सारे रिश्ते देह के, मन का केवल यार
यारी जब से हो गई , जीवन है गुलज़ार
मन ने मन से कर लिया आजीवन अनुबन्ध
तेरी मेरी मित्रता स्नेहसिक्त सम्बन्ध
मित्र सरीखा कौन है, इस दुनिया में मर्द
बाँट सके जो दर्द को बन कर के हमदर्द
मीत बनो तो यूँ बनो, जैसे शिव और राम
इक दूजे का रात दिन, जपे निरन्तर नाम
मेरी हर शुभकामना, फले तुझे ऐ यार
यश धन बल आरोग्य से, दमके घर संसार
चाहे दुःख का रुदन हो, चाहे सुख के गीत
रहना मेरे साथ में, हर दम मेरे मीत
-अलबेला खत्री
कुमार गौरव अजीतेन्दु
बहुत सुन्दर दोहे रचे हैं अलबेला भैया.......बधाई स्वीकारें.....लेकिन पक्की मित्र तो औरत भी हो सकती है....अब उन्हें नाराज क्यों कर रहे हैं......
Aug 5, 2012
Albela Khatri
प्रिय मित्र ! मैंने ये कब कहा कि महिला पक्की मित्र नहीं हो सकती ? बल्कि मेरा अनुभव तो यही कहता है कि पुरुषों की अपेक्षा महिला ज़्यादा पक्की मित्र साबित होती है
सादर
Aug 5, 2012
सदस्य कार्यकारिणी
अरुण कुमार निगम
आपके पहले दोहे पर.....................
रिश्ते नाते रक्त से,किंतु मित्र अनुरक्त |
मन की सुंदरता हुई, दोहों में अभिव्यक्त || अलबेला sssssssss जी , दोहों में अभिव्यक्त
अपने दोहे पेल दूँ, इस अवसर पर मित्र |
अलबेला हैं आप तो,हम भी जरा विचित्र || अलबेला sssssssss जी ,हम भी जरा विचित्र
आपके दूसरे दोहे पर.......
स्टैम्प ड्यूटी ना लगे, यह ऐसा अनुबंध |
और न चौदह फरवरी, लगे कहीं प्रतिबंध || अलबेला sssssssss जी ,लगे कहीं प्रतिबंध
आपके तीसरे दोहे पर...........
कृष्ण सरीखा मित्र हो, बनूँ सुदामा यार |
चाँवल लेकर पोटली, जाऊँ उसके द्वार || अलबेला sssssssss जी ,जाऊँ उसके द्वार
आपके चौथे दोहे पर........
मित्र बनो तो यूँ बनो, ज्यों दुर्योधन कर्ण |
आड़े आया ही नहीं , जाति, वर्ग या वर्ण || अलबेला sssssssss जी ,जाति, वर्ग या वर्ण
आपके पाँचवे दोहे पर.......
मेरी भी शुभकामना, आज समर्पित मीत |
जीवन भर गाते रहो , मधुर प्रेम के गीत || अलबेला sssssssss जी ,मधुर प्रेम के गीत
आपके छठवें दोहे पर...........
बँटवारा करलें जरा, सुख तुम रख लो यार |
दुख लेकर मैं तो चला , ना झंझट तकरार || अलबेला sssssssss जी ,ना झंझट तकरार
मानसून ऑफर में लो, छ: के सँग इक मुफ्त |
इस मौसम में बैठिये , कहाँ हो गये लुप्त || अलबेला sssssssss जी ,कहाँ हो गये लुप्त
फ्रेंडशिप का फेस्टिव्हल , शिप में बैठे फ्रेंड |
ऐसे क्यों घबरा रहे , ज्यों कोई अनट्रेंड || अलबेला sssssssss जी ,ज्यों कोई अनट्रेंड
शिप ना डूबेगी कभी , उतरेगी यह पार |
ओबीओ की मित्र गण,सबकी जय जयकार || अलबेला sssssssss जी ,सबकी जय जयकार
बुरा न मानो, फ्रेंडशिप डे है..ssssssssssssssssssssssssssssssssssssssssssssss
ओबीओ के सभी मित्रों को मित्रता - दिवस की हार्दिक शुभकामनायें.........
Aug 5, 2012
Albela Khatri
वाह भाई अरुण निगम जी..........
गज़ब कर दिया .......
