View
Discussions Replied To (74) | Replies | Latest Activity |
---|---|---|
"आँखों के ओ मेघ ! बरस मत, भले घुमड़ ले ! सखी-सहेली ताड़ न लें जो दिल में गहरी पर ये गहर…"shree suneel replied Jul 17, 2015 to "ओबीओ चित्र से काव्य तक छंदोत्सव" अंक-51 |
618 |
Jul 19, 2015 Reply by मिथिलेश वामनकर |
"पेड़ों पर झूले पड़े, सावन मास बहार। बारी बारी झूलना, कहती सखियाँ चार॥... बधाई.. बधाई आ…"shree suneel replied Jul 17, 2015 to "ओबीओ चित्र से काव्य तक छंदोत्सव" अंक-51 |
618 |
Jul 19, 2015 Reply by मिथिलेश वामनकर |
"सुन्दर.. अति सुन्दर गीत प्रस्तुत किया गया आपके द्वारा आदरणीय मिथलेश वामनकर सर. माहौल…"shree suneel replied Jul 17, 2015 to "ओबीओ चित्र से काव्य तक छंदोत्सव" अंक-51 |
618 |
Jul 19, 2015 Reply by मिथिलेश वामनकर |
"रोला छंद तू क्यों नाचे मोर!, बता क्यों खुश इतना है बाग, फूल भा गये, कि कारण घन उठना…"shree suneel replied Jul 17, 2015 to "ओबीओ चित्र से काव्य तक छंदोत्सव" अंक-51 |
618 |
Jul 19, 2015 Reply by मिथिलेश वामनकर |
आवश्यक सूचना:-
1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे
2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |
3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |
4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)
5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |
© 2024 Created by Admin. Powered by
महत्वपूर्ण लिंक्स :- ग़ज़ल की कक्षा ग़ज़ल की बातें ग़ज़ल से सम्बंधित शब्द और उनके अर्थ रदीफ़ काफ़िया बहर परिचय और मात्रा गणना बहर के भेद व तकतीअ
ओपन बुक्स ऑनलाइन डाट कॉम साहित्यकारों व पाठकों का एक साझा मंच है, इस मंच पर प्रकाशित सभी लेख, रचनाएँ और विचार उनकी निजी सम्पत्ति हैं जिससे सहमत होना ओबीओ प्रबन्धन के लिये आवश्यक नहीं है | लेखक या प्रबन्धन की अनुमति के बिना ओबीओ पर प्रकाशित सामग्रियों का किसी भी रूप में प्रयोग करना वर्जित है |