For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

आदरणीय साथियो,

सादर नमन।
.
"ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-77 में आप सभी का हार्दिक स्वागत है,
:  
"ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-77
"विषय: 'क़ीमत'  
अवधि : 30-08-2021  से 31-08-2021 
.
अति आवश्यक सूचना :-
1. सदस्यगण आयोजन अवधि के दौरान अपनी केवल एक लघुकथा पोस्ट कर सकते हैं।
2. रचनाकारों से निवेदन है कि अपनी रचना/ टिप्पणियाँ केवल देवनागरी फॉण्ट में टाइप कर, लेफ्ट एलाइन, काले रंग एवं नॉन बोल्ड/नॉन इटेलिक टेक्स्ट में ही पोस्ट करें।
3. टिप्पणियाँ केवल "रनिंग टेक्स्ट" में ही लिखें, १०-१५ शब्द की टिप्पणी को ३-४ पंक्तियों में विभक्त न करें। ऐसा करने से आयोजन के पन्नों की संख्या अनावश्यक रूप में बढ़ जाती है तथा "पेज जम्पिंग" की समस्या आ जाती है। 
4. एक-दो शब्द की चलताऊ टिप्पणी देने से गुरेज़ करें। ऐसी हल्की टिप्पणी मंच और रचनाकार का अपमान मानी जाती है।आयोजनों के वातावरण को टिप्पणियों के माध्यम से समरस बनाये रखना उचित है, किन्तु बातचीत में असंयमित तथ्य न आ पायें इसके प्रति टिप्पणीकारों से सकारात्मकता तथा संवेदनशीलता आपेक्षित है। गत कई आयोजनों में देखा गया कि कई साथी अपनी रचना पोस्ट करने के बाद गायब हो जाते हैं, या केवल अपनी रचना के आस पास ही मंडराते रहते हैंI कुछेक साथी दूसरों की रचना पर टिप्पणी करना तो दूर वे अपनी रचना पर आई टिप्पणियों तक की पावती देने तक से गुरेज़ करते हैंI ऐसा रवैया कतई ठीक नहींI यह रचनाकार के साथ साथ टिप्पणीकर्ता का भी अपमान हैI
5. नियमों के विरुद्ध, विषय से भटकी हुई तथा अस्तरीय प्रस्तुति तथा गलत थ्रेड में पोस्ट हुई रचना/टिप्पणी को बिना कोई कारण बताये हटाया जा सकता है। यह अधिकार प्रबंधन-समिति के सदस्यों के पास सुरक्षित रहेगा, जिस पर कोई बहस नहीं की जाएगी.
6. रचना पोस्ट करते समय कोई भूमिका, अपना नाम, पता, फोन नंबर, दिनांक अथवा किसी भी प्रकार के सिम्बल/स्माइली आदि लिखने /लगाने की आवश्यकता नहीं है।
7. प्रविष्टि के अंत में मंच के नियमानुसार "मौलिक व अप्रकाशित" अवश्य लिखें।
8. आयोजन से दौरान रचना में संशोधन हेतु कोई अनुरोध स्वीकार्य न होगा। रचनाओं का संकलन आने के बाद ही संशोधन हेतु अनुरोध करें। 
.    
.
यदि आप किसी कारणवश अभी तक ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार से नहीं जुड़ सके है तो www.openbooksonline.com पर जाकर प्रथम बार sign up कर लें.
.
.
मंच संचालक
योगराज प्रभाकर
(प्रधान संपादक)
ओपनबुक्स ऑनलाइन डॉट कॉम

Views: 3348

Replies are closed for this discussion.

Replies to This Discussion

सुंदर सीख भरी लघु कथा। बधाई आदरणीय तेजवीर सिंह जी।

अपनी अपनी बारी
'रात सिर में बहुत दर्द था।बेटे से दवा ली थी।'
'मुझे नहीं बताई।'पति दुखी भाव से बोला।
'दवा खाकर सोए थे न,इसीलिए।'
'ओह,शर्मिंदा हूं।आप सोने जाने के पहले आईं थी कहने कि सर में दर्द है,सोने जाती हूं।मैने ही उदासीन भाव से 'गुड नाइट' कहा था।'पति लजाया हुआ बोला।
'नहीं।ऐसी कोई बात नहीं है,सर जी। अभी  सर दर्द कम है।रात ज्यादा थी।'भार्या  बोली और कुछ काम करने चली गई।
पति सोचने लगा,' मैं ही दोषी हूं।  हर बार उसने मेरे लिए ही  बहुत कुछ झेला है।मुझे भी।मेरी भावनाओं को भी। चाह कर भी मैं उसके मन की नहीं कर पाया हूं।जाने क्यों,पता नहीं। मेरी जवां उमंगों को कुछ वर्ष पहले तक  जिस अंदाज में थामती रही थी,उससे कभी पता ही नहीं चला कि उसे सांसारिकता की क्रियाएं बिलकुल ही नापसंद हैं। कभी वैसा बोलती भी थी, तो उसे मैंने हल्के में लिया या कभी मैने सोचा कि औरत तो वैसे भी भाव खाती  ही है।पीछे पीछे तो मर्द को  ही भागना पड़ता है। धिक्कार है मुझपर कि मैने उसके सर दर्द को भी अपने बूढ़े मन की उमड़ती ख्वाहिश पर हवा में उड़ा दिया। वह भारी कीमत चुकाती रही है अबतक।अब मेरी बारी है।'
'मौलिक व अप्रकाशित '

