सुझाव एवं शिकायत

Open Books से सम्बंधित किसी प्रकार का सुझाव या शिकायत यहाँ लिख सकते है , आप के सुझाव और शिकायत पर Team Admin जरूर विचार करेगी .....

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  • सदस्य कार्यकारिणी

    गिरिराज भंडारी

    आदरणीय अरुण भाई , आ. योगराज भाई , यही सच है , और दुखद सच है  ! कोई भ्रम नहीं है । लगभग 3000 सदस्यों के इस मंच में 10-15 ही सक्रिय दिखें तो दुख  तो होगा ही । रचना सीखने का प्रयास तो एक तरफ , भाई लोग ये तय कर के रखे हैं  हम दूसरी विधा न तो पढ़ेंगे  न ही कोई प्रतिक्रिया ही देंगे । वास्तविकता ये है की किसी भी रचना को  5 से 10 पाठक ही पढ़ रहे हैं और प्रतिक्रियायें दे रहे हैं । 

                                फोन पर मेरी बात अन्य कार्य कारिणि सदस्यों से होती रहती है , सभी इस बात से चिंतित ज़रूर हैं पर अभी प्रयास का असर पटल पर दिखे ऐसा नहीं हुआ है ॥

    मै आदरणीय योग राज जी की इस बात से पूर्णतया सहमत हूँ । सुधार ऊपर से हो वही कार्गर होता है ।

    // बहरहाल, हम सब को मिलकर दोबारा उस मोरपंखी माहौल को दोबारा इस मंच पर लाना होगा।  मंच के वरिष्ठ सदस्य इसमें महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते है। कम से कम प्रबंधन टीम एवं कार्यकारिणी सदस्यों की उपस्थिति तो हरेक आयोजन में सुनिश्चित होनी ही चाहिए।//  

    सादर ॥


  • सदस्य टीम प्रबंधन

    Saurabh Pandey

    आदरणीय अरुण भाईजी, सबसे पहले आप अपनी बात एक नये पोस्ट के रूप में डालें तथा आदरणीय योगराज भाईजी और आदरणीय गिरिराजभाईजी अपनी-अपनी टिप्पणियाँ उस पोस्ट में स्थानान्तरित कर दें. इस ढंग से ही इस अत्यंत संवेदनशील विन्दु पर कायदे से बात हो पायेगी. अन्यथा इस जेनेरल पोस्ट में विन्दुवत संवाद नहीं बन पायेगा.
    सादर


  • मुख्य प्रबंधक

    Er. Ganesh Jee "Bagi"

    आदरणीय सौरभ भईया की बात से सहमत हूँ, फोरम में एक चर्चा प्रारम्भ करना उचित होगा.


  • सदस्य कार्यकारिणी

    मिथिलेश वामनकर

    आदरणीय अरुण निगम सर की चर्चा क्या यह मेरा भ्रम है ? मुखपृष्ट पर प्रदर्शित नहीं हो रहा है इसकी लिंक यदि मुखपृष्ट हो तो सभी चर्चा में सम्मिलित हो सकेंगे.

  • Sheikh Shahzad Usmani

    प्लीज़ बताईयेगा कि ओबीओ में ब्लोग पोस्ट करते समय जो दायें तरफ "save as draft"ओप्शन रहता है, वहां से सेव किया हुआ ड्राफ्ट किस ओप्शन/ मीनू में मिलेगा यानी saved draft/रचनायें कहां कैसे देख सकते हैं ?
  • प्रदीप नील वसिष्ठ

    प्रिय एडमिन,
    OBO प्रबंधन तथा कार्यकारिणी टीम का कार्यकाल बढ़ा दें ,कृपया। वहां टीम प्रबंधन पृष्ठ पर अभी तक क्रमश: *(ग्रीष्म सत्र - 2014-15) तथा ( 01 अप्रैल-15 से 30 सितम्बर-15 तक ) ही प्रकाशित हो रहा है।
    अग्रिम धन्यवाद।


  • मुख्य प्रबंधक

    Er. Ganesh Jee "Bagi"

    आभार आदरणीय प्रदीप नील जी, उल्लेखित संशोधन कर दिया गया है.