बहुत खूब
Aug 5, 2012
satish mapatpuri
मीत बनो तो यूँ बनो, जैसे शिव और राम
इक दूजे का रात दिन, जपे निरन्तर नाम
क्या बात है खत्री साहेब ...... मित्र और मित्रता पर आपके ख्याल का मैं कायल हो गया हूँ ... बधाई मित्रवर
Aug 6, 2012
Ashok Kumar Raktale
आदरणीय अलबेला जी
सादर,
मीत बनो तो यूँ बनो, जैसे शिव और राम
इक दूजे का रात दिन, जपे निरन्तर नाम
वाह! लाख टके कि बात कह दी आपने अपने दोहों में. मित्रता बंधन स्वीकार करें.हार्दिक बधाई.
घर में ऐसा मित्र हैं,सदा निभाता फर्ज/
फरमाइश ऐसी करे, चुका रहा हूँ कर्ज//
कार्यालय जा कर करूँ, अधुरे उनके काम/
अलबेला जी जब कहें, तब लूँ उनका नाम//
Aug 6, 2012
Albela Khatri
धन्यवाद सतीश मापतपुरी जी
बहुत बहुत शुक्रिया
Aug 6, 2012
Albela Khatri
हा हा हा हा .....वाह वाह अशोक रक्ताले जी,,,,,,,,,,जवाब नहीं आपका ...
वाह.....आज तो सुबह सुबह ही मज़ा आ गया
धन्यवाद !
Aug 6, 2012
SANDEEP KUMAR PATEL
वाह वाह सर जी क्या बात है बहुत सुन्दर दोहे कहे हैं आपने
और जबाब में जो अरुण सर ने तो दोहों की बहार ला दी
आप दोनों को साधुवाद
बहुत बहुत बधाई
Aug 6, 2012
संदीप द्विवेदी 'वाहिद काशीवासी'
वाह साब वा! क्या सुन्दर दोहे प्रस्तुत किये आपने मित्रता दिवस के अवसर पर! अंतिम दोहा तो विशेष तौर पर पसंद आया! सादर,
Aug 6, 2012
Albela Khatri
चलो अन्तिम ही सही,
कुछ पसन्द तो आया
इस 'आया' के लिए धन्यवाद...........
सादर
Aug 6, 2012
Rekha Joshi
चाहे दुःख का रुदन हो, चाहे सुख के गीत
रहना मेरे साथ में, हर दम मेरे मीत ,मित्रता दिवस पर अति सुंदर दोहे अलबेला जी ,मेरी हार्दिक बधाई स्वीकार करें
Aug 6, 2012
Albela Khatri
धन्यवाद रेखाजी.........
Aug 6, 2012
आशीष यादव
मित्रता दिवस पर बहुत ही अच्छे दोहे प्रस्तुत किया आपने। बहुत-बहुत बधाई एवँ मित्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनायें
Aug 6, 2012
UMASHANKER MISHRA
मिला हमें है आपसा, इतना न्यारा मित्र
पाकर हम सब धन्य है हँसते प्यार के चित्र
हँसते प्यार के चित्र बने हम कृष्ण सुदामा
आप द्वारका धीश चलो करते हैं ड्रामा
नेह भर छंदों का हमें तुम महल दिला दो
भाव भर कविता का, दिल से कमल खीला दो
आदरणीय अलबेला जी आपकी इतनी ऊँची मित्र भाव से भरी इन दोहों को सलाम
ह्रदय से प्रेम भरा ये गुलदस्ता स्वीकारें
Aug 7, 2012
seema agrawal
मित्रता के भाव को समर्पित बहुत सुन्दर और सुगढ़ दोहे बधाई अलबेला जी
Aug 7, 2012
अरुन 'अनन्त'
अलबेला जी बेहद खुबसूरत दोहे बधाई स्वीकार करें
Aug 8, 2012
SURENDRA KUMAR SHUKLA BHRAMAR
मन ने मन से कर लिया आजीवन अनुबन्ध
तेरी मेरी मित्रता स्नेहसिक्त सम्बन्ध
आदरणीय अलबेला जी ये मित्रता आप की और परवान चढ़े मान बढे .........नाम जपें दिन रात यार ही प्यार हमारा
Aug 9, 2012
Albela Khatri
आदरणीय भ्रमर जी.......सादर प्रणाम
आपके शब्दों ने बड़ा सुख दिया
__आपको हार्दिक धन्यवाद
Aug 9, 2012
Albela Khatri
बहुत बहुत धन्यवाद अरुण जी.......
