हाँ में हाँ मिलाइये वर्ना चोट खाइए. . हम नया अगर करें तुहमतें लगाइए. . छन्द है ये कौन सा अपना सर खुजाइये . मीर जी ख़ुदा नहीं आप मान जाइए. . कुछ नये मुहावरे सिन्फ़ में मिलाइये. . कोई तो दलील दें यूँ सितम न ढाइए. . हम नये नयों को अब यूँ न बर्गलाइये. . नूर है वो नूर है उस से जगमगाइए. ..निलेश "नूर"मौलिक/ अप्रकाशित