8:11pm — 12 Comments

किराए का घर--

किराए का घर--

शरीर,

लोभी और भोगी

सदैव आकर्षक, चकमक

किराए का घर

हवस की दीवारों पर टिकी

अहं - विकार की छत

बिखरी श्वेत चॉदनी पर चढा़ता

चाटुकारिता का रंग

टाड़-अलमारियों से झॉंकते

छल और कपट

सब मौन है।

ताख का टिमटिमाता दिया

किराएदार

आत्मा का वर्चस्व, संयमी-उद्यमी

र्निलिप्त कर्मो का प्रदाता

सॅवारता है सभी प्रकोष्ठ, सभ्य आचरण भी

बन्द खिड़कियो से चिपका

विवेक का वातानुकूलित सयंत्र

अनुरक्षण के दायित्व से…

Continue

Added by केवल प्रसाद 'सत्यम' on June 15, 2015 at 10:51pm — 6 Comments

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

Euphonic Amit replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"ठीक है पर कृपया मुक़द्दमे वाले शे'र का रब्त स्पष्ट करें?"
59 minutes ago
Euphonic Amit replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी जी  इस दाद और हौसला अफ़ज़ाई के लिए बहुत बहुत…"
1 hour ago
Euphonic Amit replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"बहुत बहुत शुक्रिय: आपका"
1 hour ago
Euphonic Amit replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"बहुत बहुत धन्यवाद आदरणीय "
1 hour ago
Euphonic Amit replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"बहुत बहुत शुक्रिय: आदरणीय "
1 hour ago
DINESH KUMAR VISHWAKARMA replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय अमीर जी सादर प्रणाम । बहुत बहुत बधाई आपको अच्छी ग़ज़ल हेतु । कृपया मक्ते में बह्र रदीफ़ की…"
1 hour ago
Euphonic Amit replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय DINESH KUMAR VISHWAKARMA जी आदाब  ग़ज़ल के अच्छे प्रयास के लिए बधाई स्वीकार करें। जो…"
1 hour ago
अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय 'अमित' जी आदाब, ग़ज़ल पर आपकी आमद और ज़र्रा नवाज़ी का तह-ए-दिल से शुक्रिया।"
1 hour ago
Euphonic Amit replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी जी आदाब। इस उम्द: ग़ज़ल के लिए ढेरों शुभकामनाएँ।"
1 hour ago
Euphonic Amit replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय Sanjay Shukla जी आदाब  ग़ज़ल के अच्छे प्रयास पर बधाई स्वीकार करें। इस जहाँ में मिले हर…"
1 hour ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. रिचा जी, अभिवादन।  गजल का प्रयास हुआ है सुधार के बाद यह बेहतर हो जायेगी।हार्दिक बधाई।"
3 hours ago
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय प्रेम जी नमस्कार अच्छी ग़ज़ल हुई है बधाई स्वीकार कीजिये गुणीजनों की टिप्पणियाँ क़ाबिले ग़ौर…"
5 hours ago

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service