  • प्रदीप नील वसिष्ठ

    त्वरित कार्रवाई अच्छी लगी , एडमिन जी। 


  • मुख्य प्रबंधक

    Er. Ganesh Jee "Bagi"

    आदरणीय योगेन्द्र जी,
    -- आपका प्रश्न न तो सुझाव है और न ही शिकायत.

    अतः आपके प्रश्न का उत्तर देना संभव नहीं है.

    सादर.

  • Kalipad Prasad Mandal

    आदरणीय एडमिन साहब ,नमस्कार !

    आदरणीय शेख शहजाद उस्मानी द्वारा पूछे गए प्रश्न मेरा भी है !

    इसके अतिरिक्त इस साईट की कमांडो को न समझ पाने के कारण हमने कई गलतियाँ की जिसके बारे में मैंने जान कारी मांगी थी परन्तु आजतक कोई उत्तर नहीं मिला | कृपया संदेह का निवारण करने की कोशिश करें तो बेहतर तरीके से हम सहभागी बन सकते हैं |


  • सदस्य टीम प्रबंधन

    Saurabh Pandey

    नया कोई डिवाइस आत्मीय सम्बन्ध बनाना चाहता है. चाहे मोबाइल हो य अकोई साइट. जितना अधिक समय देंगे, आप कई तथ्यों से परिचित होते जायेंगे. यही आपकी सर्फ़िङ को सुविधाजनक बनाता जायेगा. 

    सादर

  • Kalipad Prasad Mandal

    एक सुझाव :- मेरे जैसे लोग जो अभी अभी ओ बी ओ ज्वाइन किया है और ग़ज़ल तथा छन्द सिखने में प्रयत्नशील हैं उनको बहुत समस्यायों का सामना करना पड़ता है और छोटी छोटी बातों में एडमिन से या किसी सदस्य से पूछना पड़ता है और ऐसे प्रश्न करीब करीब हर बार रिपीट होता है | क्या ऐसा नहीं हो सकता कि ओ बी ओ में FAQ का  एक बटन हो जिसमे ग़ज़ल , छंद इत्यादि के बारेमें अक्सर पूछे गए प्रश्नों का जवाब हो | उससे हम जैसे नए लोगों आसानी होगी और आपको भी बार बार एक ही प्रश्न का उत्तर दोहराना नहीं  पडेगा | मेरे इनबॉक्स के sent में कुछ प्रश्न पड़े है ,जवाब की प्रतीक्षा कर रहा हूँ 

    सादर 

    कालीपद प्रसाद 


  • सदस्य टीम प्रबंधन

    Saurabh Pandey

    सहित्य वस्तुतः तप और प्रेम की श्रेणी का अभ्यास है. यहाँ कुछ भी रेडीमेड या इन्स्टण्ट टाइप नहीं होता. होना भी नहीं चहिए. इस मंच पर विधाओं पर जितना कुछ उपलब्ध है, उनका अध्ययन करें फिर मनन करे, मंथन करें. फिर, रचनाकर्म करें. रचनाएँ ही सभी अभ्यासियों की सीख की आईना हुआ करती हैं. 

    एक बात और,

    विधाओं के लिए नियमावलियाँ और विधाओं के व्याकरण अभ्यासियों को मात्र साधन-सम्पन्न करते हैं. जिसकी (साधन की) जानकारी अत्यंत आवश्यक है. रचनाकर्म में भावबोध इसके बाद की चीज़ है. लेकिन वही सर्वोपरि है. इसलिए साधन को बिना पूरा जाने और उस पर बिना अभ्यास किये, भावबोध के नाम पर भावुक पंक्तियाँ लिख मारना साहित्य नहीं है. जैसा कि आजकल लोग बहुतायत में करते दिखते हैं. इसीको ओबीओ पर ’फेसबुकिया’ साहित्य कहा जाता है. वर्ना फेसबुक के पटल पर भी केवल कमज़ोर रचनाकर्म नहीं होता. लेकिन वहाँ अंकुश नही होता.

