For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

वैध बूचड़खाना (लघुकथा)

सड़क पर एक लड़के को रोटी हाथ में लेकर आते देख अलग-अलग तरफ खड़ीं वे दोनों उसकी तरफ भागीं। दोनों ही समझ रही थीं कि भोजन उनके लिए आया है। कम उम्र का वह लड़का उन्हें भागते हुए आते देख घबरा गया और रोटी उन दोनों में से गाय की तरफ फैंक कर लौट गया। दूसरी तरफ से भागती आ रही भैंस तीव्र स्वर में बोली, “अकेले मत खाना इसमें मेरा भी हिस्सा है।”

गाय ने उत्तर दिया, “यह तेरे लिए नहीं है... सवेरे की पहली रोटी मुझे ही मिलती है।”

“लेकिन क्यूँ?” भैंस ने उसके पास पहुँच कर प्रश्न दागा।

“क्योंकि यह बात धर्म कहता है... मुझे ये लोग माँ की तरह मानते हैं।” गाय जुगाली करते हुए रंभाई।

 “अच्छा! लेकिन माँ की तरह दूध तो मेरा भी पीते हैं, फिर तुम्हें अकेले ही को...” भैंस आश्चर्यचकित थी।

गाय ने बात काटते हुए दार्शनिक स्वर में प्रत्युत्तर दिया, “मेरा दूध न केवल बेहतर है, बल्कि और भी कई कारण हैं। यह बातें पुराने ग्रन्थों में लिखी हैं।”

“चलो छोडो इस प्रवचन को, कहीं और चलते हैं मुझे भूख लगी है...” भूख के कारण भैंस को गाय की बातें उसके सामने बजती हुई बीन के अलावा कुछ और प्रतीत नहीं हो रहीं थीं।

“हाँ! भूखे भजन न होय गोपाला। पेट तो मेरा भी नहीं भरा। ये लोग भी सड़कों पर घूमती कितनी गायों को भरपेट खिलाएंगे?” गाय ने भी सहमती भरी।

और वे दोनों वहां से साथ-साथ चलती हुईं गली के बाहर रखे कचरे के एक बड़े से डिब्बे के पास पहुंची, सफाई के अभाव में कुछ कचरा उस डिब्बे से बाहर भी गिरा हुआ था|

दोनों एक-दूसरे से कुछ कहे बिना वहां गिरी हुईं प्लास्टिक की थैलियों में मुंह मारने लगीं।

(मौलिक और अप्रकाशित)

Views: 11668

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by babitagupta on July 9, 2018 at 5:41am
  • बेहतरीन रचना द्वारा गौमाता को पूजने वाले देश में गाये  भूख के कारण पोलीथीन को आहार बना लेती हैं, चारागाह व्यवस्था पर सटीक कटाक्ष, हार्दिक बधाई स्वीकार कीजिएगा आदरणीय सर जी. 
Comment by Dr. Chandresh Kumar Chhatlani on December 20, 2017 at 10:58pm

आदरणीय कल्पना दी, रचना को पसंद कर अपनी टिपण्णी द्वारा मेरी हौसला अफज़ाई हेतु हृदय से आभारी हूँ| भाई सतविन्द्र जी की बात सही है, हालांकि इस रचना में भैंस को भी गाय के साथ बताने का कारण पूर्व टिपण्णी में अपने अनुसार बताने का प्रयास किया है| सादर,

Comment by Dr. Chandresh Kumar Chhatlani on December 20, 2017 at 8:09pm

रचना के मूल में जाकर इस विश्लेषण हेतु बहुत-बहुत आभार भाई सतविन्द्र कुमार जी| यह प्रश्न रचना कहते समय मेरे दिमाग में भी घूम रहा था कि भैंस सड़कों पर दिखाई तो देती है, लेकिन गाय कि तुलना में कम, लेकिन इसके अतिरिक्त यह भी दिमाग में था कि कई लोग गाय-भैंस को दुहने के बाद चरने को छोड़ देते हैं| इन्टरनेट पर सर्च किया तो कुछ ऐसी पोस्ट्स मिलीं जो विश्वसनीय थीं, उन्हें आपसे साझा करता हूँ :

//सड़क पर आवारा घूमने वाले पशुओं में गाय, भैंस, बैल, भैसा आदि की संख्या अधिक है। बता दें कि आम तौर पर दूध दुहने के बाद पशुपालक गाय व भैंस को सड़क पर खुला छोड़ देते हैं। शाम को पशु की वे खोजबीन करते हैं।//
जागरण: December 20,2017
https://www.jagran.com/bihar/east-champaran-13899805.html


जागरण संवाददाता, 20 Jun 2017 हरदोई: गाय, भैंस का दूध निकाल कर उन्हें आवारा छोड़ देने वाले पशुपालकों की अब खैर नही...
https://m.jagran.com/uttar-pradesh/hardoi-16231301.html

सड़क पर घूमती आवारा भैंस ने ली एक और जान (कोटा राजस्थान) - चित्र सहित (Aug 13, 2017,)
https://www.patrika.com/kota-news/young-man-died-in-kota-due-to-cat...


