For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

ग़ज़ल...क्या क्रांति की है दुन्दभि या सिर्फ ये उफान है

मुफाइलुन मुफाइलुन मुफाइलुन मुफाइलुन
1212 1212 1212 1212
सुदूर उस तरफ जहाँ झुका वो आसमान है
वहीँ उसी दयार में गरीब का मकान है

ये आजकल जो शोर है शहर शहर गली गली
क्या क्रांति की है दुन्दभि या सिर्फ ये उफान है

चढ़ाव ज़िन्दगी का ज्यूँ मचलती है कुई लहर
कदम जरा सँभल के रख बहुत खड़ी ढलान है

जड़ों से जो जुदा हुये जमीन भी न पा सके
​​बिखर गये वो टूटकर समय का ये बयान है

ये प्यार की छुअन हुई या कसमकस ए ज़िन्दगी
बृजेश के ललाट पे जो चोट का निशान है
(मौलिक एवं अप्रकाशित)
बृजेश कुमार 'ब्रज'

Views: 919

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by बृजेश कुमार 'ब्रज' on June 3, 2017 at 7:10pm
रचना पटल पे आपका हार्दिक अभिनन्दन एवं आभार आदरणीय विजय जी..
Comment by बृजेश कुमार 'ब्रज' on June 3, 2017 at 7:10pm
आपका बहुत बहुत आभार आदरणीया कल्पना जी..
Comment by vijay nikore on June 3, 2017 at 3:10pm

बहुत सुन्दर भाव हैं। गज़ल अच्छी लगी। बधाई।

Comment by KALPANA BHATT ('रौनक़') on June 3, 2017 at 7:27am

भावपूर्ण रचना हुई है आदरणीय ब्रजेश कुमार जी हार्दिक बधाई |

Comment by बृजेश कुमार 'ब्रज' on June 1, 2017 at 8:44pm
ह्र्दयतल से आभार व्यक्त करता हूँ आदरणीय गुरप्रीत सिंह जी..सादर
Comment by Gurpreet Singh jammu on June 1, 2017 at 9:50am

इस बह्र में बहुत दिलकश ग़ज़ल कही है आपने आदरणीय ब्रजेश कुमार जी ,, बधाई आपको 

Comment by बृजेश कुमार 'ब्रज' on May 31, 2017 at 12:48pm
आदरणीय श्याम नारायन वर्मा जी..उत्साहवर्धन के लिए आपका हार्दिक आभार..सादर
Comment by बृजेश कुमार 'ब्रज' on May 31, 2017 at 12:47pm
आदरणीय शर्मा जी रचना पटल पे आपका हार्दिक स्वागत है..सादर
Comment by Shyam Narain Verma on May 30, 2017 at 4:15pm
इस सुन्दर प्रस्तुति के लिए हार्दिक बधाई
Comment by बसंत कुमार शर्मा on May 30, 2017 at 10:01am

बहुत बढ़िया भावपूर्ण ग़ज़ल कही है आपने, आदरणीय बृजेश कुमार 'ब्रज' जी , बधाई आपको 

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

Sushil Sarna posted a blog post

दोहा दशम. . . . उल्फत

दोहा दशम - ..... उल्फतअश्कों से जब धो लिए, हमने दिल के दाग ।तारीकी में जल  उठे, बुझते हुए चिराग…See More
7 hours ago
Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-171

आदरणीय साहित्य प्रेमियो, जैसाकि आप सभी को ज्ञात ही है, महा-उत्सव आयोजन दरअसल रचनाकारों, विशेषकर…See More
7 hours ago
Sushil Sarna commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post दोहा दसक - सपने
"उत्तम प्रस्तुति सर हार्दिक बधाई"
yesterday
Sushil Sarna commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post दोहा दसक -वाणी
"वाह बेहतरीन 👌 प्रस्तुति सर हार्दिक बधाई"
yesterday
Sushil Sarna commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post दोहा दसक- झूठ
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी झूठ पर आधारित सुन्दर दोहावली का सृजन हुआ है ।हार्दिक बधाई ।सर क्या दोहे में…"
yesterday
Sushil Sarna posted blog posts
Sunday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' posted blog posts
Sunday
सुरेश कुमार 'कल्याण' posted a blog post

दोहा चतुर्दशी (महाकुंभ)

दोहा चतुर्दशी (महाकुंभ)-----------------------------देवलोक भी जोहता,चकवे की ज्यों बाट।संत सनातन संग…See More
Sunday
सुरेश कुमार 'कल्याण' commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post दोहा अष्टक (प्रकृति)
"बहुत बहुत धन्यवाद आदरणीय मुसाफ़िर जी "
Saturday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post दोहा अष्टक (प्रकृति)
"आ. भाई सुरेश जी, सादर अभिवादन। उत्तम दोहे रचे हैं हार्दिक बधाई।"
Thursday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post छः दोहे (प्रकृति)
"आ. भाई सुरेश जी, सादर अभिवादन। उत्तम दोहे रचे हैं हार्दिक बधाई।"
Thursday
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post शर्मिन्दगी - लघु कथा
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी प्रस्तुति को मान देने का दिल से आभार आदरणीय जी ।हार्दिक आभार "
Feb 5

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service