    सादर

  • Samar kabeer

    आदाब,16 अप्रैल 2017 को भोपाल चैप्टर की शुरुआत हुई उस आयोजन के अंत में इस मंच की सदस्य मोहतरम कांता रॉय ने लगातार इस मंच को अपमानित किया है ,वो इस मंच और इसके सदस्यों को भ्रमित बताती हैं और दूसरे व्हाट्स एप ग्रुप में ओबीओ मुर्दाबाद के नारे लगा रहीं हैं,वो इस मंच के लिये हानिकारक हैं,मैं प्रबंधन समिति से पुरज़ोर गुज़ारिश करता हूँ कि मंच की गरिमा को ध्यान में रखते हुए उनकी सदस्यता तत्काल प्रभाव से निरस्त कर दी जाए,प्रबंधन समिति चाहे तो मेरे लगाये हुए इलज़ाम की तस्दीक़ और तहक़ीक़ कर सकती है । उम्मीद है मेरी गुज़ारिश पर जल्द ही अमल किया जायेगा ।

  • सदस्य टीम प्रबंधन

    Saurabh Pandey

    आदरणीय समर साहब, आ० कान्ता रॉय के अनुचित व्यवहार से भोपाल चैप्टर के सभी सदस्य चकित भी थे तो दुःखी भी थे. भोपाल चैप्टर के व्हाट्सअप समूह में भी उन्होंने कोई सधा और संंयत आचरण नहीं दिखाया था. मैं उस वक्त यात्रा पर था. लेकिन सुबह उनके कॉमेण्ट्स पढ़कर भारी निराशा हुई थी. और उन्हें समूह और चैप्टर से हकाल दिये जाने मैंने निवेदन किया था. 

    ओबीओ के इस मंच से भी उनके अशोभनीय आचरण केलिए उन्हें मुअत्तल किया जाता है. 

    आपकी संवेदना के लिए हार्दिक धन्यवाद.

    शुभ-शुभ

  • Samar kabeer

    मेरी गुज़ारिश क़बूल की,इसके लिये शुक्रगुज़ार हूँ,जनाब सौरभ पाण्डेय साहिब,ओबीओ ज़िंदाबाद ।

  • सदस्य टीम प्रबंधन

    Saurabh Pandey

    ऐसा होना ही था. आपकी संवेदना और ओबीओ के प्रति आपकी उच्च भावनाएँ हैं आदरणीय समर साहब, जिसका मान रखना सभी सदस्यों का कर्तव्य है. और हमने अपनी ओर से सदा ही इस ओर ध्यान दिया है. 

    सादर

  • Samar kabeer

    तो फिर ये मान लिया जाये कि उनकी सदस्यता निरस्त कर दी गई ?

  • प्रधान संपादक

    योगराज प्रभाकर

    जी, मोहतरम जनाब समर कबीर साहिबI श्रीमती कांता रॉय अब ओबीओ की सदस्या नहीं हैंI 

  • Samar kabeer

    इन्ना लिल्लाहि व् इन्ना इलयहि राजेऊन ।
  • Ravi Prabhakar

    आदरणीय प्रधान संपादक जी, 25वीं लाइव लघुकथा गोष्‍ठी की अपार सफलता को देखते हुए मैं आग्रह करूंगा कि प्रतिमाह होने वाले आयोजन को किसी भी विषय से मुक्‍त रखा जाए । विषय पर लिखना न केवल कठिन होता है बल्‍िक इससे सारा प्रवाह एक ही तरफ हो जाता है । विषय मुक्‍त रखने से अलग अलग फ्लेवर की लघुकथाएं पढ़ने को मिलती हैं। सादर


