For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

अपनी ज़ुल्फों को धो रही है शब - सलीम रज़ा रीवा

2122 1212 22

अपनी ज़ुल्फों को धो रही है शब

और ख़ुश्बू निचो रही है शब

oo

मेरे ख़ाबों की ओढ़कर चादर

मेरे बिस्तर पे सो रही है शब

oo

अब अंधेरों से जंग की ख़ातिर

कुछ चराग़ों को बो रही है शब

oo

सुब्ह--नौ के क़रीब आते ही

अपना अस्तित्व खो रही है शब

oo

दिन के सदमों को सह रहा है दिन

रात का बोझ ढो रही है शब

___________________

"मौलिक व अप्रकाशित

बहरे खफ़ीफ मुसद्दस मख़बून

Views: 426

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Samar kabeer on May 2, 2019 at 11:38am

जनाब सलीम रज़ा साहिब आदाब, अच्छी ग़ज़ल हुई है,बधाई स्वीकार करें ।

Comment by Tasdiq Ahmed Khan on May 2, 2019 at 10:56am

जनाब सलीम रज़ा साहिब, गज़ब के एहसास से सजी उम्दा ग़ज़ल के लिए मुबारकबाद क़ुबूल फरमाएं I 

Comment by नाथ सोनांचली on May 1, 2019 at 6:07pm

आद0 सलीम साहब सादर अभिवादन। ग़ज़ल पर आपको दाद के साथ मुबारकबाद पेश करता हूँ

Comment by Sushil Sarna on May 1, 2019 at 3:15pm

अपनी ज़ुल्फों को धो रही है शब

और ख़ुश्बू निचो रही है शब

oo

मेरे ख़ाबों की ओढ़कर चादर

मेरे बिस्तर पे सो रही है शब

आदरणीय सलीम रजा रीवा साहिब , आदाब। ... गज़ब के अहसास पिरोये हैं आपने ग़ज़ल में । आपकी कल्पना और कलम को सलाम। दिल से मुबारकबाद कबूल फरमाएं सर।

Comment by राज़ नवादवी on May 1, 2019 at 12:14am

आदरणीय सलीम रज़ा साहब, आदाब. सुन्दर ग़ज़ल की प्रस्तुति पे बधाई क़ुबूल करें. सादर. 

Comment by बसंत कुमार शर्मा on April 30, 2019 at 2:04pm

आदरणीय सलीम जी को सादर नमस्कार, बहुत बढ़िया ग़ज़ल हुई, बधाई आपको 

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"आदरणीय ज़ैफ़ जी आदाब, उम्दा ग़ज़ल हुई है मुबारकबाद पेश करता हूँ।"
34 minutes ago
अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"आदरणीय ज़ैफ़ जी आदाब, ग़ज़ल पर आपकी आमद और ज़र्रा नवाज़ी का तह-ए-दिल से शुक्रिया।"
41 minutes ago
अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"जनाब आज़ी तमाम साहिब आदाब, ग़ज़ल पर आपकी आमद और ज़र्रा नवाज़ी का तह-ए-दिल से शुक्रिया। भाई-चारा का…"
42 minutes ago
अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"आदरणीय संजय शुक्ला जी आदाब, ग़ज़ल पर आपकी आमद और ज़र्रा नवाज़ी का तह-ए-दिल से शुक्रिया।"
48 minutes ago
अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"जी, ऐसा करना मुनासिब होगा। "
1 hour ago
Aazi Tamaam replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"अच्छी ग़ज़ल हुई आ बधाई स्वीकार करें"
1 hour ago
Aazi Tamaam replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"अच्छी ग़ज़ल हुई आ इस्लाह भी ख़ूब हुई आ अमित जी की"
1 hour ago
Aazi Tamaam replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"जी आ रिचा अच्छी ग़ज़ल हुई है इस्लाह के साथ अच्छा सुधार किया आपने"
1 hour ago
DINESH KUMAR VISHWAKARMA replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"आदरणीय संजय जी सादर नमस्कार। ग़ज़ल के अच्छे प्रयास हेतु हार्दिक बधाई आपको ।"
1 hour ago
Zaif replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"आ Sanjay Shukla जी, बहुत आभार आपका। ज़र्रा-नवाज़ी का शुक्रिया।"
1 hour ago
Zaif replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"आ Euphonic Amit जी, बहुत आभार आपका। ज़र्रा-नवाज़ी का शुक्रिया।"
1 hour ago
Zaif replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"आ Dinesh Kumar जी, अच्छी ग़ज़ल कही आपने, बधाई है। "
1 hour ago

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service