For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

बृजेश कुमार 'ब्रज''s Blog – October 2017 Archive (3)

कविता...​​ बदले हुये इंसान की बातें -बृजेश कुमार 'ब्रज'

सुबह से लेकर सांझ की बातें

इक खत में कैसे लिख दूँ

सूरज से लेकर चांद की बातें

इक खत में कैसे लिख दूँ



कैसे लिख दूँ मैं भँवरे का

कलियों से हुआ जो प्रेम मिलन

कैसे लिख दूँ कि बेलों ने

पेड़ों को बाँधा था आलिंगन

प्रीत पतिंगा दिए से करे

पगले के बलिदान की बातें

इक खत में कैसे लिख दूँ

जीवन और शमशान की बातें

इक खत में कैसे लिख दूँ



कैसे लिख दूँ की तुम बिन

उदास आँखों का दरपन

रूठी ​​हुई बहारें हैं

उजड़ा हुआ है… Continue

Added by बृजेश कुमार 'ब्रज' on October 30, 2017 at 8:39pm — 7 Comments

गीत-क्रंदन कर उठे हैं भावना के द्वार पर-बृजेश कुमार 'ब्रज'

सभी पंक्तियों का मात्रा भार

2122 2122   2122 212 के क्रम में



गीत क्रंदन कर उठे हैं

भावना के द्वार पर



वेदना में याचना के

शब्द गीले हो गए

यातना के काफिलों से

पथ सजीले हो गए

आँसुओं की बेबसी में

दर्द की मनुहार पर

गीत क्रंदन कर उठे हैं

भावना के द्वार पर



आदमी में आदमी सा

क्या बचा है सोचिये?

पीर क्या है मुफलिसों की?

ये कभी तो पूछिये

हो रही फाकाकशी हर

तीज पर त्यौहार पर

गीत क्रंदन कर उठे…

Continue

Added by बृजेश कुमार 'ब्रज' on October 19, 2017 at 1:00pm — 16 Comments

ग़ज़ल...ज़िन्दगी मुस्कुराने लगी शाम से-बृजेश कुमार 'ब्रज'

मुतदारिक सालिम मुसम्मन बहर

212 212 212 212

आपकी याद आने लगी शाम से

ज़िन्दगी मुस्कुराने लगी शाम से



गुनगुनाती हुई चल रही है हवा

शाम भी गीत गाने लगी शाम से



चाँदनी रात से क्यों करें हम गिला

हर ख़ुशी झिलमिलाने लगी शाम से



बड़ रही प्यार की तिश्नगी हर घड़ी

हसरतें सिर उठाने लगी शाम से



ताल बेताल थे सुर बड़े बेसुरे

रागनी वो सुनाने लगी शाम से



आस दिल में लिये चल पड़ी बावरी

रात सपने सजाने लगी शाम से

(मौलिक एवं… Continue

Added by बृजेश कुमार 'ब्रज' on October 8, 2017 at 7:00pm — 18 Comments

Monthly Archives

2023

2022

2021

2020

2019

2018

2017

2016

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post कुंडलिया. . . .
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी सृजन के भावों को मान देने का दिल से आभार आदरणीय जी । सहमत एवं टंकण त्रुटि…"
7 hours ago
सुरेश कुमार 'कल्याण' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-169
"अधूरे ख्वाब (दोहा अष्टक) -------------------------------- रहें अधूरे ख्वाब क्यों, उन्नत अब…"
10 hours ago
अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-169
"निर्धन या धनवान हो, इच्छा सबकी अनंत है | जब तक साँसें चल रहीं, होता इसका न अंत है||   हरदिन…"
12 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on Sushil Sarna's blog post कुंडलिया. . . .
"आ. भाई सुशील जी, सादर अभिवादन। अच्छी कुंडलियाँ हुई हैं। हार्दिक बधाई।  दुर्वयस्न को दुर्व्यसन…"
yesterday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post मार्गशीर्ष (दोहा अष्टक)
"आ. भाई सुरेश जी, सादर अभिवादन। सुंदर दोहे हुए हैं । हार्दिक बधाई।"
yesterday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on Sushil Sarna's blog post दोहा पंचक. . . . .यथार्थ
"आ. भाई सुशील जी, सादर अभिवादन। अच्छे दोहे हुए हैं। हार्दिक बधाई।"
yesterday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post मन में केवल रामायण हो (,गीत)- लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'
"आ. भाई सुशील जी, सादर अभिवादन। गीत पर उपस्थिति और उत्साहवर्धन के लिए हार्दिक आभार।"
yesterday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post मन में केवल रामायण हो (,गीत)- लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'
"आ. भाई दयाराम जी, सादर अभिवादन। गीत पर उपस्थिति और उत्साहवर्धन के लिए हार्दिक धन्यवाद।"
yesterday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on Sushil Sarna's blog post रोला छंद. . . .
"आ. भाई सुशील जी, सादर अभिवादन। सुंदर रोला छंद हुए हैं। हार्दिक बधाई।"
yesterday
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post दोहा पंचक. . . . .मतभेद
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी सृजन के भावों को मान देने का दिल से आभार आदरणीय"
Thursday
सुरेश कुमार 'कल्याण' posted a blog post

मार्गशीर्ष (दोहा अष्टक)

कहते गीता श्लोक में, स्वयं कृष्ण भगवान।मार्गशीर्ष हूँ मास मैं, सबसे उत्तम जान।1।ब्रह्मसरोवर तीर पर,…See More
Thursday
Sushil Sarna posted blog posts
Thursday

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service