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ग़ज़ल- हिंदी तुकांत के साथ एक प्रयोग (..अण ,, क़ाफ़िये पर संभवत: पहली ग़ज़ल है इस मंच पर)

२२/२२/२२/२२/

कर्म अगर साधारण होगा
कैसे नर...नारायण होगा.
.
सच्चाई की राह चुनी है
पग पग दोषारोपण होगा.
.
जिस के भीतर विष का घट है  
उस पर छद्म-आवरण होगा.
.
कठिनाई भी बहुत ढीठ है  
इस से जीवन भर रण होगा.
.
बस्ती बाद में सुलगाएँगे  
पहले प्रेम पे भाषण होगा.   
.
मन में दृढ़ विश्वास न हो फिर  
कैसे कष्ट निवारण होगा.
.
दसों दिशाओं में शासन है
शासक .. शायद रावण होगा.
.
उजड़ेगा वो नगर एक दिन
जिस का भेदी विभीषण होगा.  
.
आज भाग्य रूठा है तुझ से
इस का भी कुछ कारण होगा.
.
चुप बैठेगा एकलव्य तो  
उस का प्रतिपल शोषण होगा.  
.
मानव मरता है, मरने दो
अब केवल गौ-रक्षण होगा.
.
“नूर’ पड़ेंगे तुझ पर पत्थर
जैसे ही  तू दर्पण होगा.

.
निलेश "नूर"
मौलिक / अप्रकाशित 

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Comment

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Comment by Nilesh Shevgaonkar on October 13, 2017 at 2:38pm

शुक्रिया आ. शेख शाहज़ाद उस्मानी साहब

Comment by रामबली गुप्ता on October 13, 2017 at 12:50pm
सुंदर ग़ज़ल के लिए हार्दिक बधाई स्वीकारें आद0 भाई नीलेश जी
Comment by Sheikh Shahzad Usmani on October 12, 2017 at 10:49pm
बहुत सुंदर और असरदार प्रयोग के साथ कड़वी सच्चाई सहित बढ़िया प्रस्तुति के लिए तहे दिल से बहुत-बहुत मुबारकबाद मुहतरम जनाब नीलेश शेवगांवकर साहब।
Comment by Nilesh Shevgaonkar on October 12, 2017 at 8:46am

शुक्रिया आ. राज़ साहब 

Comment by राज़ नवादवी on October 11, 2017 at 10:40pm

बहुत खूब आदरणीय निलेश जी, “नूर’ पड़ेंगे तुझ पर पत्थर, जैसे ही  तू दर्पण होगा. वाह वाह . सुन्दर ग़ज़ल हुई है . सादर 

Comment by Nilesh Shevgaonkar on October 11, 2017 at 8:17pm

शुक्रिया आ. सलीम साहब 

Comment by Nilesh Shevgaonkar on October 11, 2017 at 8:17pm

शुक्रिया आ. समर सर 

Comment by Nilesh Shevgaonkar on October 11, 2017 at 8:16pm

धन्यवाद आ. राजेश दीदी..
इस बहर में २२२ को ११२२, २२११, १२१२, २१२१ आदि लेने की छूट है ...क्यूँ कि इससे लय भंग नहीं   होती अत: छद्म का म  और आवरण का व १२१२ के फॉर्म में २२ को पूरा कर रहे हैं,,,
अन्य सभी सुझावों के लिए आभार ..विचार करता हूँ 

Comment by Nilesh Shevgaonkar on October 11, 2017 at 8:12pm

शुक्रिया आ. मोहम्मद आरिफ़ साहब...
आप   की बात दुरुस्त है लेकिन मुझे ग़ज़ल के अलावा और  कुछ समझ ही नहीं आता तो टिप्पणी और उत्साहवर्धन  कैसे करूँ...
सादर 

Comment by Nilesh Shevgaonkar on October 11, 2017 at 8:09pm

शुक्रिया आ. डॉ आशुतोष जी 

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