भोजपुरी साहित्य

Open Books Online परिवार के सब सदस्य लोगन से निहोरा बा कि भोजपुरी साहित्य और भोजपुरी से जुड़ल बात ऐह ग्रुप मे लिखी सभे ।


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    गजल - सीसा टूटल रउआ पाछा // --सौरभ

    २२ २२ २२ २२  आपन पहिले नाता पाछानाहक गइनीं उनका पाछा  का दइबा का आङन मीलल राहू-केतू आगा-पाछा  कवना बाग-बगइचा जाओपतझड़ लागल जेकरा पाछा  सावन-भादों पानी-पानी -अँखिया कइलस, बदरा पाछा  रूप-सिङार करीं का कइसेसीसा टूटल रउआ पाछा  परदा में हलचल के निकहा दुनिया जानल पल्ला पाछा  मंच सजल बा गजब भाव सेपढ़ीं…

    By Saurabh Pandey

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    गजल : निभत बा दरद से // सौरभ

    जवन घाव पाकी उहे दी दवाईनिभत बा दरद से निभे दीं मिताई  बजर लीं भले खून माथा चढ़ावत कइलका कहाई अलाई बलाई  बहाना बनाके कटावत बा कन्नी मने मन गुनीं अब.. का कइनीं भलाई  ऊ कवना घड़ी में कवन जोग जागल जमुन-गंग के बीच लउकत बा खाई  धरा बन गगन जन-बसाहट में बा ऊ जे बाटे गते गत त के अब लुकाई  भले हम ना बोलीं मगर…

    By Saurabh Pandey

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  • वाह रे उद्योगपति कईलs लोग बढ़िया काम...

    वाह रे उद्योगपति कईलs लोग बढ़िया काम ,शहद में जहर मिलवलs कईलs अइसन काम,हमनी के विश्वास कईनीसन आँख बंद करी के ,दुश्मन दोस्त खुबे लुटलs हमदर्द बनी के ,इ हिंदुस्तान के आगे वाला लोग कईलस काम ,वाह रे उद्योगपति कईलs लोग बढ़िया काम ,सिखावेलन उहो हमनी के बढ़िया काम करिहs,देश के हित में तूहु बढ़िया नाम करिहs,का…

    By Rash Bihari Ravi

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  • भोजपुरी गजल

    भोजपुरी गीतिका/गजलमनब कि ना मनब, तू बेशी अगरइब?आइल बा बुढ़ापा,अब गरहा में जइब।1खोज तारअ फूल अब कहाँ पहुँचइब?नजर धुंधला गइल,सूँघब कि सटइब?2बेरी-बेरी हो छेदी,काहे तुड़ात बाड़अ?अब कवन देवी किहाँ फूल तू चढ़इब?3बेदी-बेदी घूम अइल,कह ना का भइल?अब कवन बेदी जाके फेर अझुरइब?4सुन मान अ बात,छोड़ लगावल पायेंत,नयकिन…

    By Manan Kumar singh

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    भोजपुरी नवगीत - जे महाभारत मचल बा // सौरभ

    जे महाभारत मचल बा बऽड़-बड़का खेत भइले.. आमजन के बात का ?जजबात का ? नस-धमनियन में बहत माहुर सभन के माथ से चुइ बन पसीना पोर-पोरे खात बा, चल रहल बा जुद्ध के हड़कंप जानीं रात-दिन, ऊऽ.. बेकहल हड़बोङ अस उफिनात बा पढ़ि-गुनत हम मन-महाभारत कहीं तऽ जान गइनीं धैर्य-गरिमा छूटि के भहरात बा ! जीउ बख्ससु रामजी बलु…

    By Saurabh Pandey

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  • सुनीं सुनीं सरकार : आशीष यादव

    सुनीं सुनीं सरकार हम बानी बेरोजगार तनी सुनी ना पुकार देई जिनिगी सुधार फारम भरले साल बीतल जिनिगी बेहाल बीतल तोहरा के का बुझाई जेकर खुशहाल बीतल पढ़त पढ़त चानी प कझर गईल बार सुनी सुनी सरकारसुधि न हमार लिहलींवादा प गुजार देहलींकरम कुकरम सेआशा क दीवार ढहलीं मंगनी रिजल्ट रऊआ फोड़ली कपारसुनी सुनी…

    By आशीष यादव

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    पापा के नाँवे // सौरभ

    का बोलीं का हाल हम, रउरे पाटल खेतपापा अपना पूत के, सोचब दँवरी देत टूसा-कोंढ़ी फूल-फल, अङनों अनधन बाढ़िपापा रउरा हाथ के, फुला रहल सभ डाढ़ि  सम्हरल बा घर पाइ के, राउर भाव-असीस ले जाओ बाकिर कहाँ, माई आपन टीस !?***सौरभ 

    By Saurabh Pandey

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    गजल (भोजपुरी) // -सौरभ

    १२२ १२२ १२२ १२२रटौले रटल बा नियम का ह, मत का ? बुझाइल कबो ना सही का, गलत का ! सियासत के सोझगर गनितओ बुझाई गुना-भाग छोड़ीं, बताईं जुगत का ? गुनत जा रहल बा, पटाइल उपासे- कमाई जे हासिल, त आखिर बचत का ? धुआँ बा, कुहा बा, रुखाइल घर-आङन सुखाइल इनारा त ढेंकुल, जगत का ? चकाचौंध देखी, लहालोट होखी.. मताइल…

    By Saurabh Pandey

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  • कवनो देश नाहीं सुघ्घर हिंदुस्तान से (पैरोडी)

    सबसे सुंदर लुभावन पावन, इ बा मनभावन, कि सगरो जहान से कौनो देश नाही सुघ्घर हिंदुस्तान सेउत्तर में देखा हो, हिमालय जेकर माथ बा दक्षिण में फइलल सागर गंगा कावेरी कृष्णा, नर्मदा गोदावरी बाँटेलीं अमरित घर घर कई तरह के फसल उगेलाकई तरह के फसल उगेला जन गण मन हरषेला लोग झूमेला बन मस्तानाकि होके दीवाना रहेला…

    By आशीष यादव

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    पाँच गो फरकल दोहा // --सौरभ

    लबरहिया के बात का, बकरी वाली फोंsह सगर चरित्तर नासि के, छछनो कढ़ली घोंsह  कुकुर जमाती राति-दिन, भूँक बतासे भूँक भइल असामी मोट, भा, भालू मरलस फूँक !  चढ़ल कपारे आजु जे, काल्हु उहे मुकुराह चsढ़ल सूरुज देखि लs, आसिन में निखुराह  दिन-दुपहर के नरमई, राति कउड़ के बाँव गमे-गमे लागल चले, गरम साँस अब…

    By Saurabh Pandey

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