For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

आज फिर आँधियाँ उठीं दिल में
आज फिर नज़र , आप आये हैं !

खाक़ हो जाते ,ग़र नहीं मिलते
खत्म अब , गर्दिशों के साये हैं !

सोचते रहते जिनको शामो सहर,
ख्वाबों में भी , कब वो आये हैं !

खिल उठी है ये सारी कायनात,
मन ही मन जब वो मुस्कुराएं हैं!

शायद करेंगे ,आज वादे वफ़ा,
फिर से पहलू में आज आये हैं!

आज फिर आँधियाँ उठीं दिल में
आज फिर नज़र , आप आये हैं !!

मौलिक एवम अप्रकाशित

Views: 604

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by विनय कुमार on June 4, 2015 at 12:04am

बहुत बहुत आभार आदरणीय महर्षि त्रिपाठीजी , कुछ नया ही हो गया .

Comment by maharshi tripathi on June 3, 2015 at 11:02pm

शायद करेंगे ,आज वादे वफ़ा, 
फिर से पहलू में आज आये हैं!

आज फिर आँधियाँ उठीं दिल में 
आज फिर नज़र , आप आये हैं !!,,,सुन्दर इस नयी विधा से मुझे भी लाभ मिलेगा ,,आपका आभार आ. vinaya kumar singh जी 

Comment by विनय कुमार on June 2, 2015 at 8:00pm

जी , गज़लनुमा कविता ही हो गयी है , बहुत बहुत आभार आदरणीय वीनस केसरी जी..

Comment by वीनस केसरी on June 2, 2015 at 7:44pm

सुन्दर प्रस्तुति

कुछ लोग इसे ही ग़ज़लनुमा भी कहते हैं ...

Comment by विनय कुमार on June 2, 2015 at 12:52pm

बहुत बहुत आभार आदरणीय सौरभ पाण्डेय जी , आपके शब्द सम्बल प्रदान करते हैं हम जैसे नए लेखकों को | 


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Saurabh Pandey on June 2, 2015 at 12:45pm

कविता की अंतर्दशा हालाँकि गजलियाती हुई लगी..

आपके प्रयासों पर शुभकामनाएँ ..

Comment by विनय कुमार on June 1, 2015 at 1:14pm

बहुत बहुत आभार आदरणीय डॉ गोपाल नारायण श्रीवास्तव जी, पहली मर्तबा कोशिश की है इस विधा में कुछ लिखने की इस मंच पर | आप ने सराहा , मनोबल बढ़ गया मेरा..

Comment by डॉ गोपाल नारायन श्रीवास्तव on June 1, 2015 at 12:22pm

गजलाने अंदाज की कविता भी क्या खूब हुयी है सर ! हैट्स आफ .

Comment by विनय कुमार on May 31, 2015 at 2:56pm

बहुत बहुत आभार आदरणीय मनोज कुमार अहसास जी ..

Comment by मनोज अहसास on May 31, 2015 at 2:44pm
मै आपको बधाई देता हूँ
सादर

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity


सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर updated their profile
Sunday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 155 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीया प्रतिभा जी, मेरे प्रयास को मान देने के लिए हार्दिक आभार.. बहुत बहुत धन्यवाद.. सादर "
Sunday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 155 in the group चित्र से काव्य तक
"हार्दिक धन्यवाद, आदरणीय। "
Sunday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 155 in the group चित्र से काव्य तक
"आपका हार्दिक आभार, आदरणीय"
Sunday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 155 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय दयाराम जी मेरे प्रयास को मान देने के लिए बहुत बहुत धन्यवाद। हार्दिक आभार। सादर।"
Sunday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 155 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय सौरभ पांडेय सर, बहुत दिनों बाद छंद का प्रयास किया है। आपको यह प्रयास पसंद आया, जानकर खुशी…"
Sunday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 155 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय आदरणीय चेतन प्रकाशजी मेरे प्रयास को मान देने के लिए बहुत बहुत धन्यवाद। हार्दिक आभार। सादर।"
Sunday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 155 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय चेतन प्रकाश जी, प्रदत्त चित्र पर बढ़िया प्रस्तुति। इस प्रस्तुति हेतु हार्दिक बधाई। सादर।"
Sunday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 155 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीया प्रतिभा जी, प्रदत्त चित्र को शाब्दिक करती मार्मिक प्रस्तुति। इस प्रस्तुति हेतु हार्दिक…"
Sunday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 155 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय दयाराम जी, प्रदत्त चित्र को शाब्दिक करते बहुत बढ़िया छंद हुए हैं। इस प्रस्तुति हेतु हार्दिक…"
Sunday
pratibha pande replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 155 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय दयाराम मथानी जी छंदों पर उपस्तिथि और सराहना के लिये आपका हार्दिक आभार "
Sunday
pratibha pande replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 155 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय सौरभ पाण्डेय जी छंदों पर उपस्तिथि और सराहना के लिए आपका हार्दिक आभार "
Sunday

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service