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AMAN SINHA's Blog – February 2023 Archive (4)

मैं रोना चाहता हूँ

मैं रोना चाहता हूँ

बस एक बार रोना चाहता हूँ

अपने आँखों को आँसुओं से

खूब भींगोना चाहता हूँ

बस एक बार रोना चाहता हूँ



पता नहीं कब क्यूँ और कैसे

आँसू मेरे सुख गए

दर्द मिला है इतना के अब

दर्द के नाले सुख गए

बस रोकर उनको फिर से मैं

गीला करना चाहता हूँ

बस एक बार रोना चाहता हूँ



याद पड़ा जब छोटा था

बात-बात पर रोता था

थक जाता जब रो-रो कर

माँ के गोद में सोता था

फिर एक बार मैं

उस गोद में सोना चाहता हूँ

बस… Continue

Added by AMAN SINHA on February 27, 2023 at 12:52pm — 4 Comments

तुम मुझसे पहले जैसा प्यार नहीं करते

तुम मुझसे पहले जैसा प्यार नहीं करते

करते भी हो तो इजहार नहीं करते

कहो, क्यों पहले जैसा प्यार नहीं करते?

और करते हो तो क्यों इजहार नहीं करते?



क्यूँ जुबा पर बातें तेरी आते-आते रुक जाती है?

पहले जैसी लबों से तेरी क्यूँ फिसल ना जाती है?

पहले जैसी क्यूँ अब तेरी साँसे तेज़ नहीं चलती?

मेरी जैसी तेरी आहें अब क्यों बात नहीं करती?



क्यूँ अब तुम पहले जैसा कोई शिकवा नहीं करते?

क्यूँ छोटी-छोटी बातों पर तुम मेरे साथ नहीं लड़ते?

क्यूँ अब तेरा हँसना… Continue

Added by AMAN SINHA on February 25, 2023 at 12:31pm — No Comments

हम तुम तो ऐसे ना थे

वही दिन है वही रातें जैसे वर्षों पहले थे

पर अब जैसे तुम मिले हो पहले तो ऐसे ना थे

अब भी पुरानी तसवीरों में ऐसी है मुस्कान तेरी

जैसे कोई बांध के रख दे नज़रों से जुबान मेरी 

सन्दुक में रखे कपड़े तेरे नए आज भी लगते हैं

तेरी यादों की खुशबू से महके-महके से रहते हैं

हंसी पुरानी गयी कहाँ अब तेरे कपड़े तो ऐसे ना थे

पर अब जैसे तुम मिले…

Continue

Added by AMAN SINHA on February 22, 2023 at 10:00am — No Comments

करूंगा याद तुम्हें इतना

करूंगा याद तुम्हें इतना, मुझे भुला ना पाओगे

जपूँगा नाम मैं इतना, कि पानी पी ना पाओगे

हरेक आहट पर ये सोचोगे, मेरी आहट कहीं ना हो

दिखूँगा ख्वाब में इतना, कभी तुम सो ना पाओगे

रहूँगा पास मैं इतना, जुदा तुम हो ना पाओगे

रहूँगा सांस में ऐसे, अकेले रह ना पाओगे

कभी जो छोड़ना चाहो, मुझे तन्हा अंधेरे में

है मेरा वायदा तुमसे, अकेले चल ना…

Continue

Added by AMAN SINHA on February 11, 2023 at 7:17am — No Comments

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मिथिलेश वामनकर commented on मिथिलेश वामनकर's blog post कहूं तो केवल कहूं मैं इतना: मिथिलेश वामनकर
"आदरणीया प्राची दीदी जी, आपको नज़्म पसंद आई, जानकर खुशी हुई। इस प्रयास के अनुमोदन हेतु हार्दिक…"
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मिथिलेश वामनकर commented on मिथिलेश वामनकर's blog post कहूं तो केवल कहूं मैं इतना: मिथिलेश वामनकर
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