2212 1211 2212 12
जिसको हुआ गुमाँ कि 'ख़ुदा' हो गया है वो
रुस्वाई के भंवर में तो ख़ुद जा गिरा है वो
अच्छा भला था 'ख़ुल्द' में 'इब्लीस' हो गया
झूठी अना की शान को मुन्किर हुआ है वो
हद से ज़ियाद: ख़ुद पे भरोसे का ये हुआ
थूका जो आस्मान पे मुँह पर गिरा है वो
मिट्टी जो फेंकी चाँद पे मैला नहीं हुआ
करनी पे अपनी ख़ुद ही तो शर्मा रहा है वो
थोड़ी सी धूप के लिये था जो रवाँ-दवाँ
सूरज को ले के दीप दिख…