Aug 9, 2012
Albela Khatri
आपका बहुत बहुत धन्यवाद सीमा जी......
सादर
Aug 9, 2012
Albela Khatri
हाय हाय हाय हाय......
वाह उमाशंकर जी वाह !
कित्ता सुन्दर गुलदस्ता भेजा आपने ........वाह ! आनंद आगया
आपके शब्द और आपकी भेंट दोनों ही मेरे लिए अनमोल हैं
___आपके इस मोहब्बतनामे को मेरा दिली सलाम !
__जय हिंद !
Aug 9, 2012
Albela Khatri
धन्यवाद श्री आशीष जी
सादर
Aug 9, 2012
सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey
सुप्रभात, आदरणीय अलबेलाजी. देखिये हत्-भाग्य कि मैं इतने मनोहारी दोहा छंदों से चूक गया था. आपका हर दोहा दैनिक जीवन का हिस्सा बन जाने की कुव्वत रखता है.
सादर
Aug 9, 2012
Albela Khatri
सादर सुप्रभात श्रद्धेय सौरभ जी,
आपके उदार व्यक्तित्व की झलक आपके शब्दों में सदैव मिलती है. किसी को परखने, प्रोत्साहित करने एवं प्रेमपूर्वक परिष्कृत करने की कला आपश्री में कूट कूट कर भरी है परमात्मा ने.......आप धन्य हैं महाप्रभु !
आपके शब्दों ने मेरा आज का दिन सुधार दिया
सादर
Aug 9, 2012
सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey
सादर, आदरणीय अलबेलाजी.
इधर कुछ दिनों से (हफ़्ते भर अधिक हो गये) मैं अटपटाया हुआ हूँ, मित्रवर. अब एक-एक करके गिरह खुल रहे हैं, साँस में साँस आ पा रही है.
Aug 9, 2012
Albela Khatri
आदरणीय सौरभ जी,
आप जैसे धीर और गम्भीर पुरूष तो समग्र जगत की गांठें खोल देने का सामर्थ्य रखते हैं भाईजी, आपके जीवन में कोई भी दुविधा नहीं टिक सकती, ऐसा मेरा दृढ़ विश्वास है . परमपिता अपने लाड़ले पुत्रों को कभी भी दुविधा में नहीं रखता .
आपके आरोग्य एवं सतत प्रवाहमान सृजन सत्कर्म के लिए मेरी विनम्र मंगल कामनाएँ
Aug 9, 2012
सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey
मन ने मन से कर लिया आजीवन अनुबन्ध
तेरी मेरी मित्रता स्नेहसिक्त सम्बन्ध .. .
आपकी मंगल-कामनाओं के लिये हृदय से आभारी हूँ, आद. अलबेलाजी.
Aug 9, 2012
Albela Khatri
कृतज्ञ हूँ आद. सौरभ जी.......
सादर
Aug 9, 2012
प्रधान संपादक
योगराज प्रभाकर
//मीत बनो तो यूँ बनो, जैसे शिव और राम
इक दूजे का रात दिन, जपे निरन्तर नाम///
साधु साधु भाई अलबेला जी. वाह.
Aug 16, 2012
Albela Khatri
धन्यवाद आदरणीय योगराज जी,
आपने सराहा यह दोहा........
मेरा खून बढ़ गया
सादर
Aug 16, 2012
प्रधान संपादक
योगराज प्रभाकर
इस से ज्यादा खून तो मेरा बढ़ा था इतनी सुन्दर दोहावली पढ़ कर अलबेला भाई जी.
Aug 16, 2012
Albela Khatri
ये अच्छा हुआ कि दोनों का लाभ हुआ ..........यही तो गुणधर्म है साहित्य का कि वह अपनी रौ में सबको बहाता है, सभी को बराबर हँसाता है और सभी को बराबर रुलाता है
आपको बधाई कि आप इस रौ में बहे.........वरना आपा धापी के इस दौर में लोग नहीं बहते लोगों की आँखों से हालात बहते हैं
सादर
Aug 16, 2012
सदस्य टीम प्रबंधन
Dr.Prachi Singh
तेरी मेरी मित्रता स्नेहसिक्त सम्बन्ध
Aug 16, 2012