राजस्थानी साहित्य

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राजस्थानी भाषा में दोहे

एक प्रयास ( राजस्थानी भाषा  में दोहे )

छोरी चाली सासरे ,पकड़ बींद रो हाथ।
बाबुल रो घर छोड़ियो , बींद बणायो नाथ ।।

बाबुल रो घर छोड़यो, बींद बणायो नाथ ।
दारू पी कर बींद ने, खूब मरोड़ो हाथ ।।

आँख दिखावे बापरो, घणो सतावे नाथ ।
दारू पी पी मारतो, कियाँ निभाऊँ साथ ।।

हाल देख के बींद रो , आयो बाबुल याद ।
कुण ने बोलां आपणी, या दिल रो संवाद ।।

म्हारे मन री बात ने, समझ न पायो नाथ ।
ले आयो सौतन मरी , दारू अपणे साथ ।।

बींद =पति

सुशील सरना / 18-12-22
मौलिक एवं अप्रकाशित