  • प्रधान संपादक

    योगराज प्रभाकर

    जनाब रवि प्रभाकर जी, कई और साथिओं ने भी आयोजन को विषयमुक्त कर देने के बारे में अनुरोध किया हैI आश्वस्त रहें इस पर अवश्य विचार किया जाएगाI  

  • Samar kabeer

    गुस्ताख़ी की मुआफ़ी के साथ ये अर्ज़ करना चाहूँगा कि अगर लघुकथा गोष्ठी को विषय मुक्त करने से पुराने लघुकथाकार अपनी पुरानी रचनाएँ भुनाने लगेंगे,और नये लघुकथाकारों को जो अभ्यास कर रहे हैं आसानी हो जायेगी जो उनके अभ्यास के लिये मुनासिब नहीं होगा,विषय देने से बहुत सी बातों की इस्लाह हो जाती है,और सबको एक फ़िक्र रहती है कि कुछ नया लिखना है,ये फ़िक्र ख़त्म हो जायेगी ।
    मिसाल के तौर पर अगर तरही मुशायरे में मिसरा न निकाला जाये तो क्या होगा ? ये कहने की ज़रूरत नहीं,इसलिये मेरा विनम्र निवेदन है कि लघुकथा गोष्ठी को विषय से मुक्त न रखा जाये ।
  • Mahendra Kumar

    आ. योगराज सर, लघुकथा गोष्ठी को विषयमुक्त किये जाने के सन्दर्भ में मैं आ. समर सर की बातों से सहमत हूँ। विषययुक्त गोष्ठी के दो प्रमुख लाभ हैं, पहला तो यह कि रचनाकार कुछ नया लिखने के लिए प्रेरित होता है और दूसरा यह कि एक ही विषय पर प्रस्तुत विभिन्न रचनाओं से बहुत कुछ सीखने को भी मिलता है। विषययुक्त गोष्ठियां एक रचनाकार को अपनी क्षमता को जानने और उसे सुधारने का अवसर भी प्रदान करती हैं। इसलिए मेरा सुझाव यही है कि लघुकथा गोष्ठी को पूर्णतः विषयमुक्त न किया जाए। इस सन्दर्भ में, गोष्ठी को विषयमुक्त किये जाने के अपेक्षा विषय को अधिक रोचक (हालाँकि ओबीओ लघुकथा गोष्ठी के विषय स्वयं में रोचक ही हुआ करते हैं) बनाने अथवा एक से अधिक विषय देने जैसे प्रयास किये जा सकते हैं। हाँ, बीच-बीच में गोष्ठी को विषयमुक्त किया जा सकता है। निश्चित ही ऐसे विषयमुक्त आयोजन में अलग-अलग फ्लेवर की लघुकथाएँ पढ़ने को मिलेंगी जैसा कि आ. रवि सर ने भी कहा है और जिसकी पुष्टि 25वीं लाइव लघुकथा गोष्‍ठी से भी होती है। सादर धन्यवाद। 


