22 members
218 members
395 members
375 members
97 members
दुर्दशा हुई मातृ भूमि जो, गंगा ...हुई... .पुरानी है
पावन देवि सरस्वती तुझे, कविता-कथा सुनानी है !
दोहा ..सोरठा ..सवैया तज, कवि मुक्त काव्य लिखता है ।
सिद्ध छंद छोड़ काव्य वह अब, भार गिरा कर पढ़ता है ।।
ग़ज़ल उसे बहुत भाती रही, याद ,.,कविता.. दिलानी है ।
कविता का ..मर्म नहीं.. जाने , घुट्टी ..उन्हें ...पिलानी है ।।
पावन देवि सरस्वती तुझे, कविता - कथा.. सुनानी है !
माँ शारदे .. सुन, वरदान दे, दास काव्य का..बन…
ContinuePosted on June 1, 2023 at 7:35am — 1 Comment
1212 1122 1212 22
है ज़हर आज हवाओं में, दिल दहलते हैं
मुनाफ़िकों की है बस्ती कि वो टहलते हैं
के चार सू यहाँ मरते हैं लोग तनहाई
बुझे- बुझे से हैं बूढ़े कहीं निकलते हैं
कि ख़ौफनाक है मंज़र ये नफ़रतों दुनिया
ये ज़ालिमों की है बस्ती खला बहलते हैं
वो शर्म मर गयी आँखों की ग़मज़दा हम हैं
करें भी क्या अदब वाले यहाँ से चलते हैं
गुलाम देते सलामी वो शाह भी खुश हैं
कि मार डाले हैं दुश्मन जहाँ जो…
Posted on May 29, 2023 at 7:30am
1222 1222 122
कहूँ सच आपका कोई नहीं है
जहाँ में आश्ना कोई नहीं है
सबूतों बात ये कह दी अभी से
वो दुनिया में मिरा कोई नहीं है
ये सब माया उसी की जो छुपा है
सिवा उसके ख़ुदा कोई नहीं है
अकेलापन बड़ी सबसे सज़ा है
अभागा अन्यथा कोई नहीं हैं
किया जो ज़ुर्म उसने वो भरेगा
वो मेरा मुँहलगा कोई नहीं है
मुखौटा कब कोई पहना है मैंने
बहस ये मुद्दआ कोई नहीं है
जो है इनसान का…
ContinuePosted on March 12, 2023 at 7:44pm — 2 Comments
2122 1212 22 / 112
कारवाँ प्यार का रुका क्यूँ है
हादसा आज ये हुआ क्यूँ है
गुलदस्ता वो नहीं कोई फूल नहीं
दीवाना दोस्त गुमशुदा क्यूँ है
चलनी है रहगुज़र मुझे और भी
बदगुमाँ फिर वो दिलरुबा क्यूँ है
वो जुनूँ प्यार का हवा हो गया
होंसला बारहा हुआ क्यूँ है
कौन जाने वो मसअला क्या है
राय़गाँ हुस्न अब हुआ क्यूँ है
कोई रिश्ता ठहरता ही नहीं याँ
राबतों को ये बद्दुआ क्यूँ…
ContinuePosted on February 17, 2023 at 7:43am — 1 Comment
भाई चेतन जी
नमन -
इस्लाह का
सलीका आ जायेगा
मैंने आज तलक
मुकम्मल तो कोई देखा नहीं
गलतियां निकालोगे-
तो सीखूंगा ही ।।
मैं तो अधूरा था
अधूरा रहा
और हूँ अब तलक
आज आया हूँ आपकी बज्म में
कुछ सिखा दोगे -
तो सीखूंगा भी ।।
जनाब चेतन प्रकाश जी,ये टिप्पणी आप मुशाइर: में दें,तो मुझे जवाब देने में आसानी होगी ।
आवश्यक सूचना:-
1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे
2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |
3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |
4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)
5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |
© 2023 Created by Admin.
Powered by
महत्वपूर्ण लिंक्स :- ग़ज़ल की कक्षा ग़ज़ल की बातें ग़ज़ल से सम्बंधित शब्द और उनके अर्थ रदीफ़ काफ़िया बहर परिचय और मात्रा गणना बहर के भेद व तकतीअ
ओपन बुक्स ऑनलाइन डाट कॉम साहित्यकारों व पाठकों का एक साझा मंच है, इस मंच पर प्रकाशित सभी लेख, रचनाएँ और विचार उनकी निजी सम्पत्ति हैं जिससे सहमत होना ओबीओ प्रबन्धन के लिये आवश्यक नहीं है | लेखक या प्रबन्धन की अनुमति के बिना ओबीओ पर प्रकाशित सामग्रियों का किसी भी रूप में प्रयोग करना वर्जित है |