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Harish chander
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  • Dehradun
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Dec 29, 2022
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"ग़ज़ल 1222 /1222/1222/1222 अगर ग़ैरत हो तो इंसाँ कभी तन्हा नहीं रहता ख़ुदा का नाम लेता है मगर गिनता नहीं रहता फ़क़त किलकारियां ही गूंजती है मेरे कानो में "अजब मां हूँ कोई बच्चा मेरा ज़िंदा नहीं रहता" न जाने अश्क़ क्यों बेघर हुए जाते है आँखों…"
Dec 28, 2022
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ग़ज़ल की कक्षा

इस समूह मे ग़ज़ल की कक्षा आदरणीय श्री तिलक राज कपूर द्वारा आयोजित की जाएगी, जो सदस्य सीखने के इच्‍छुक है वो यह ग्रुप ज्वाइन कर लें |धन्यवाद |See More
Dec 22, 2022
Harish chander is now a member of Open Books Online
Dec 22, 2022

Profile Information

Gender
Male
City State
Dehradun
Native Place
Himachal
Profession
Job
About me
Doing job in Reliance jio but intrested also in shayari

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At 10:19am on April 9, 2024, Erica Woodward said…

I need to have a word privately,Could you please get back to me on ( mrs.ericaw1@gmail.com) Thanks.

 
 
 

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