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गज़ल - गाँव अगर मेरा है तो तेरा भी है ( गिरिराज भंडारी )

22   22   22   22   22  2    

गंग-जमन मिल जायें ये इच्छा भी है

बम-बन्दूकें लेकर वो बैठा भी है

 

ठक ठक करते रहना पड़ता है, लाठी

अब शहरों मे सापों का डेरा भी है

 

सूरज की चाहत पर मर जाने वाला

घुप्प अँधेरों के रिश्ते जीता भी है  

 

जिसे मंच ने कल नदिया का नाम दिया

क्या सच में उसमें पानी बहता भी है ?

 

बेंत नुमा हर शब्द शब्द है झुका झुका

अर्थ मगर उसका ऐंठा ऐंठा भी है   

 

तू भी तो कुछ अच्छी बातें कह देता

गाँव अगर मेरा है तो तेरा भी है

 

कुछ तो सूरज भी लगता है अनमन सा

कुछ तो  बादल ने उसको घेरा भी है

*********************************
मौलिक एवँ अप्रकाशित

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सदस्य कार्यकारिणी
Comment by गिरिराज भंडारी on June 27, 2016 at 2:44pm

आदरणीय धर्मेन्द्र भाई , हौसला अफज़ाई का तहेदिल से शुक्रिया आपका ।

Comment by धर्मेन्द्र कुमार सिंह on June 27, 2016 at 10:18am

अच्छी ग़ज़ल हुई है आदरणीय गिरिराज जी, दाद कुबूल करें।


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by गिरिराज भंडारी on June 26, 2016 at 9:05pm

आदरणीय पाठ्कों से निवेदन है कि -- इस मिसरे  में -- 
ठक ठक करते रहना पड़ता है, लाठी     --  व्याकरण की गलती है   , अतः उसे सुधार कर ऐसे पढ़ने की कृपा करें --

ठक ठक करते रहनी पड़ती है, लाठी   --  ये सही है । सादर


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by गिरिराज भंडारी on June 26, 2016 at 9:00pm

आदरणीय सूर्या बाली भाई , हौसला अफज़ाई का तहे दिल से शुक्रिया ।

Comment by डॉ. सूर्या बाली "सूरज" on June 26, 2016 at 11:12am
Suraj Ki chahat...
Badhiya sher hua hai Janab
Waise to poori ghazal hi achchi hai
Daad qubool Ho

सदस्य कार्यकारिणी
Comment by गिरिराज भंडारी on June 26, 2016 at 9:59am

आदरणीय विजय भाई , सहम्ति और सराहना के लिये आपका हृदय से आभार ।


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by गिरिराज भंडारी on June 26, 2016 at 9:57am

आदरणीय सतविन्द्र भाई , हौसला अफज़ाई का बहुत शुक्रिया ।


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by गिरिराज भंडारी on June 26, 2016 at 9:56am

आदरणीय महेन्द्र कुमार भाई , आपका आभार ।


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by गिरिराज भंडारी on June 26, 2016 at 9:55am

आदरणीय आशुतोष भाई , हौसला अफज़ाई का तहे दिल से शुक्रिया आपका ।


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by गिरिराज भंडारी on June 26, 2016 at 9:55am

आदरणीय श्याम नाराइन भाई , उत्साह वर्धन के लिये आपका हार्दिक आभार ।

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