For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

परिंदा जो गिरा, गिर कर उठा है-गजल

1222 1222 122
न जाने क्या हुई हमसे ख़ता है
हमारा यार जो हमसे खफ़ा है।

यूँ ही बदनाम हाकिम को हैं करते
यहाँ प्यादा भी जब जालिम बड़ा है।

जरा सींचो भरोसा तुम जड़ों में
शज़र रिश्तों का इन पर ही खड़ा है।

उसी ने छू लिया है आसमाँ को
परिंदा जो गिरा, गिर कर उठा है।

नहीं हमदर्द होता आदमी जो
सहारा गलतियों में दे रहा है।

अमा की रात में महताब आया
तुम आये तो हमे ऐसा लगा है।

मौलिक अप्रकाशित

Views: 692

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by सतविन्द्र कुमार राणा on December 2, 2018 at 2:06pm

आदरणीय समर कबीर सर सादर नमन! उत्साहवर्धन के लिए सादर आभार

Comment by सतविन्द्र कुमार राणा on December 2, 2018 at 2:05pm

आदरणीय राज नवादवी जी नमन सादर, ज़र्रानवाज़ी के लिए शुक्रिया

Comment by सतविन्द्र कुमार राणा on December 2, 2018 at 2:03pm

आदरणीय मोहम्मद आरिफ जी सादर नमन सह हार्दिक आभार

Comment by सतविन्द्र कुमार राणा on December 2, 2018 at 2:02pm

आदरणीय शेख़ शहज़ाद उस्मानी जी सादर नमन सह हार्दिक आभार। सादर

Comment by सतविन्द्र कुमार राणा on December 2, 2018 at 2:00pm

आदरणीय श्याम नारायण ।वर्मा जी, सादर नमन सह हार्दिक आभार, अनुमोदन एवं  उत्साहवर्धन के लिए

Comment by Samar kabeer on December 1, 2018 at 2:56pm

जनाब सतविन्द्र कुमार 'राणा' जी आदाब,ग़ज़ल का प्रयास अच्छा है,बधाई स्वीकार करें ।

Comment by राज़ नवादवी on December 1, 2018 at 11:03am

आदरणीय  सतविंद्र कुमार,जी  आदाब, सुन्दर ग़ज़ल की प्रस्तुति पे हार्दिक बधाई. सादर 

Comment by Mohammed Arif on November 30, 2018 at 1:25pm

आदरणीय सतविंद्र कुमार जी आदाब,

                          अच्छी ग़ज़ल । शे'र दर शे'र दाद के साथ दिली मुबारकबाद कुबूल करें ।

Comment by Sheikh Shahzad Usmani on November 29, 2018 at 8:36pm

बेहतरीन सांकेतिक विचारोत्तेजक रचना हेतु सादर हार्दिक बधाई आदरणीय सतविंदर कुमार राणा  साहिब।

Comment by Shyam Narain Verma on November 29, 2018 at 10:39am

आदरणीय , सुन्दर ग़ज़ल हेतु बधाई आप को | सादर

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Zaif replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"आ Sanjay Shukla जी, बहुत आभार आपका। ज़र्रा-नवाज़ी का शुक्रिया।"
13 minutes ago
Zaif replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"आ Euphonic Amit जी, बहुत आभार आपका। ज़र्रा-नवाज़ी का शुक्रिया।"
13 minutes ago
Zaif replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"आ Dinesh Kumar जी, अच्छी ग़ज़ल कही आपने, बधाई है। "
15 minutes ago
Zaif replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"आ Richa यादव जी, अच्छी ग़ज़ल कही आपने, बधाई। इस्लाह से बेहतर हो जाएगी ग़ज़ल। "
19 minutes ago
Zaif replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"आ. by लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' ji, अच्छा प्रयास हुआ ग़ज़ल का। बधाई आपको। "
23 minutes ago
Zaif replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"आ. Chetan Prakash ji, ग़ज़ल का अच्छा प्रयास रहा। सुझावों से निखार जाएगी ग़ज़ल। बधाई। "
28 minutes ago
Zaif replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"आ. अमीरुद्दीन 'अमीर' जी, ख़ूब ग़ज़ल रही, बधाई आपको। "
32 minutes ago
DINESH KUMAR VISHWAKARMA replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"आदरणीय संजय जी। सादर अभिवादन स्वीकार करें। ग़ज़ल तक आने व प्रतिक्रिया हेतु बहुत बहुत आभार"
50 minutes ago
Zaif replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"आ. Sanjay जी, अच्छा प्रयास रहा, बधाई आपको।"
53 minutes ago
Zaif replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"आ. Aazi ji, अच्छी ग़ज़ल रही, बधाई।  सुझाव भी ख़ूब। ग़ज़ल में निखार आएगा। "
58 minutes ago
Aazi Tamaam replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"अच्छी ग़ज़ल हुई आ बधाई स्वीकारें बाक़ी गुणीजनों की इस्लाह से और निखर जायेगी"
1 hour ago
Zaif replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"आ. Mahendra Kumar ji, अच्छी ग़ज़ल रही। बधाई आपको।"
1 hour ago

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service