For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

 

1

गिरते – गिराते

उठा-पटक 

शातिर चालें

शह और मात

जूतम पैजार

चमकाते हथियार

भड़काते विचार  

हो जाइए तैयार

फिर गरम है

चुनावी बाज़ार ।

 

2

 

चापलूसों की फौज

शहीदों का अपमान

गिरती इंसानियत

बेचते ईमान   

लड़ते –लड़ाते

शोर मचाते

लक्ष्य है जीत।

 

3

झूठ पे झूठ

आरोप प्रत्यारोप

काम का दिखावा

बातों से लुभाना

लो खुल गया

चुनावी पिटारा ।

 

4

बंटता समाज

धर्म और जाति में टूटते लोग

कुकुरमुत्ते की तरह उग आए हैं

छोटे बड़े ठेकेदार

चुनिये द बेस्ट

पड़ा है कचड़े का ढेर।

(मौलिक एवं अप्रकाशित)

Views: 383

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Saurabh Pandey on May 1, 2014 at 1:46am

सामान्य कथ्य और सहज बोलचाल की भाषा में राजनीति के जिस घिनौने पक्ष को बखूबी आपने उभारा है, उसके लिए साधुवाद. हार्दिक बधाई स्वीकार करें,  नादिर भाई

Comment by नादिर ख़ान on April 17, 2014 at 11:35pm

आदरणीय विजय मिश्र जी आपने कोशिश को सराहा लिखना सार्थक हुआ बहुत आभार...

Comment by विजय मिश्र on April 14, 2014 at 4:06pm
नादिर भाई ! बाखूबी और बेतकल्लुफ अन्दाज में कम लफ्जों के सहारे मगर उधेड़कर रख दियी है आपने इस गंदे खेल को |साल दर साल बहोत घिनौना शक्ल अख्तियार करता जा रहा है ये सियासी खेल |मेहरबानी |
Comment by नादिर ख़ान on April 12, 2014 at 12:34pm

आदरणीय जितेंद्र जी आदरणीया अन्नपूर्णा जी एवं आदरणीय गिरिराज जी उत्साह वर्धन के लिए बहुत आभार...


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by गिरिराज भंडारी on April 11, 2014 at 6:20pm

आदरणीय नादिर खान भाई , वर्तमान चुनाव की कड़वी सच्चाइयाँ बयान करती आपकी रचना के लिये बधाइयाँ !!

Comment by annapurna bajpai on April 10, 2014 at 1:57pm

बहुत खूब । 

Comment by जितेन्द्र पस्टारिया on April 9, 2014 at 9:59pm

झूठ पे झूठ

आरोप प्रत्यारोप

काम का दिखावा

बातों से लुभाना

लो खुल गया

चुनावी पिटारा ।..................यह तो खास गुण है नेताओं का चुनावी उत्सव में

बहुत बढ़िया रचना आदरणीय नादिर साहब , हार्दिक बधाई आपको

 

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

Sushil Sarna posted a blog post

दोहा पंचक. . . . .

दोहा पंचक  . . . .( अपवाद के चलते उर्दू शब्दों में नुक्ते नहीं लगाये गये  )टूटे प्यालों में नहीं,…See More
23 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर updated their profile
Sunday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 155 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीया प्रतिभा जी, मेरे प्रयास को मान देने के लिए हार्दिक आभार.. बहुत बहुत धन्यवाद.. सादर "
Sunday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 155 in the group चित्र से काव्य तक
"हार्दिक धन्यवाद, आदरणीय। "
Sunday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 155 in the group चित्र से काव्य तक
"आपका हार्दिक आभार, आदरणीय"
Sunday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 155 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय दयाराम जी मेरे प्रयास को मान देने के लिए बहुत बहुत धन्यवाद। हार्दिक आभार। सादर।"
Sunday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 155 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय सौरभ पांडेय सर, बहुत दिनों बाद छंद का प्रयास किया है। आपको यह प्रयास पसंद आया, जानकर खुशी…"
Sunday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 155 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय आदरणीय चेतन प्रकाशजी मेरे प्रयास को मान देने के लिए बहुत बहुत धन्यवाद। हार्दिक आभार। सादर।"
Sunday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 155 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय चेतन प्रकाश जी, प्रदत्त चित्र पर बढ़िया प्रस्तुति। इस प्रस्तुति हेतु हार्दिक बधाई। सादर।"
Sunday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 155 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीया प्रतिभा जी, प्रदत्त चित्र को शाब्दिक करती मार्मिक प्रस्तुति। इस प्रस्तुति हेतु हार्दिक…"
Sunday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 155 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय दयाराम जी, प्रदत्त चित्र को शाब्दिक करते बहुत बढ़िया छंद हुए हैं। इस प्रस्तुति हेतु हार्दिक…"
Sunday
pratibha pande replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 155 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय दयाराम मथानी जी छंदों पर उपस्तिथि और सराहना के लिये आपका हार्दिक आभार "
Sunday

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service