  • सदस्य कार्यकारिणी

    मिथिलेश वामनकर

    कैप्चा Captcha मतलब Completely Automated Public Turing test to tell Computers and Humans Apart. यह किसी वेबसाईट और उसके सर्वर को सुरक्षित रखने की जांच प्रणाली है. इसमें किसी वेबसाईट पर कोई फॉर्म भरते समय, एकाउंट खोलते समय तथा कोई कमेन्ट या पोस्ट करते समय, यह सुनिश्चित किया जाता है कि उक्त प्रक्रिया करने वाला कोई रोबोट नहीं है बल्कि इंसान है. दरअसल कई हैकर्स सर्वर डाउन करने के लिए किसी सर्वर की वेबसाईट पर रोबोट सोफ्टवेयर (या अपनाप चलने वाला सॉफ्टवेयर) चला देते हैं. वह रोबोट आटोमेटिक फॉर्मफिल /कमेन्ट/ पोस्ट करते रहता है जिससे सर्वर पर बहुत अधिक लोड आ जाता है और सर्वर डाउन हो जाता है. जिससे वेबसाईट बंद हो जाती है. इससे सुरक्षा के लिए Captcha बनाया गया है. जिसमे i am not a robot को क्लिक करना होता है. पहले Captcha की प्रक्रिया पूर्ण करने के लिए किसी चित्र को क्लिक करना या कोई अल्फाबेट या नम्बर को भरकर सबमिट करना होता था. जो कि बहुत समय लेने वाली प्रक्रिया थी. कई बार कैप्चा के अक्षर या अंक बहुत अस्पष्ट होते थे इसलिए  अब reCaptcha की प्रक्रिया को अपना लिया गया है जिसमें केवल i am not a robot को क्लिक करना होता है. और आपका फार्म/पोस्ट/कमेन्ट सबमिट हो जाता है. इसमें समय भी नहीं लगता है.


    यह प्रणाली चूंकि वेबसाईट को सुरक्षित रखने के उद्देश्य में सफल रही है अतः इसे एक समस्या के रूप में न देखकर सहर्ष स्वीकार करना चाहिए. इसमें अपने कमेन्ट या पोस्ट को सबमिट करने के बाद i am not a robot ही तो क्लिक करना है.  सादर 

  • Dr. Vijai Shanker

    It appears that it has worked now . May be it was an Internet issue . The aproval is awaited now .
    Thanks for your reply .
  • Naveen Mani Tripathi

    एडमिन से निवेदन है कि मेरी एक ग़ज़ल तीन दिन से अप्रूव होने के लिए प्रतीक्षा रत है ।

  • amod shrivastav (bindouri)

    प्रणाम 

    ग्रुप के सभी  एडमिन से अनुरोध है कि इस वेब में ad पर थोड़ी रोक लगाई जाए ...add के चलते कविताएं पढ़ने में बहुत दिक्कत होती है । मैं मोबाईल में obo app चलाता हूँ। add की बजह से परेशां हूँ अनुरोध है गर हो सके तो विचार किया जाये


  • मुख्य प्रबंधक

    Er. Ganesh Jee "Bagi"

    आदरणीय अमोद श्रीवास्तव जी, 

    प्रणाम

    ओ बी ओ द्वारा कोई ऐड नही चलाया जाता है, यदि आपके स्क्रीन पर कोई ऐड दिख रहा है तो वो आपके सिस्टम के कारण है । यदि अप्प के कारण समस्या है तो आप सीधे ब्राउज़र से भी ओ बी ओ चला सकते हैं ।

    सादर ।

  • अजीत शर्मा 'आकाश'

    मेरा विनम्र सुझाव है कि तरही मुशायरे का आयोजन शुक्रवार-शनिवार के स्थान पर शनिवार-रविवार को किया जाए। अधिकतर कार्यालयों में शनिवार कार्य-दिवस होने के कारण समय नहीं मिल पाता। इस परिवर्तन से हमें रविवार का पूरा समय मिल जाएगा !!!

  • Sheikh Shahzad Usmani

    आदाब। जानना चाहता हूं कि देहरादून , पटना और कानपुर आदि.. ओबीओ साहित्य/लघुकथा महाउत्सव की स्मारिकायें  (2017/2018) क्या कहीं से क्रय  की जा सकती हैं?

