For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

जो गिरफ़्तार है जुल्फों में वो फरार कहाँ


2122 1122 1212 22


इक ज़माने से गुलिस्ताँ में है बहार कहाँ ।
जान करता है गुलों पर कोई निसार कहाँ ।।

बारहा पूछ न मुझसे मेरी कहानी तू ।
अब  तुझे  मेरी  सदाक़त पे ऐतबार कहाँ ।।

एक मुद्दत से कज़ा का हूँ मुन्तजिर साहब ।
मौत पर मेरा अभी तक है इख़्तियार कहाँ ।।

आपकी थी ये बड़ी भूल मान जाते हम ।
दिख रहे आप गुनाहों पे सोगवार कहाँ ।।

ख़ाब जुमलों से दिखाया न कीजिये इतना ।
आपकी बात में अब रह गई वो धार कहाँ ।।

जीत के जश्न में मदहोश हो गए जब से ।
आपके रंग का उतरा अभी खुमार कहाँ ।।

लद गये दिन वो सियासत के इस तरह साहब ।
कारवाँ आपका निकला मग़र गुबार कहाँ ।।

दफ़्न होती हैं यहाँ रोज  ख्वाहिशें सारी ।
ढूढ़िये मत मेरी हसरत की है मज़ार कहाँ ।।

रेत की तर्ह फिसलता है वक्त मुट्ठी से ।
अब मुहब्बत के लिए और इंतजार कहाँ ।।

लोग बेचैन हैं महफ़िल में आज फिर साकी ।
बिन तेरे बज़्म में आता यहाँ करार कहाँ ।।

अब तो क़ातिल की सजा पर हो फैसला कोई ।
जो गिरफ्तार है जुल्फों में वो फरार कहाँ ।।

          -नवीन मणि त्रिपाठी
          मौलिक अप्रकाशित










Views: 512

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Naveen Mani Tripathi on September 7, 2018 at 6:22pm

आ0 कबीर सर सादर नमन ।

महत्वपूर्ण इस्लाह के लिए तहेदिल से शुक्रिया ।

नमन 

Comment by Samar kabeer on September 7, 2018 at 6:03pm

जनाब नवीन मणि त्रिपाठी जी आदाब,अच्छी ग़ज़ल हुई है,दाद के साथ मुबारकबाद पेश करता हूँ ।

ढूढ़िये मत मेरी हसरत की है मज़ार कहाँ'

"मज़ार" शब्द पुल्लिंग है,'की' को "का" करलें ।

Comment by Naveen Mani Tripathi on September 7, 2018 at 4:48pm

आ0 शर्मा जी ग़ज़ल तक आने के लिए हार्दिक आभार 

Comment by बसंत कुमार शर्मा on September 7, 2018 at 1:09pm

आदरणीय नवीन जी, शुभ प्रभातम, बहुत खूब गजल हुई है , बधाई आपको 

Comment by लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' on September 7, 2018 at 11:18am

आ. भाई नवीन जी, सादर अभिवादन । बेहतरीन गजल हुयी है । हार्दिक बधाई ।

Comment by Naveen Mani Tripathi on September 7, 2018 at 10:40am

आ0 तेज वीर सिंह साहब तहेदिल से शुक्रिया ।

Comment by TEJ VEER SINGH on September 7, 2018 at 9:54am

हार्दिक बधाई आदरणीय नवीन मणि जी।बेहतरीन गज़ल।

ख़ाब जुमलों से दिखाया न कीजिये इतना ।
आपकी बात में अब रह गई वो धार कहाँ ।।

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity


सदस्य कार्यकारिणी
शिज्जु "शकूर" replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"आदरणीय अमित जी, बेह्तरीन ग़ज़ल से आग़ाज़ किया है, सादर बधाई आपको आखिरी शे'र में…"
2 hours ago
Sanjay Shukla replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"आदरणीया ऋचा जी बहुत धन्यवाद"
3 hours ago
Sanjay Shukla replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"आदरणीय अमीर जी, आपकी बहुमूल्य राय का स्वागत है। 5 में प्रकाश की नहीं बल्कि उष्मा की बात है। दोनों…"
3 hours ago
Sanjay Shukla replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"आदरणीय अमित जी। आप की मूल्यवान राय का स्वागत है।  2 मय और निश्तर पीड़ित हृदय के पुराने उपचार…"
3 hours ago
DINESH KUMAR VISHWAKARMA replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"आदरणीय महेंद्र कुमार जी नमस्कार। ग़ज़ल के अच्छे प्रयास हेतु बधाई।"
4 hours ago
DINESH KUMAR VISHWAKARMA replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"आदरणीय अमित जी ।सादर अभिवादन स्वीकार कीजिए। अच्छी ग़ज़ल हेतु आपको हार्दिक बधाई।"
4 hours ago
DINESH KUMAR VISHWAKARMA replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी,सादर अभिवादन स्वीकार कीजिए।  ग़ज़ल हेतु बधाई। कंटकों को छूने का.... यह…"
4 hours ago
DINESH KUMAR VISHWAKARMA replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"आदरणीया ऋचा यादव जी ।सादर नमस्कार।ग़ज़ल के अच्छे प्रयास हेतु बधाई।गुणीजनों के इस्लाह से और निखर गई है।"
4 hours ago
DINESH KUMAR VISHWAKARMA replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"आदरणीय euphonic amit जी आपको सादर प्रणाम। बहुत बहुत आभार आपका आदरणीय त्रुटियों को इंगित करने व…"
4 hours ago
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"आदरणीय अमित जी बहुत बहुत शुक्रिया आपका इतनी बारीक़ी से हर बात बताने समझाने कनलिये सुधार का प्रयास…"
4 hours ago
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"आदरणीय, अमित जी, आदाब आपने ग़ज़ल तक आकर जो प्रोत्साहन दिया, इसके लिए आपका आभारी हूँ ।// आज़माता…"
5 hours ago
Euphonic Amit replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"आदरणीय DINESH KUMAR VISHWAKARMA आदाब ग़ज़ल के उम्द: प्रयास पर बधाई स्वीकार करें। मुश्किलों की आँधी…"
5 hours ago

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service