बाल साहित्य

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चिड़िया रानी चिड़िया रानी

चिड़िया रानी चिड़िया रानी, लगती हो तुम बड़ी सयानी।
मुझको भी तो बतलाओ ना, बातें ढेरों नई-पुरानी ।

सुबह-सुबह खिड़की पर आकर
मुझको रोज़ जगाती हो,
बातें करने जब आता हूँ
फुर से क्यों उड़ जाती हो?
कुछ पल मेरे पास रुको ना, मुझे सुनाओ एक कहानी।
चिड़िया रानी चिड़िया रानी.....

अपने जैसे पंख मुझे भी 
चिड़िया रानी दिलवाओ ना,
मुझको भी ऊँचे अम्बर में
उड़ कर जाना सिखलाओ ना,
देखूँगा मैं ऊँचे पर्वत,और सागर में कितना पानी ।
चिड़िया रानी चिड़िया रानी.....

फूलों की बगिया कैसी है
परियों का संसार कहाँ है?
चंदा के घर मैं जाऊँगा
बोलो मोटर कार कहाँ है?
संग तुम्हारे मैं देखूँगा,धरती की हर चीज सुहानी।
चिड़िया रानी चिड़िया रानी.....

मौलिक और अप्रकाशित 

डॉ. प्राची

 

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    KALPANA BHATT ('रौनक़')

    वाह । बहुत सुन्दर पंक्तियाँ । हार्दिक बधाई आदरणीया
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      indravidyavachaspatitiwari

      चंदा के घर मैं जाऊँगा बोलो मोटर कार कहाँ है? अच्छी प्रस्तुति के बधाई स्वीकार करें डा0 प्राची सिंह जी।

      • up

        Deepalee Thakur

        बहुत सुंदर बालगीत प्राची जी,बधाई