For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

अस्त व्यस्त -लघुकथा -

अस्त व्यस्त -लघुकथा -

पैतीस वर्षीय गल्ला व्यापारी राजेश्वर को दिल का दौरा पड़ा।आनन फानन में चिकित्सालय पहुँचाया गया।

विशेषज्ञ चिकित्सकों द्वारा गहन परीक्षण और उचित चिकित्सा के बाद घर भेज दिया मगर बहुत सारी हिदायतों के साथ।

उनके अनुसार दिल का दौरा हल्का था और समय पर चिकित्सा मिलने से खतरा टल गया है लेकिन जीवन भर सावधानी रखनी होगी।

सगे संबंधी, रिश्तेदार, मोहल्ले के लोग,मित्रों एवम व्यापारियों का ताँता लग गया।

हाल चाल जानने राजेश्वर के सत्तर वर्षीय नानाजी भी आये। वे शहर के सबसे बड़े व्यापारी और समाजसेवी थे। साथ ही वे राजेश्वर के लिये आदर्श और प्रेरणा श्रोत भी थे।वह भी उन्हीं के पद चिन्हों पर चल कर उन जैसा ही नाम कमाना चाहता था।

"राजेश्वर, यह कैसे हुआ? लगता है कि तुम मेरे दिशा निर्देशों का पालन नहीं करते।"

"नहीं नानाजी, ऐसा तो कुछ भी नहीं है?कुछ दिन से कार्य की अधिकता से व्यस्तता ज्यादा हो गयी थी।"

"यह सत्य नहीं है राजेश्वर।तुमसे अधिक कार्य करता हूँ।आयु भी तुमसे अधिक है।मगर फिर भी स्वस्थ हूँ।"

"नानाजी, यही सच है, अति व्यस्त होने से ही यह सब कुछ हुआ है।"

"यह सब व्यस्त होने से नहीं वलिक अस्त व्यस्त होने से हुआ है।मैं तुम्हारी जीवन शैली का उदाहरण स्पष्ट देख रहा हूँ।"

"नानाजी, आपका आशय क्या है मैं समझा नहीं?"

नानाजी ने एक अधखुले सूट्केस, जिसमें ठूंस ठूंस कर कपड़े बेतरतीब तरीके से भर रखे थे, की ओर इशारा करते हुए कहा,"यह तुम्हारा ही सूट्केस है ना, यह तुम्हारी ज़िंदगी के प्रति सोच को दिखा रहा है।"

"नानाजी, अभी भी मेरी समझ में कुछ नहीं आया?"

"राजेश्वर, तुमने अपने जीवन की तमाम समस्याओं को इन कपड़ों की भाँति बिना सुलझाये अपने अंदर समेट रखा है,जो तुम्हारे भीतर उथल पुथल मचा रही हैं।"

मौलिक एवम अप्रकाशित

Views: 565

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by TEJ VEER SINGH on October 13, 2018 at 7:02pm

हार्दिक आभार आदरणीय नीलम उपाध्याय जी।

Comment by Neelam Upadhyaya on October 13, 2018 at 4:11pm

आदरणीय तेजवीर सिंह जी, अच्छी लघुकथा का सृजन। बहुत बहुत बधाई.

Comment by TEJ VEER SINGH on October 13, 2018 at 12:46pm

हार्दिक आभार आदरणीय सुरेन्द्र नाथ सिंह 'कुशक्षत्रप जी।

Comment by TEJ VEER SINGH on October 13, 2018 at 12:45pm

हार्दिक आभार आदरणीय बृजेश कुमार 'ब्रज' जी।

Comment by नाथ सोनांचली on October 13, 2018 at 11:05am

आद0 तेजवीर सिंह जी सादर अभिवादन। बेहतरीन सीख देती लघुकथा के लिए हृदय तल से बधाई देता हूँ। सादर

Comment by बृजेश कुमार 'ब्रज' on October 13, 2018 at 7:38am

बढ़िया संदेशप्रद लघु कथा आदरणीय..

Comment by TEJ VEER SINGH on October 12, 2018 at 3:43pm

हार्दिक आभार आदरणीय समर क़बीर साहब जी।आदाब।

Comment by Samar kabeer on October 12, 2018 at 2:27pm

जनाब तेजवीर सिंह जी आदाब,अच्छी लघुकथा हुई है,इस प्रस्तुति पर बधाई स्वीकार करें ।

Comment by TEJ VEER SINGH on October 12, 2018 at 10:46am

हार्दिक आभार आदरणीय शेख उस्मानी जी।

Comment by Sheikh Shahzad Usmani on October 11, 2018 at 8:17pm

अस्त-व्यस्तता से उथल-पुथल ; आइने से रूबरू; दर्पण से साक्षात्कार वाया स्वस्थ्य स्तंभ नानाजान! बहुत बढ़िया कथ्य के साथ बढ़िया प्रेरक/बोध रचना। हार्दिक बधाई आदरणीय तेजवीर सिंह साहिब। मेरे विचार से शीर्षक कोई बेहतर भी हो सकता है और आरंभिक सात-आठ पंक्तियों को एक पंक्ति या  सहज संवाद में समायोजित किया जा सकता है। सादर।

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity


सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर updated their profile
yesterday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 155 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीया प्रतिभा जी, मेरे प्रयास को मान देने के लिए हार्दिक आभार.. बहुत बहुत धन्यवाद.. सादर "
yesterday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 155 in the group चित्र से काव्य तक
"हार्दिक धन्यवाद, आदरणीय। "
yesterday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 155 in the group चित्र से काव्य तक
"आपका हार्दिक आभार, आदरणीय"
yesterday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 155 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय दयाराम जी मेरे प्रयास को मान देने के लिए बहुत बहुत धन्यवाद। हार्दिक आभार। सादर।"
yesterday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 155 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय सौरभ पांडेय सर, बहुत दिनों बाद छंद का प्रयास किया है। आपको यह प्रयास पसंद आया, जानकर खुशी…"
yesterday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 155 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय आदरणीय चेतन प्रकाशजी मेरे प्रयास को मान देने के लिए बहुत बहुत धन्यवाद। हार्दिक आभार। सादर।"
yesterday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 155 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय चेतन प्रकाश जी, प्रदत्त चित्र पर बढ़िया प्रस्तुति। इस प्रस्तुति हेतु हार्दिक बधाई। सादर।"
yesterday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 155 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीया प्रतिभा जी, प्रदत्त चित्र को शाब्दिक करती मार्मिक प्रस्तुति। इस प्रस्तुति हेतु हार्दिक…"
yesterday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 155 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय दयाराम जी, प्रदत्त चित्र को शाब्दिक करते बहुत बढ़िया छंद हुए हैं। इस प्रस्तुति हेतु हार्दिक…"
yesterday
pratibha pande replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 155 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय दयाराम मथानी जी छंदों पर उपस्तिथि और सराहना के लिये आपका हार्दिक आभार "
yesterday
pratibha pande replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 155 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय सौरभ पाण्डेय जी छंदों पर उपस्तिथि और सराहना के लिए आपका हार्दिक आभार "
yesterday

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service