  • Nand Kumar Sanmukhani

    मेरा विनम्र सुझाव है कि O.B.O. के मंच पर अपनी रचनाएं/अन्य रचनाकारों द्वारा प्रेषित सृजन कार्यों पर कमेंट्स आदि कार्यों का सरलीकरण किया जाना चाहिए, ताकि सदस्यों की प्रतिभागिता को बढ़ाया जा सके।

  • सदस्य टीम प्रबंधन

    Saurabh Pandey

    आदरणीय नन्द कुमार सन्मुखानी जी, आपके कहे का अर्थ स्पष्ट नहीं हुआ। आप अपने निवेदन को और स्पष्ट ढंग से प्रस्तुत करें। 

  • Nand Kumar Sanmukhani

    महोदय,
    मेरा आशय बिल्कुल स्पष्ट है कि इस साईट पर आने वालों के लिए अपनी तथा अन्य रचनाकारों की कृतियों/कार्यो /लेखन तक पहुंचना इतना आसान नहीं है। उदाहरण के लिए स्वयं मेरे द्वारा प्रेषित रचनाओं की स्थिति देखने की जब मैने कोशिश की तो यह पता लगाने में असफल रहा कि आख़िर वो हैं कहां ?
    इसमें मेरी अल्पज्ञता की भी कौछ भूमिका हो सकती है।लेकिन सब तो इतने होशियार नहीं होते ना, जितने होशियार हमारे कुछ सम्माननीय साथी होंगे। इस लिए अनुरोध किया कि यदि यह सब कुछ हद तक आसान किया जा सके तो ऐसे सदस्यों की प्रतिभागिता के अवसर बढ़ जाएंगे, जो अन्यथा इस प्रकार की व्यवहारिक कठिनाईयों के चलते किनारा कर लेते होंगे।
    संभवतः अब मेरे अनुरोध का आशय कुछ स्पष्ट हो गया होगा।
    Regards...
  • Nand Kumar Sanmukhani

    महोदय,
    मेरा आशय बिल्कुल स्पष्ट है कि इस साईट पर आने वालों के लिए अपनी तथा अन्य रचनाकारों की कृतियों/कार्यो /लेखन तक पहुंचना इतना आसान नहीं है। उदाहरण के लिए स्वयं मेरे द्वारा प्रेषित रचनाओं की स्थिति देखने की जब मैने कोशिश की तो यह पता लगाने में असफल रहा कि आख़िर वो हैं कहां ?
    इसमें मेरी अल्पज्ञता की भी कुछ भूमिका हो सकती है।लेकिन सब तो इतने होशियार नहीं होते ना, जितने होशियार हमारे कुछ सम्माननीय साथी होंगे। इस लिए अनुरोध किया कि यदि यह सब कुछ हद तक आसान किया जा सके तो ऐसे सदस्यों की प्रतिभागिता के अवसर बढ़ जाएंगे, जो अन्यथा इस प्रकार की व्यवहारिक कठिनाईयों के चलते किनारा कर लेते होंगे।
    संभवतः अब मेरे अनुरोध का आशय कुछ स्पष्ट हो गया होगा।
    Regards...

  • प्रधान संपादक

    योगराज प्रभाकर

    आ० नन्द कुमार मनसुखानी  सनमुखानी जी, आपने फरमाया है कि:

    //उदाहरण के लिए स्वयं मेरे द्वारा प्रेषित रचनाओं की स्थिति देखने की जब मैने कोशिश की तो यह पता लगाने में असफल रहा कि आख़िर वो हैं कहां ?//

    आपने दो रचनाएँ  की थीं, जिनके नीचे नियमानुसार "मौलिक और अप्रकाशित" नही लिखा था. मैंने आपको वे रचनाएँ लौटाते हुए निवेदन किया था कि आप इनमे वांछित सुधार कर पुन: पोस्ट करें. किन्तु आपने उन्हें पोस्ट की बजाय मेसेज बॉक्स में ही प्रेषित कर दिया. इसीलिए आपकी रचनाएँ पटल पर नहीं आ पाई हैं, आप कृपया वे रचनाएँ कायदे से ब्लोग्स के अंतर्गत पोस्ट करें. 

  • Nand Kumar Sanmukhani

    जी, मान्यवर..
    किंतु कृपया मेरा नाम 'मनसुखानी' न लिखकर "सनमुखानी" लिखने का कष्ट करें, क्योंकि 'मनसुखानी' कहकर/लिखकर जब कोई संबोधित करता है तो मुझे लगता है कि वह संबोधन मेरे लिए नहीं है। उम्मीद है आप इसे अन्यथा नहीं लेंगे।

  • प्रधान संपादक

    योगराज प्रभाकर

    भूल सुधार कर लिया गया है आ० नन्द कुमार सनमुखानी जी.  

