"पंजाबी साहित्य"(ਪੰਜਾਬੀ ਸਾਹਿਤ)

यहाँ पर पंजाबी साहित्य की रचनाओं को लिखा जा सकता है |
  • ਅਫਸੋਸ ( ਮਿੰਨੀ ਕਹਾਣੀ)

                                     ਅਫਸੋਸ ਅੱਜ ਬਾਪੁ ਸਾਹਿਬ ਸਿੰਘ ਦਾ ਸਸਕਾਰ ਸੀ ,ਸਾਰਾ ਪਿੰਡ ਸਸਕਾਰ ਨਾਲ ਗਿਆ ਹੋਇਆ  ਸੀ ,ਬੜੇ ਰੁਤਬੇ ਵਾਲਾ ਬੰਦਾ ਜੁ ਸੀ ਓਹ \ ਦੇਬੇ ਹਲਵਾਈ ਨੇ ਵੀ ਆਪਦੇ  ਨੌਕਰ ਨੂੰ ਆਖਿਆ , " ਤੂੰ  ਦੁਕਾਨ ਸੰਭਾਲ , ਮੈਂ ਮਸਾਣਾਂ ਨੂੰ  ਚਲਦਾਂ, ਓਹ ਹੁਣ ਪਹੁੰਚ ਗਏ ਹੋਣੇ ਆ\ ਸਸਕਾਰ ਪਿਛੋਂ ਜਾਣ ਦਾ ਕੀ ਫਾਇਦਾ ?" ਨੌਕਰ ਆਖਦਾ ,"ਓਥੇ ਜਾ ਤੁਸੀਂ…

    By Surjit Singh Sirdi

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  • हुंण मैं की करां .......

    हुंण मैं की करां .......  रुड़ जाणी नूं ले के सौंदा मेरी कदर न जाने आसे पासे लौकी देंदे सौतन दे मैनूं ताने बावाँ विच वी हो के ओ ताँ मेनू न पछाणे ओनू लावे होठां नाल ते मेरी कदर जाने की करां मेरे रब्बा हुंण मैं की करां हाय वे मेरे रब्बा हुंण मैं की करां … रोज रात नूं पी के करदा मेरियां…

    By Sushil Sarna

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  • हुण आ गया सावन ……

    अम्बराँ विच चमकदी बिजली, देंदी सौ सौ वाजाँ हुण आ गया सावन ओ जोगी घर तूं वी घर आजाइक ताँ अग लगावन बूँदां ते दूजियाँ तेरियां यादाँहुण आ गया सावन ओ जोगी घर तूं वी घर आजा मेनू नींद न आवे, तेरी याद सतावेमैं होके भरदी, तैनू  तरस  न आवेझूठे सारे संदेसे  तेरे,  कैंदियाँ  मेरियां बावाँकद तक वेखां बैठी बैठी…

    By Sushil Sarna

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  • नौआं साल

    नौएँ  साले  2013 दी सबनिजो लक्ख लक्ख बधाई  नौआं साल  छड्डी चलेया पुराणा साल नौआं आणे यो त्यार तिन्नी क्या सांजो अम्ब देयी दित्ते  इन्नीं क्या देयी देणा गुलगुलेयाँ दा थालऐह कलयुग है किच्छ…

    By Deepak Sharma Kuluvi

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  • मामा जीती गेया

    मामा जीती गेया जीती गेया मेरा मामा ओ लोकोहुण होई जाणी अपणी मौज छड्ड दिल्लिया असाँ चली जाणा कुल्लूबणाई लैणी अपणी फौज़दिन भर करनी मटरगस्तीकोई कम्म न काज नौइं नौइं गड्डियाँ चलाणियाँलोको असाँ ताँ रोज़ चेल्ले चपाटे अग्गे पिच्छेखुल्ला सैर सपाटा टोपू लगाणा नैहरुए आलाबनाणे मज़ेदार पोज़ दीपक 'कुल्लुवी' 20…

    By Deepak Sharma Kuluvi

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  • आयी दयाली

    आयी दयालीहाई वो लोको आयी दयालीखर्चा बड़ा पर खीसा खाल्लीचाली रपैय्ये होई गयी खंडकियाँ पीणी चायी दी प्याल्ली हुण ताँ पाईया बूंदी लयोआसारे मिली जुली वंडी के खासबनिदे बजी गयो बारह यारो   तू भी…

    By Deepak Sharma Kuluvi

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  • (जाणा कल्लेयाँ ही पैंदा)

    रब्ब दी रज़ा जे मंनेंगा ते सुख भरपूर तू पाँवेंगानहीं ते जीवन भर तू बंदेया कलपदा ही रह जांवेंगा**************************************पंजाबी रचना(जाणा कल्लेयाँ ही पैंदा)जाणा कल्लेयाँ ही…

    By Deepak Sharma Kuluvi

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  • करवा चौथे दा लुत्फ़

    करवा चौथे दा लुत्फ़ लाड़ी ग्लांदी पैर बंदायी लेयाकरवा चौथे दा लुत्फ़ उठाई लेयाव्रत रख्खी के थक्की गयी मैं ताँतुसां रोटी अप्पू बणाई के खाई लेया भांडे मांजी के पैर दवाई दिन्यो   काजू बादमे दा…

    By Deepak Sharma Kuluvi

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  • कैहं नी लगांदे

    कैहं नी लगांदे  लाड़ी ग्लांदी चला वो सारे गंगा नौहई औईएसारे मिलिके पापी महापापी रावणे जो फूकी औईएदेया करड़ा है मरदा नी मड़ा हर साल जन्म लेई लैंदासाड़े गरीब मुल्खे दा करोडाँ दा खर्चा कराई दिंदाअसां भी पागल चलेयो रैहंदे तिस्जो ईयाँ ही फूकणाकंगाल होई जाणा असां सारेयां ताँ तिस्दा क्या मुक़णा जितणा पैसा…

    By Deepak Sharma Kuluvi

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  • ਤੀਆਂ ਤੀਜ ਦੀਆਂ

    ਅੱਜ 9 ਸਾਉਣ ਹੈ।ਤੀਆਂ ਦਾ ਤਿਉਹਾਰ ਸਾਉਣ ਮਹੀਨੇ ਦੀ ਮੱਸਿਆ ਤੋਂ ਬਾਦ ਤੀਜ ਤੋਂ ਸ਼ੁਰੂ ਹੁੰਦਾ ਹੈ  ਤੇ ਪੁੰਨਿਆ ਤੱਕ ਚਲਦਾ ਰਹਿੰਦਾ ਹੈ।ਇਸ ਵਰ੍ਹੇ 4 ਸਾਉਣ (19 ਜੁਲਾਈ) ਦੀ ਮੱਸਿਆ ਸੀ ਤੇ 7 ਸਾਉਣ ਨੂੰ ਤੀਜ ਜਾਣੀ ਕਿ ਤੀਆਂ ਤੀਜ ਦੀਆਂ....…

    By SS

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