For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

Dr T R Sukul's Discussions (972)

Discussions Replied To (129) Replies Latest Activity

""अपने यहाँ अस्त होने से ,नहीं रुकेगा मेला  हर पल हर दम सतत चलेगा ,जीवन का ये खेला" आ…"

Dr T R Sukul replied Feb 19, 2016 to "ओबीओ चित्र से काव्य तक छंदोत्सव" अंक- 58

598 Feb 21, 2016
Reply by मिथिलेश वामनकर

"आदरणीय पंकज जी, बढ़िया प्रस्तुति. इस प्रस्तुति हेतु हार्दिक बधाई."

Dr T R Sukul replied Feb 19, 2016 to "ओबीओ चित्र से काव्य तक छंदोत्सव" अंक- 58

598 Feb 21, 2016
Reply by मिथिलेश वामनकर

"सही कहा आदरणीय सौरभ पाण्डेय जी। सभी लोग परम ज्ञानी  बन जाते हैं श्मशान में पहुंचकर औ…"

Dr T R Sukul replied Feb 19, 2016 to "ओबीओ चित्र से काव्य तक छंदोत्सव" अंक- 58

598 Feb 21, 2016
Reply by मिथिलेश वामनकर

"लगता तो ऐसा ही है कि "मौन सूर्य है, मौन चित्र है, मौन दिशायें सारी    मौन दृश्य का अ…"

Dr T R Sukul replied Feb 19, 2016 to "ओबीओ चित्र से काव्य तक छंदोत्सव" अंक- 58

598 Feb 21, 2016
Reply by मिथिलेश वामनकर

"मानवीय समझ में वैराग्य की महत्ता तो सभी जानते हैं. लेकिन एक गृहस्थ इसकी वेदना को, भल…"

Dr T R Sukul replied Feb 19, 2016 to "ओबीओ चित्र से काव्य तक छंदोत्सव" अंक- 58

598 Feb 21, 2016
Reply by मिथिलेश वामनकर

"गीत  === बहुत चल चुका साथ तुम्हारे,  अब मैं बिलकुल पस्त हो गया ! राजमार्ग को दे तिला…"

Dr T R Sukul replied Feb 19, 2016 to "ओबीओ चित्र से काव्य तक छंदोत्सव" अंक- 58

598 Feb 21, 2016
Reply by मिथिलेश वामनकर

"आदरणीय पाण्डेय महोदयजी ,आपकी विस्तृत टीप के लिए अनेकानेक धन्यवाद। छंद रचनाओं के मर्म…"

Dr T R Sukul replied Dec 19, 2015 to "ओबीओ चित्र से काव्य तक’ छंदोत्सव" अंक- 56

636 Dec 19, 2015
Reply by मिथिलेश वामनकर

"सबकी अपनी सोच है ,सब हैं उद्भट ज्ञानी। शब्दों के इस व्यूह में , फंस बैठा अज्ञानी। h…"

Dr T R Sukul replied Dec 19, 2015 to "ओबीओ चित्र से काव्य तक’ छंदोत्सव" अंक- 56

636 Dec 19, 2015
Reply by मिथिलेश वामनकर

"सबकी अपनी सोच है ,सब हैं उद्भट ज्ञानी। शब्दों के इस व्यूह में , फंस बैठा अज्ञानी।"

Dr T R Sukul replied Dec 19, 2015 to "ओबीओ चित्र से काव्य तक’ छंदोत्सव" अंक- 56

636 Dec 19, 2015
Reply by मिथिलेश वामनकर

"किस प्रकार आभार करू मैं , व्यक्त अकेला भाई। अंग्रेजी दुत्कार रहे फिर , उर्दू क्यों अ…"

Dr T R Sukul replied Dec 19, 2015 to "ओबीओ चित्र से काव्य तक’ छंदोत्सव" अंक- 56

636 Dec 19, 2015
Reply by मिथिलेश वामनकर

RSS

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity


सदस्य टीम प्रबंधन
Dr.Prachi Singh commented on मिथिलेश वामनकर's blog post कहूं तो केवल कहूं मैं इतना: मिथिलेश वामनकर
"बहुत सुंदर अभिव्यक्ति हुई है आ. मिथिलेश भाई जी कल्पनाओं की तसल्लियों को नकारते हुए यथार्थ को…"
Friday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on मिथिलेश वामनकर's blog post कहूं तो केवल कहूं मैं इतना: मिथिलेश वामनकर
"आदरणीय मिथिलेश भाई, निवेदन का प्रस्तुत स्वर यथार्थ की चौखट पर नत है। परन्तु, अपनी अस्मिता को नकारता…"
Thursday
Sushil Sarna posted blog posts
Wednesday
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post दोहा पंचक. . . . .
"आदरणीय मिथिलेश वामनकर जी सृजन के भावों को मान देने का दिल से आभार ।विलम्ब के लिए क्षमा सर ।"
Wednesday
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post कुंडलिया .... गौरैया
"आदरणीय मिथिलेश वामनकर जी सृजन के भावों को मान देने का दिल से आभार आदरणीय जी । सहमत एवं संशोधित ।…"
Wednesday
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post दोहा पंचक. . . . .प्रेम
"आदरणीय मिथिलेश वामनकर जी सृजन पर आपकी मनोहारी प्रशंसा का दिल से आभार आदरणीय"
Jun 3
Sushil Sarna posted a blog post

दोहा पंचक. . . . .मजदूर

दोहा पंचक. . . . मजदूरवक्त  बिता कर देखिए, मजदूरों के साथ । गीला रहता स्वेद से , हरदम उनका माथ…See More
Jun 3

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर commented on मिथिलेश वामनकर's blog post कहूं तो केवल कहूं मैं इतना: मिथिलेश वामनकर
"आदरणीय सुशील सरना जी मेरे प्रयास के अनुमोदन हेतु हार्दिक धन्यवाद आपका। सादर।"
Jun 3
Sushil Sarna commented on मिथिलेश वामनकर's blog post कहूं तो केवल कहूं मैं इतना: मिथिलेश वामनकर
"बेहतरीन 👌 प्रस्तुति सर हार्दिक बधाई "
Jun 2
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post दोहा पंचक. . . . .मजदूर
"आदरणीय मिथिलेश वामनकर जी सृजन पर आपकी समीक्षात्मक मधुर प्रतिक्रिया का दिल से आभार । सहमत एवं…"
Jun 2
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post दोहा पंचक. . . . .मजदूर
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी सृजन आपकी मनोहारी प्रशंसा का दिल से आभारी है सर"
Jun 2
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post कुंडलिया. . .
"आदरणीय मिथिलेश वामनकर जी सृजन आपकी स्नेहिल प्रशंसा का दिल से आभारी है सर"
Jun 2

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service