  • Nand Kumar Sanmukhani

    शुक्रगुज़ार हूं आपका आदरणीय योगराज प्रभाकर जी...
  • अजय गुप्ता 'अजेय

    माननीय प्रबंधन,

    OBO नित नए आयाम छू रहा है तथा साहित्य सृजन तथा सम्प्रेषण में महती भूमिका भी अदा कर रहा है.

    मंच के मासिक केलिन्डर को लेकर दो सुझाव देना चाहता हूँ.

    १. मंच के चारों आयोजन पूर्व नियोजित तथा निर्धारित होते हैं तथापि कैलेंडर में देरी हो जाती है. बहुत बार तो किसी एक आयोजन में इतनी जल्दी में भाग लेना पड़ता है कि प्रथम ड्राफ्ट को ही भेजना पड़ता है. अतः मेरा अनुरोध तथा सुझाव है कि कलेंडर को एडवांस में ही तैयार कर लिया जाए जिसे १ या २ तारिख तक दे दिया जाए.

    २. दूसरा विषय भी आयोजनों को लेकर ही है. हमें रचना भेजने तथा रचना पर टिपण्णी करने/पाने का उतना ही समय मिलता है. फलस्वरूप जो सदस्य अंत में अपनी रचना भेजते हैं उन्हें उचित मार्गदर्शन नहीं मिल पाता तथा इसी वजह से सब की इच्छा सबसे पहले अपनी रचनाएँ पोस्ट करने में रहती हैं. यदि प्रत्येक आयोजन के बाद एक अतिरिक्त दिन केवल टिप्पणियों के लिए रखा जाए तो अंत में आई प्रविष्टियों को भी उचित लाभ मिल सकता है.

          इसमें रिप्लाई को लेकर भी एक समस्या उत्पन्न होती है कि लगातार बढती टिप्पणियों से पेजेज स्क्रॉल करने में बहुत समय लगता है. अच्छा हो यदि सिर्फ़ रचना नज़र आये और उसपर रिप्लाई HIDDEN रहें. टिप्पणियां पढने के लिए तथा टिप्पणी देने के लिए ड्राप डाउन एरो हो जिसे EXPAND किया जा सके. 

    आशा है आप इन सुझावों पर चर्चा करेंगें.

    धन्यवाद.

  • Sheikh Shahzad Usmani

    आदाब, मेरे मंचीय ब्लॉग पृष्ठ पर * feature blog post संख्या बदलती रहकर ग़लत संख्या दर्शा रही है काफी दिनों से तथा Monthly Blog Post सूची में इस माह September का नाम व.पोस्ट संख्या नहीं दर्शायी जा रही है। अभी तीन-चार दिनों में मैंने कुछ रचनायें पोस्ट की थींं। तकनीकी कारण समाधान चाहता हूं ।

    * feature blog post संख्या अक्सर पहले से कम दर्शाती है सूची। कभी 156 तो कभी 154 -आज सितंबर की ब्लॉग पोस्ट संख्या अनुपस्थित है सूची में। सादर सूचनार्थ व सहयोग निवेदन।

  • amod shrivastav (bindouri)

     एक आग्रह  है ओ बी ओ मोबाईल एप्प को अपडेट दे थोड़े फीचर के साथ उसे सुविधापूर्ण करें . इससे पोर्टल में ट्रैफिक भी बढ़ेगा और सदस्यों की संख्या भी ,

    १ इसमें सदस्यों की पुस्तके भी मगवाने का फीचर शामिल हो सकता है /

    २ ग्रुप के द्वारा आयोजित कार्यक्रम में ढेरो सुन्दर रचनाये आती है उनका सदसहभागियों के स्वीकृति की बाद पुस्तकीकरण

