आदरणीय साहित्य प्रेमियो, जैसाकि आप सभी को ज्ञात ही है, महा-उत्सव आयोजन दरअसल रचनाकारों, विशेषकर नव-हस्ताक्षरों, के लिए अपनी कलम की धार को और भी तीक्ष्ण करने का अवसर प्रदान करता है. इसी क्रम में प्रस्तुत है : "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-176 विषय : "पूनम की रात" आयोजन अवधि-12 जुलाई 2025, दिन…
परम आत्मीय स्वजन,ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरे के 181 वें अंक में आपका हार्दिक स्वागत है | इस बार का मिसरा वरिष्ठ साहित्यकार स्वर्गीय गोपाल दास ‘नीरज’ जी की ग़ज़ल से लिया गया है।तरही मिसरा है:“तुझ को मुझ से इस समय सूने में मिलना चाहिए”बह्र है फ़ायलातुन्, फ़ायलातुन्, फ़ायलातुन्, फ़ायलुन् अर्थात् 2122 2122 2122…
आदरणीय साथियो,सादर नमन।."ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" में आप सभी का हार्दिक स्वागत है।प्रस्तुत है....."ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-124विषय : प्रतिशोधअवधि : 30-07-2025 से 31-07-2025.अति आवश्यक सूचना:-1. सदस्यगण आयोजन अवधि के दौरान अपनी केवल एक लघुकथा पोस्ट कर सकते हैं।2. रचनाकारों से निवेदन है कि अपनी…
आदरणीय साथियो,सादर नमन।."ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-123 में आप सभी का हार्दिक स्वागत है।"ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-123विषय : जय/पराजयअवधि : 29-06-2025 से 30-06-2025.अति आवश्यक सूचना:-1. सदस्यगण आयोजन अवधि के दौरान अपनी केवल एक लघुकथा पोस्ट कर सकते हैं।2. रचनाकारों से निवेदन है कि अपनी…
परम आत्मीय स्वजन, ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरे के 180 वें अंक में आपका हार्दिक स्वागत है | इस बार का मिसरा वरिष्ठ साहित्यकार रामदरश मिश्र जी की ग़ज़ल से लिया गया है। तरही मिसरा है: “वहाँ मैं भी पहुँचा मगर धीरे धीरे” बह्र है फ़ऊलुन्x4 अर्थात् 122 122 122 122 रदीफ़ है ‘धीरे धीरे’’ और क़ाफ़िया है ‘’अर’’…
आदरणीय साहित्य प्रेमियो, जैसाकि आप सभी को ज्ञात ही है, महा-उत्सव आयोजन दरअसल रचनाकारों, विशेषकर नव-हस्ताक्षरों, के लिए अपनी कलम की धार को और भी तीक्ष्ण करने का अवसर प्रदान करता है. इसी क्रम में प्रस्तुत है : "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-175 विषय : "विश्वासघात" आयोजन अवधि-14 जून 2025, दिन शनिवार…
आदरणीय साथियो,सादर नमन।."ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-122 में आप सभी का हार्दिक स्वागत है।"ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-122विषय : रचनाकार अपने मनपसंद विषय पर लिख सकते हैं।अवधि : 30-05-2025 से 31-05-2025.अति आवश्यक सूचना:-1. सदस्यगण आयोजन अवधि के दौरान अपनी केवल एक लघुकथा पोस्ट कर सकते हैं।2.…
परम आत्मीय स्वजन, ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरे के 179 वें अंक में आपका हार्दिक स्वागत है | इस बार का मिसरा स्वर्गीय ज़हीर कुर्रेशी साहब की ग़ज़ल से लिया गया है। तरही मिसरा है: ‘’लोग अपनी सोच का विस्तार भी करते रहे।‘’ बह्र है फ़ायलातुन् फ़ायलातुन् फ़ायलातुन् फ़ायलुन् अर्थात्2122 2122 2122 212 रदीफ़ है…
आदरणीय साहित्य प्रेमियो, जैसाकि आप सभी को ज्ञात ही है, महा-उत्सव आयोजन दरअसल रचनाकारों, विशेषकर नव-हस्ताक्षरों, के लिए अपनी कलम की धार को और भी तीक्ष्ण करने का अवसर प्रदान करता है. इसी क्रम में प्रस्तुत है : "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-174 विषय : "शांति और युद्ध" आयोजन अवधि-10 मई 2025, दिन…
"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-178 के आयोजन के क्रम में विषय से परे कुछ ऐसे बिन्दुओं को लेकर हुई चर्चा की सूचना मिली है, और इसी क्रम में उक्त चर्चा को आयोजन के पटल पर पढ़ा और देखा भी गया है, जिनका होना ओबीओ पटल की परम्परा के अनुरूप कत्तई नहीं है. ऐसे कथन, ऐसे वाक्य किसी तौर पर किसी सदस्य की…