For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

ग़ज़ल - फिल बदीह -- वहीं आज मैने बग़ावत लिखी है ( गिरिराज भंडारी )

122     122     122    1222

 

जहाँ ने जहाँ पर शराफत लिखी है

वहीं आज मैने बग़ावत लिखी है

 

महज़ क्यूँ क़िताबों मे चाहत लिखी है

दिलों में तो पत्थर से नफ़रत लिखी है

 

ये अतफाल तहज़ीब लाये कहाँ से   --- बच्चे

दिलों में मुख़ालिफ इबारत लिखी है

 

ज़रा गौर से आप पढ़ लें , तो जाने

हरिक जा पे मैने मुहब्बत लिखी है

 

बड़ी कोशिशों से जो पाटी थी खाई

वहाँ किसने फिर से अदावत लिखी है ?

 

भले आप नेकी का दें नाम , लेकिन

हर इक् शक़्ल में तो तिजारत लिखी है

 

न बोलें मुझे, मैं ज़ुबाँ से भी बोलूँ

मेरी आँखें पढ़ लें , ज़रूरत लिखी है

 

वरक़ सारे देखे, हरिक लफ्ज़ परखा

महज़ मेरी क़िस्मत में ग़ुरबत लिखी है

 

ख़ुदा है,  बता तू , कहाँ है जगह वो ?

जहाँ तेरे बन्दों ने राहत लिखी है 

*********************************** 

मौलिक एवँ अप्रकाशित 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

Views: 859

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by गिरिराज भंडारी on July 3, 2015 at 9:36am

आदरणीय सौरभ भाई , गज़ल की सराहना और भावों के अनुमोदन के लिये आपका आभारी हूँ


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by गिरिराज भंडारी on July 3, 2015 at 9:35am

आदरणीय मिथिलेश भाई , हौसला अफज़ाई का बहुत शुक्रिया ।


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by गिरिराज भंडारी on July 3, 2015 at 9:34am

आदरणीय कृष्ना भाई , सराहना के लिये आपका आभार ।


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Saurabh Pandey on July 3, 2015 at 2:37am

इस ग़ज़ल पर आवश्यक सुझाव के साथ बातें हुई हैं. मुझे सुझाव और आपका कहना पसंद आये.
शुभकामनाएँ आदरणीय गिरिराज भाईजी.


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by मिथिलेश वामनकर on June 25, 2015 at 2:34am

आदरणीय गिरिराज सर बढ़िया फ़िल बदीह ग़ज़ल हुई है शेर दर शेर दाद हाज़िर है.

Comment by Krish mishra 'jaan' gorakhpuri on June 14, 2015 at 8:23pm

लाजवाब आ० गिरिराज सर!अभिनन्दन!


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by गिरिराज भंडारी on June 14, 2015 at 10:24am

आदरणीय श्री सुनील भाई , आपका बहुत आभार ।

Comment by shree suneel on June 14, 2015 at 8:52am
अच्छी.. . ख़ूबसूरत ग़ज़ल हुई. बधाई आपको आदरणीय.

सदस्य कार्यकारिणी
Comment by गिरिराज भंडारी on June 13, 2015 at 4:05pm

आदरणीय वीनस भाई , गज़ल पर आपकी उपस्थिति खुशी का कारण है , ऊपर के दोनो सुधार कर रहा हूँ , देखियेगा , सुधार के बाद सही हुये कि नहीं ? आपका आभार ।


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by गिरिराज भंडारी on June 13, 2015 at 4:04pm

आदरणीय धर्मेन्द्र भाई , हौसला अफज़ाई का बेहद शुक्रिया ।

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Mahendra Kumar replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"इस प्रयास की सराहना हेतु दिल से आभारी हूँ आदरणीय लक्ष्मण जी। बहुत शुक्रिया।"
3 hours ago
Mahendra Kumar replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"बहुत-बहुत शुक्रिया आदरणीय दिनेश जी। आभारी हूँ।"
3 hours ago
Zaif replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"212 1222 212 1222 रूह को मचलने में देर कितनी लगती है जिस्म से निकलने में देर कितनी लगती है पल में…"
3 hours ago
Mahendra Kumar replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"सादर नमस्कार आ. ऋचा जी। उत्साहवर्धन हेतु दिल से आभारी हूँ। बहुत-बहुत शुक्रिया।"
3 hours ago
Mahendra Kumar replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"आदरणीय अमीरुद्दीन जी, सादर अभिवादन। इस प्रयास की सराहना हेतु आपका हृदय से आभारी हूँ।  1.…"
3 hours ago
Mahendra Kumar replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"आदरणीय अमित जी, सादर अभिवादन! आपकी विस्तृत टिप्पणी और सुझावों के लिए हृदय से आभारी हूँ। इस सन्दर्भ…"
3 hours ago
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"आदरणीय लक्ष्मण जी नमस्कार ख़ूब ग़ज़ल कही आपने बधाई स्वीकार कीजिये गुणीजनों की इस्लाह क़ाबिले ग़ौर…"
4 hours ago
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"आदरणीय अमीर जी बहुत शुक्रिया आपका संज्ञान हेतु और हौसला अफ़ज़ाई के लिए  सादर"
4 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
शिज्जु "शकूर" replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"मोहतरम बागपतवी साहिब, गौर फरमाएँ ले के घर से जो निकलते थे जुनूँ की मशअल इस ज़माने में वो…"
5 hours ago
अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"आदरणीय दिनेश कुमार विश्वकर्मा जी आदाब, तरही मिसरे पर अच्छी ग़ज़ल कही है आपने मुबारकबाद पेश करता…"
5 hours ago
अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"मुहतरमा ऋचा यादव जी आदाब, तरही मिसरे पर ग़ज़ल का अच्छा प्रयास हुआ है बधाई स्वीकार करें, आ० अमित जी…"
5 hours ago
अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"आदरणीय लक्ष्मण धामी भाई मुसाफ़िर जी आदाब ग़ज़ल का अच्छा प्रयास हुआ है बधाई स्वीकार करें, आदरणीय…"
7 hours ago

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service