    ३ ओ बी ओ इन मासिक आयोजनों को ओ ब ओ मासिक पत्रिका त्रैमासिक पत्रिका के नाम से प्रकाशन कर सकता है।

    ४ ग्रुप में हिंदी , उर्दू, फ़ारसी, जैसे शब्द कोष भी स्थापित किये जा सकते हैं

    आशा करता हूँ मेरे आग्रह पर सदस्य कमेटी और सहभागी अपनी अनुमति प्रदान करेंगे

  • अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी

    आदरणीय प्रधान सम्पादक जी आदाब, जनाब नवीन मणि त्रिपाठी जी की रचना (ग़ज़ल) जिसका प्रकाशन ओबी ओ पर 9 जुलाई 2020 को हो चुका है पुन: 21 जुलाई 2020 को हो गया है। कृपया संज्ञान लें। सादर। 


  • प्रधान संपादक

    योगराज प्रभाकर

    आ० अमीरुद्दीन 'अमीर' जी. यह रचना पटल से हटा दी गई है. ध्यानाकर्षण हेतु हार्दिक आभार.

  • अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी

    आदरणीय प्रधान सम्पादक जी आदाब, जनाब तरही मुशायरा 121 में मेरे द्वारा रचित मौलिक और अप्रकाशित ग़ज़ल प्रस्तुत की गई है जिसके नीचे नियमानुसार "मौलिक व अप्रकाशित" भूलवश नहीं लिख पाया था जिसकी सूचना मैंने तत्काल उक्त ग़ज़ल के रिप्लाई बाॅक्स में दे दी थी। आप चाहें तो मुशायरे से उक्त ग़ज़ल हटा कर दोबारा पोस्ट करने का अवसर प्रदान कर सकते हैं या जो भी आप आदेश करें मुझे स्वीकार होगा। 


  • प्रधान संपादक

    योगराज प्रभाकर

    कई बार भूलवश ऐसा हो जाता है. बहरहाल, आपकी ग़ज़ल के नीचे "मौलिक और अप्रकाशित" लिख दिया गया है आ० अमीरुद्दीन 'अमीर' साहिब.

  • अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी

    आदरणीय प्रधान सम्पादक महोदय आदाब,

    मनन कुमार महोदय की एक रचना दिनांक 29.08.2020 को दो बार पोस्ट हो गई है और पोर्टल पर भी दो बार अलग अलग डिस्प्ले हो रही है। सूचना आपको प्रस्तुत है। सादर। 

  • अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी

    आदरणीय प्रधान सम्पादक महोदय आदाब, मैंने अपनी एक ग़ज़ल "मसनदों पर आज बैठे हो..." को एडिट करने का अनुरोध पोर्टल पर किया है, इस सम्बन्ध में आपको ईमेल भी किया है। कृपया स्वीकृति प्रदान करने की कृपा करें। यदि एडिटिंग स्वीकार्य न हो तो ग़ज़ल को मूल रूप में ही पुनर्स्थापित करने का कष्ट करें। सादर। 

  • अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी

    धन्यवाद आदरणीय प्रधान सम्पादक महोदय ।

  • अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी

    माननीय मुख्य सम्पादक महोदय आदाब, 

    श्रीमान जी आपसे निवेदन है कि मेरे द्वारा अपनी दो मौलिक व अप्रकाशित रचनाएं जिनमें एक लघुकथा दिनांक 27 अगस्त 2021से तथा एक ग़ज़ल दिनांक 29 अगस्त 2021 को पोस्ट की गई थी जो OBO Portal पर  आपके अप्रूवल के लिए पेंडिंग है, कृप्या संज्ञान लेते हुए उक्त रचनाओं को अप्रूवल प्रदान कर अनुग्रहीत करने की कृपा करें। सादर। अमीरुद्दीन 'अमीर' दिनांक 29/08/2021.