पहिचान :-
''मैं पहले ही कह रही थी कि इसके लाव लक्क्षन ठीक नहीं हैं । परनाले की ईंट मंदिर में कब लगी है ? जात खून अपना असर कैसे छोड़ सकते है ।''
'' कोठे की रौनक घर की आरती में कैसे रमती ।''
'' इंसान की पहिचान का तजुर्बा है मुझे ।मैंने तो पहले ही कहा था । ''
लक्षमनियां दो दिन से लापता थी । उसका मरद विशेशुर परेशान था ।भगा कर ब्याह किया पर दिल मानने को तैयार न था कि लक्षमनियां धोखा दे सकती है ।
यहां जितने मुंह उतनी बातें ।
''नदी पार एक लाश मिली । बलात्कार के बाद गला दबाया गया ।लाश के हाथ में शर्ट का ये टुकड़ा मिला , कोई पहिचानता है क्या ?'', हलका इन्चार्ज तफ्तीश पर था ।
एक साथ कई जोड़ी निगाहें विशेशुर के भाई की तरफ उठीं , पर पहिचान का तजुर्बा शायद अपनी आवाज खो चुका था...
मौलिक एवं अप्रकाशित
1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे
2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |
3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |
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''मैं पहले ही कह रही थी कि इसके लाव लक्क्षन ठीक नहीं हैं । परनाले की ईंट मंदिर में कब लगी है ? जात खून अपना असर कैसे छोड़ सकते है ।''
'' कोठे की रौनक घर की आरती में कैसे रमती ।''
'' इंसान की पहिचान का तजुर्बा है मुझे ।मैंने तो पहले ही कहा था । ''
लक्षमनियां दो दिन से लापता थी । उसका मरद विशेशुर परेशान था ।भगा कर ब्याह किया पर दिल मानने को तैयार न था कि लक्षमनियां धोखा दे सकती है ।
यहां जितने मुंह उतनी बातें ।
''नदी पार एक लाश मिली । बलात्कार के बाद गला दबाया गया ।लाश के हाथ में शर्ट का ये टुकड़ा मिला , कोई पहिचानता है क्या ?'', हलका इन्चार्ज तफ्तीश पर था ।
एक साथ कई जोड़ी निगाहें विशेशुर के भाई की तरफ उठीं , पर पहिचान का तजुर्बा शायद अपनी आवाज खो चुका था...
मौलिक एवं अप्रकाशित
सदस्य कार्यकारिणीमिथिलेश वामनकर said…
आपको ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार की ओर से जन्म-दिवस की हार्दिक शुभकामनायें!
सदस्य कार्यकारिणीमिथिलेश वामनकर said…
आप यहाँ मौलिक व अप्रकाशित रचना पोस्ट कर सकते है।
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2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |
3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |
4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)
5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |
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