For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

तन की बात - लघुकथा –

तन की बात - लघुकथा –

नंदू स्कूल का बैग पटक कर चिल्लाया,"माँ, मैं खेलने जा रहा हूँ। आज स्कूल की छुट्टी होगयी"।

"अरे रुक तो सही, क्या हुआ। अभी गया था और तुरंत वापस आगया। बता तो,क्यों हो गयी छुट्टी"? ममता रसोईघर से हाथ पौंछते हुई निकली|

"माँ, स्कूल की  एक लड़की ने स्कूल  में आत्म हत्या कर ली"।

इतना बोलकर नंदू खेलने दौड़ गया।

ममता यह खबर सुनकर बेचैन हो गयी।वह भी तुरंत स्कूल पहुंच गयी ।भीड़ लगी हुई थी।पुलिस वाले भी आ चुके थे।लोगों में कानाफ़ूसी चल रही थी।

कोई बता रहा था कि किसी टीचर ने उस लड़की का बलात्कार किया था।

मोहल्ले में दो तीन दिन से उड़ती उड़ती खबर तो फ़ैली हुयी थी।मगर स्पष्ट कुछ पता नहीं   चल रहा था।

ऐसा भी सुनने को आया था कि कुछ लोग थाने भी गये थे। दरोगा ने दो हज़ार रुपये माँगे थे रिपोर्ट लिखने के लिये।

जिस कमरे में लड़की की लाश थी, ममता उसमें घुसने लगी तो पुलिस ने रोक दिया।

ममता ने देखा कि कुछ औरतें कमरे की खिड़की से लाश देख रहीं थी।ममता भी वहीं से देखने लगी।

 तेरह चौदह साल की लड़की थी।उसने अपनी कलाई काट ली थी।लाश के पास वाली दीवार पर खून से कुछ लिखा हुआ था।शायद उसी लड़की ने मरने से पहले लिखा होगा।ममता ने अपना चश्मा निकाला और दीवार पर टेढ़े मेढ़े अक्षरों में खून से लिखी इबारत को पढ़ना शुरू किया।

नेता करते मन की बात,

टीचर करते तन की बात,

 क़ानून करता धन की बात,

 किससे कहें हमारी बात |

 मौलिक एवम अप्रकाशित

Views: 753

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by TEJ VEER SINGH on April 29, 2018 at 1:13pm

हार्दिक आभार आदरणीय बृजेश कुमार जी।

Comment by बृजेश कुमार 'ब्रज' on April 27, 2018 at 4:30pm

बहुत ही संवेधनशील विषय को केंद्रित लघु कथा..वाह आदरणीय

Comment by TEJ VEER SINGH on April 26, 2018 at 5:04pm

हार्दिक आभार आदरणीय डॉ आशुतोष मिश्रा जी।

Comment by Dr Ashutosh Mishra on April 26, 2018 at 11:27am

आदरणीय तेजवीर जी आजकल के हालात का बखूबी चित्रण करती शसक्त रचना के लिए तहे दिल बधाई स्वीकार करें सादर 

Comment by TEJ VEER SINGH on April 26, 2018 at 11:03am

हार्दिक आभार आदरणीय विजय निकोरे जी।

Comment by vijay nikore on April 26, 2018 at 2:20am

बहुत ही खूबसूरत लघुकथा बनी है। हार्दिक बधाई, आदरणीय तेज वीर सिहं जी

Comment by TEJ VEER SINGH on April 25, 2018 at 5:51pm

हार्दिक आभार आदरणीय समर क़बीर साहब जी। आदाब

Comment by Samar kabeer on April 25, 2018 at 2:26pm

जनाब तेजवीर सिंह जी आदाब,बहुत बढ़िया लघुकथा,इस प्रस्तुति पर बधाई स्वीकार करें ।

Comment by TEJ VEER SINGH on April 25, 2018 at 12:50pm

हार्दिक आभार आदरणीय नीलम जी।

Comment by Neelam Upadhyaya on April 25, 2018 at 11:00am

आदरणीय तेजवीर सिंह जी, नमस्कार । ज्वलंत विषय पर बहुत ही बढ़िया लघुकथा की प्रस्तुति के लिए बधाई ।

 

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"आदरणीय ज़ैफ़ जी आदाब, उम्दा ग़ज़ल हुई है मुबारकबाद पेश करता हूँ।"
10 minutes ago
अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"आदरणीय ज़ैफ़ जी आदाब, ग़ज़ल पर आपकी आमद और ज़र्रा नवाज़ी का तह-ए-दिल से शुक्रिया।"
17 minutes ago
अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"जनाब आज़ी तमाम साहिब आदाब, ग़ज़ल पर आपकी आमद और ज़र्रा नवाज़ी का तह-ए-दिल से शुक्रिया। भाई-चारा का…"
18 minutes ago
अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"आदरणीय संजय शुक्ला जी आदाब, ग़ज़ल पर आपकी आमद और ज़र्रा नवाज़ी का तह-ए-दिल से शुक्रिया।"
24 minutes ago
अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"जी, ऐसा करना मुनासिब होगा। "
38 minutes ago
Aazi Tamaam replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"अच्छी ग़ज़ल हुई आ बधाई स्वीकार करें"
42 minutes ago
Aazi Tamaam replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"अच्छी ग़ज़ल हुई आ इस्लाह भी ख़ूब हुई आ अमित जी की"
43 minutes ago
Aazi Tamaam replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"जी आ रिचा अच्छी ग़ज़ल हुई है इस्लाह के साथ अच्छा सुधार किया आपने"
45 minutes ago
DINESH KUMAR VISHWAKARMA replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"आदरणीय संजय जी सादर नमस्कार। ग़ज़ल के अच्छे प्रयास हेतु हार्दिक बधाई आपको ।"
54 minutes ago
Zaif replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"आ Sanjay Shukla जी, बहुत आभार आपका। ज़र्रा-नवाज़ी का शुक्रिया।"
1 hour ago
Zaif replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"आ Euphonic Amit जी, बहुत आभार आपका। ज़र्रा-नवाज़ी का शुक्रिया।"
1 hour ago
Zaif replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"आ Dinesh Kumar जी, अच्छी ग़ज़ल कही आपने, बधाई है। "
1 hour ago

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service