अंधेरे में भैंस से टकराई बाइक गंभीर चोट से युवक की मौत (Aug 13, 2017,)
https://www.bhaskar.com/news/RAJ-KOT-OMC-MAT-latest-kota-news-05550...

//राजस्थान के खाद्य एवं आपूर्ति मंत्री बाबू लाल वर्मा की कार तथा सड़क पर घूम रही भैंस में टक्कर के चलते मंत्री के निजी सहायक की मृत्यु व ड्राइवर गंभीर रूप से घायल हो गया।// (17 Aug,)
https://m.dailyhunt.in/news/india/hindi/punjabkesari-epaper-punjkes...


(7 Nov 2014) सूरत एयरपोर्ट पर प्लेन से टकराई भैंस, बड़ा हादसा टला
https://navbharattimes.indiatimes.com/state/gujarat/other-cities/bu...

सादर,

Comment by Dr. Chandresh Kumar Chhatlani on December 20, 2017 at 8:06pm

रचना के इस प्रयास पर आपकी टिपण्णी ने मेरा मनोबल उच्च किया है आदरणीय अजय तिवारी जी, इस हेतु आपका हृदय से आभारी हूँ

Comment by Dr. Chandresh Kumar Chhatlani on December 20, 2017 at 8:05pm

बहुत-बहुत आभार भाई महेंद्र कुमार जी, आपको यह प्रयास ठीक लगा और आपने अपनी टिपण्णी द्वारा मेरा उत्साहवर्धन भी किया|

Comment by Dr. Chandresh Kumar Chhatlani on December 20, 2017 at 8:04pm

इस प्रयास पर टिपण्णी कर मेरी हौसला अफज़ाई के लिए बहुत-बहुत शुक्रिया आदरणीय समर कबीर जी साहब

Comment by Dr. Chandresh Kumar Chhatlani on December 20, 2017 at 8:04pm

आपकी मनोबल बढ़ाती टिपण्णी हेतु हार्दिक आभारी हूँ आदरणीय कालिपद प्रसाद मंडल जी|

Comment by Dr. Chandresh Kumar Chhatlani on December 20, 2017 at 8:03pm

लघुकथा की इस कोशिश पर अपनी टिपण्णी द्वारा मेरे उत्साहवर्धन हेतु दिली आभार जनाब तस्दीक़ अहमद खान जी साहब

Comment by Dr. Chandresh Kumar Chhatlani on December 20, 2017 at 8:02pm

रचना के समर्थन और मनोबल बढाती टिप्पणी हेतु हार्दिक आभार आदरणीय मोहम्मद आरिफ जी साहब

Comment by Dr. Chandresh Kumar Chhatlani on December 20, 2017 at 8:01pm

रचना पर अपने आशीर्वाद के लिए सादर आभार आदरणीय तेज वीर सिंह जी सर

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Mahendra Kumar replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"इस प्रयास की सराहना हेतु दिल से आभारी हूँ आदरणीय लक्ष्मण जी। बहुत शुक्रिया।"
1 hour ago
Mahendra Kumar replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"बहुत-बहुत शुक्रिया आदरणीय दिनेश जी। आभारी हूँ।"
1 hour ago
Zaif replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"212 1222 212 1222 रूह को मचलने में देर कितनी लगती है जिस्म से निकलने में देर कितनी लगती है पल में…"
1 hour ago
Mahendra Kumar replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"सादर नमस्कार आ. ऋचा जी। उत्साहवर्धन हेतु दिल से आभारी हूँ। बहुत-बहुत शुक्रिया।"
1 hour ago
Mahendra Kumar replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"आदरणीय अमीरुद्दीन जी, सादर अभिवादन। इस प्रयास की सराहना हेतु आपका हृदय से आभारी हूँ।  1.…"
1 hour ago
Mahendra Kumar replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"आदरणीय अमित जी, सादर अभिवादन! आपकी विस्तृत टिप्पणी और सुझावों के लिए हृदय से आभारी हूँ। इस सन्दर्भ…"
1 hour ago
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"आदरणीय लक्ष्मण जी नमस्कार ख़ूब ग़ज़ल कही आपने बधाई स्वीकार कीजिये गुणीजनों की इस्लाह क़ाबिले ग़ौर…"
2 hours ago
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"आदरणीय अमीर जी बहुत शुक्रिया आपका संज्ञान हेतु और हौसला अफ़ज़ाई के लिए  सादर"
2 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
शिज्जु "शकूर" replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"मोहतरम बागपतवी साहिब, गौर फरमाएँ ले के घर से जो निकलते थे जुनूँ की मशअल इस ज़माने में वो…"
3 hours ago
अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"आदरणीय दिनेश कुमार विश्वकर्मा जी आदाब, तरही मिसरे पर अच्छी ग़ज़ल कही है आपने मुबारकबाद पेश करता…"
3 hours ago
अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"मुहतरमा ऋचा यादव जी आदाब, तरही मिसरे पर ग़ज़ल का अच्छा प्रयास हुआ है बधाई स्वीकार करें, आ० अमित जी…"
3 hours ago
अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"आदरणीय लक्ष्मण धामी भाई मुसाफ़िर जी आदाब ग़ज़ल का अच्छा प्रयास हुआ है बधाई स्वीकार करें, आदरणीय…"
5 hours ago

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service