For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

नई लकीर (लघुकथा)राहिला

"बेटा !बात हमारी गैरहाजिरी में उसे घर लाने की है।"
"तो मैं क्या करती अम्मी?आप ही बताएं ।उसे इस हाल में छोड़ा जा सकता था क्या?शुभम और रोहित से बोला था मैनें इसे एक दिन के लिए अपने घर पर रख लें, लेकिन उनके पास भी अपनी वाजिब वजहें थीं"
"ये सब मैं नहीं जानती शमा!तुम्हारे अब्बू को जब पता लगेगा की हमारी गैरहाजिरी में तुमने... "

"तो क्या गलत किया अम्मी?"
वह माँ की बात बीच में काट कर बोली।
"एक भी दिन का नागा ना करने वाला लड़का, चार दिन से ना स्कूल आया ना ट्यूशन।तब कहीं जाकर हम उसके रूम पर गए ।वहां जाकर देखा बेहोश पड़ा था।डॉक्टर ने मलेरिया बताया।चार दिन हो गए ढंग से उसने कुछ खाया नहीं । यहाँ इसका कोई है नहीं ,अब भी आपको लगता है मैनें गलत किया ?"
"चल एक बार को मैं तेरी बात समझ भी जाऊँ, लेकिन तेरे अब्बू समझने वाले हैं क्या?और ये कब तक रहेगा यहाँ?"
"अरे तो एसटीडी से इसके घर वालों को इत्तला दे दी है ना ,वे लोग आते होंगे।रही बात अब्बू की, तो उन्हें जबाब मिल जाएगा"
अब तक शान्ति से जबाब देती आ रही शमा का लहज़ा यहाँ थोड़ा तल्ख़ सा हो गया।
"अच्छा तो तू अब उन से भी जुबान दराज़ी करेगी?"
"जरूरत ही नहीं पड़ेगी । कह कर वह दनदनाती बाहर निकल गयी।
थोड़ी ही देर में संदेश के घर वाले हैरान परेशान से शमा के घर पहुँच गए।और पीछे से शमा भी।
"बिटिया का किन शब्दों में धन्यवाद करें बहन जी! इकलौता लड़का है हमारा ।पढ़ाई की वजह से यहां अकेला रह रहा है।अगर वक़्त पर बिटिया सुध ना लेती तो जाने क्या होता?" संदेश के पिता कृतज्ञ भाव से बोले।हमीदा बेग़म को समझ नहीं आ रहा था क्या प्रतिक्रिया दें।
तभी शमा के अब्बू भी आ गए।थोड़ी देर में सारे हालात उनके भी सामने थे।
"भाईसाहब !बड़ा अहसान किया आपकी बच्ची ने हमपर।"
"अंकल!अहसान कह कर शर्मिंदा ना करें ।क्या मैं आपकी बेटी जैसी नहीं ?अगर नहीं, तो बना लीजिए। वैसे भी मेरा कोई भाई नहीं है ।और आज रक्षाबंधन है। "उसने मुठ्ठी में बंद राखी को सामने रख, हाथ की लकीरों में भाई की लकीर खींचते हुए कहा।

मौलिक एवं अप्रकाशित

Views: 911

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by नाथ सोनांचली on September 5, 2017 at 1:57pm
दिल को छूती अच्छी लघुकथा है, बधाई

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

DINESH KUMAR VISHWAKARMA replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय संजय शुक्ला जी सादर अभिवादन स्वीकार करें। अच्छी ग़ज़ल हेतु बधाई।"
5 minutes ago
DINESH KUMAR VISHWAKARMA replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय मिथिलेश जी सादर नमस्कार। बहुत बहुत आभार आपका।"
8 minutes ago
DINESH KUMAR VISHWAKARMA replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"सादर नमस्कार। बहुत बहुत शुक्रियः आपका"
9 minutes ago
DINESH KUMAR VISHWAKARMA replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय अमित जी सादर अभिवादन स्वीकार करें। अच्छी ग़ज़ल हेतु बधाई आपको।"
10 minutes ago
DINESH KUMAR VISHWAKARMA replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"सम्माननीय ऋचा जी । बहुत बहुत आभार"
11 minutes ago
DINESH KUMAR VISHWAKARMA replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय यूफोनिक अमित जी सादर अभिवादन स्वीकार करें। आदरणीय ग़ज़ल तक आने व बहुमूल्य प्रतिक्रिया हेतु…"
12 minutes ago
Euphonic Amit replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"जी बहुत बहुत शुक्रिय: आदरणीय "
59 minutes ago
Euphonic Amit replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"बहुत बहुत शुक्रिय: आदरणीय "
59 minutes ago
Euphonic Amit replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"बहुत बहुत धन्यवाद आदरणीय "
59 minutes ago
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय दयाराम जी बहुत शुक्रिया आपका हौसला अफ़ज़ाई के।लिए सादर"
1 hour ago
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय संजय जी बहुत शुक्रिया आपका हौसला अफ़ज़ाई के लिए सादर"
1 hour ago
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय दयाराम जी नमस्कार अच्छी ग़ज़ल हुई है बधाई स्वीकार कीजिये अमित जी की इस्लाह क़ाबिले ग़ौर…"
1 hour ago

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service