For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

फेलुन फेलुन फेलुन फेलुन

 

गुपचुप उसपर मन आया है

लगता है सावन आया है

 

महका है हर कोना-कोना

अम्बर से चन्दन आया है

 

देखो नभ पर छाये बादल

दूल्हा ज्यों बनठन आया है 

 

भीग रही है प्यासी धरती

ज्यों बीता यौवन आया है

 

रह-रह नाच रही हैं बूँदें

राधा का मोहन आया है

 

झूला झूल रही हैं सखियाँ

सज रक्षा बंधन आया है

 

कागज़ की नैया ले आओ

याद मुझे बचपन आया है

 

मौलिक/अप्रकाशित.

Views: 633

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by PHOOL SINGH on December 11, 2018 at 5:13pm

सूंदर रचना

Comment by Ashok Kumar Raktale on December 2, 2018 at 10:14am

आदरणीय दयाराम मैथानी साहब सादर, सृजन को मान देने के लिए आपका हृदयतल से आभार । सादर ।

Comment by Ashok Kumar Raktale on December 2, 2018 at 10:12am

आदरणीय श्लेष चंद्राकर जी सादर , प्रस्तुत गजल को सराहने के लिए आपका बहुत- बहुत आभार । सादर । 

Comment by Ashok Kumar Raktale on December 2, 2018 at 10:10am

आदरणीय समर कबीर साहब सादर नमस्कार, मेरे प्रयास को सराहने के लिए आपका बहुत - बहुत आभार । सच है तनाफूर का मुझे ध्यान  नहीं रहा है । एक तो आपने संशोधित कर ही दिया है दूसरे को मैं संशोधित कर लेता हूँ । पुनः आपका हार्दिक आभार । सादर ।

Comment by Dayaram Methani on December 1, 2018 at 10:42pm

आदरणीय अशोक कुमार रक्ताले जी, बहुत सुंदर सृजन। बधाई स्वीकार करें।

Comment by Shlesh Chandrakar on December 1, 2018 at 4:02pm

बहुत बढिया, अशोक जी

Comment by Samar kabeer on December 1, 2018 at 11:00am

जनाब अशोक कुमार रक्ताले जी आदाब,ग़ज़ल का अच्छा प्रयास हुआ है,बधाई स्वीकार करें ।

'  आसमान पर छाये बादल'

ये मिसरा मात्रा के हिसाब से ठीक लगता है,लेकिन फ़ेलुन के अरकान पर तक़ती'अ करने पर रुकावट आ रही है,आप चाहें तो मिसरा यूँ कर सकते हैं:-

'देखो नभ पर छाये बादल''

'  फिर रक्षा बंधन आया है'

इस मिसरे में ऐब-ए-तनाफ़ुर देखें ।

Comment by Ashok Kumar Raktale on December 1, 2018 at 10:39am

आदरणीय मोहम्मद आरिफ़ साहब सादर नमस्कार, प्रस्तुत प्रयास पर उत्साहवर्धन के लिए अतिशय आभार । सादर 

Comment by Mohammed Arif on November 30, 2018 at 1:08pm

आदरणीय अशोक रक्ताले जी आदाब,

  ..                         बहुत ही कठिन बह्र पर बहुत ही सरल-सरस शब्दों में लाजवाब ग़ज़ल । शे'र दर शे'र दाद के साथ दिली मुबारकबाद स्वीकार करें ।

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity


सदस्य कार्यकारिणी
शिज्जु "शकूर" replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"आदरणीय अमित जी, बेह्तरीन ग़ज़ल से आग़ाज़ किया है, सादर बधाई आपको आखिरी शे'र में…"
2 hours ago
Sanjay Shukla replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"आदरणीया ऋचा जी बहुत धन्यवाद"
3 hours ago
Sanjay Shukla replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"आदरणीय अमीर जी, आपकी बहुमूल्य राय का स्वागत है। 5 में प्रकाश की नहीं बल्कि उष्मा की बात है। दोनों…"
3 hours ago
Sanjay Shukla replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"आदरणीय अमित जी। आप की मूल्यवान राय का स्वागत है।  2 मय और निश्तर पीड़ित हृदय के पुराने उपचार…"
3 hours ago
DINESH KUMAR VISHWAKARMA replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"आदरणीय महेंद्र कुमार जी नमस्कार। ग़ज़ल के अच्छे प्रयास हेतु बधाई।"
4 hours ago
DINESH KUMAR VISHWAKARMA replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"आदरणीय अमित जी ।सादर अभिवादन स्वीकार कीजिए। अच्छी ग़ज़ल हेतु आपको हार्दिक बधाई।"
4 hours ago
DINESH KUMAR VISHWAKARMA replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी,सादर अभिवादन स्वीकार कीजिए।  ग़ज़ल हेतु बधाई। कंटकों को छूने का.... यह…"
4 hours ago
DINESH KUMAR VISHWAKARMA replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"आदरणीया ऋचा यादव जी ।सादर नमस्कार।ग़ज़ल के अच्छे प्रयास हेतु बधाई।गुणीजनों के इस्लाह से और निखर गई है।"
4 hours ago
DINESH KUMAR VISHWAKARMA replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"आदरणीय euphonic amit जी आपको सादर प्रणाम। बहुत बहुत आभार आपका आदरणीय त्रुटियों को इंगित करने व…"
4 hours ago
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"आदरणीय अमित जी बहुत बहुत शुक्रिया आपका इतनी बारीक़ी से हर बात बताने समझाने कनलिये सुधार का प्रयास…"
4 hours ago
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"आदरणीय, अमित जी, आदाब आपने ग़ज़ल तक आकर जो प्रोत्साहन दिया, इसके लिए आपका आभारी हूँ ।// आज़माता…"
5 hours ago
Euphonic Amit replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"आदरणीय DINESH KUMAR VISHWAKARMA आदाब ग़ज़ल के उम्द: प्रयास पर बधाई स्वीकार करें। मुश्किलों की आँधी…"
5 hours ago

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service