साथ करवाचौथ का त्यौहार करके-लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"

२१२२/२१२२/२१२२
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खुश हुआ अंबर धरा से प्यार करके
साथ करवाचौथ का त्यौहार करके।१।
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चूड़ियाँ खनकें  हिना का रंग हँसता
स्वप्न सजनी के सभी गुलज़ार करके।२।
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चाँद का पथ तक रहीं बेचैन आँखें,
लौट आओ कह स्वयं उपहार करके।३।
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रूठना पलभर मनाना उम्रभर को
प्यार में सजनी ने यूँ इकरार करके।४।
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मान अम्बर क्यों न जाये रीझने को
जब रिझाती  हो  धरा शृंगार करके।५।
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भर दिवस उपवास कर माँगी दुआ है
चाँद फल दे  उम्र  का  विस्तार करके।६।
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मौलिक/अप्रकाशित
लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"