बहुत भावपूर्ण और सुंदर लघुकथा लिखी है आपने आ मनन कुमार सिंह जी, महिलाएं जिंदगी भर चुपचाप बहुत बड़ी कीमत चुकाती हैं. बहुत बहुत बधाई इस शानदार रचना के लिए

हार्दिक बधाई आदरणीय मनन कुमार जी।समाज में नारी जाति के साथ होने वाले भेद भाव पर आधारित बेहतरीन लघुकथा।

आपका हार्दिक आभार भाई तेजवीर जी।

आपका दिली आभार आ.भाई विनय जी।

      आदरनीय मनन जी, मुझे लगता है , हम इक दुसरे से खुल कर बात करना भूलते जा रहे हैं  जब कोई बोलना भी चाहता , उस के अरमान अंदर ही रह जाते , हमारा ध्यान , मोबाइल , टी वी की तरफ चला जाता है , कभी शांत मन हो तो बात हो , ऐसा ही लघुकथा में हुआ , हम सब कुछ गरंटी का तौर पे ही लेते , अच्छी लघुकथा के लिए , मुबारक 

आ. भाई मनन जी, सादर अभिवादन। बेहतरीन लघुकथा हुई है हार्दिक बधाई।

पत्नी की कीमत अक्सर पति को देर से ही पता चलती है। ख़ैर देर आये दुरुस्त आये। हार्दिक बधाई इस रचना के लिये आदरणीय मनन जी। एक जगह पत्नी के संवाद में पति को 'सर' कहे जाना अखर रहा है।//'नहीं।ऐसी कोई बात नहीं है,सर जी।//

अच्छी लघुकथा है आदरणीय मनन कुमार सिंह जी। थोड़े सम्पादन की आवश्यकता प्रतीत हो रही है। हार्दिक बधाई स्वीकार कीजिए।

कीमत- लघुकथा
आज राजेश बहुत दुखी था, उसे समझ में नहीं आ रहा था कि आखिर रजत उससे इतना रुखा व्यवहार क्यों करता है. उसे तो याद भी नहीं है कि कभी उसने उसके साथ किसी भी तरह का गलत व्यवहार किया हो, बल्कि वह हमेशा उसका समर्थन ही करता था अपने ऑफिस में. और आज तो बात भी ऐसी थी जिसमें उसे बधाई देना बनता ही था. दरअसल कल ही पदोन्नति का परिणाम आया था और उसके ऑफिस से रजत इकलौता था जिसे पदोन्नति मिली थी. उसे याद आया कितने रूखे तरीके से रजत ने उसकी बधाई का जवाब दिया था "धन्यवाद, वैसे हम लोग भी अब आगे बढ़ सकते हैं, है कि नहीं?
घर पर उसके चेहरे को देखते ही बाबूजी ने समझ लिया कि आज ऑफिस में कुछ हुआ है. "क्या हो गया राजेश, कोई गंभीर मसला है तो मैं मदद करूँ? उसके बाबूजी आज भी उसके अच्छे दोस्त हैं और हर मुश्किल घड़ी में उसके खेवनहार भी.
उसने पहले तो सोचा कि बात टाल जाए लेकिन फिर उसने बाबूजी को बता ही दिया "आखिर रजत मुझसे ऐसा व्यवहार क्यों करता है बाबूजी, मैंने तो कभी भी उसको यह महसूस नहीं होने दिया कि वह आरक्षित वर्ग से है?
बाबूजी ने एक गहरी सांस ली और उसको समझाते हुए बोले "देखो राजेश, सदियों से हमारे पुरखों ने जो उनके साथ किया है, उसकी कीमत तो हमको चुकानी ही पड़ेगी. तुम निराश मत हो, शायद आगे चलकर रजत को एहसास हो कि पुरखों के द्वारा की गयी गलतियों की सजा आने वाली पीढ़ियों को नहीं देनी चाहिए".

मौलिक एवं अप्रकाशित

हार्दिक बधाई आदरणीय विनय कुमार जी।समाज में व्याप्त एक कड़वी सच्चाई को उकेरती हुई बेहतरीन लघुकथा।

RSS

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"आ. भाई महेन्द्र जी, अभिवादन। गजल का प्रयास अच्छा हुआ है। हार्दिक बधाई। गुणीजनो की सलाह से यह और…"
49 minutes ago

सदस्य कार्यकारिणी
शिज्जु "शकूर" replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"आदरणीय अमित जी, बेह्तरीन ग़ज़ल से आग़ाज़ किया है, सादर बधाई आपको आखिरी शे'र में…"
4 hours ago
Sanjay Shukla replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"आदरणीया ऋचा जी बहुत धन्यवाद"
4 hours ago
Sanjay Shukla replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"आदरणीय अमीर जी, आपकी बहुमूल्य राय का स्वागत है। 5 में प्रकाश की नहीं बल्कि उष्मा की बात है। दोनों…"
4 hours ago
Sanjay Shukla replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"आदरणीय अमित जी। आप की मूल्यवान राय का स्वागत है।  2 मय और निश्तर पीड़ित हृदय के पुराने उपचार…"
4 hours ago
DINESH KUMAR VISHWAKARMA replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"आदरणीय महेंद्र कुमार जी नमस्कार। ग़ज़ल के अच्छे प्रयास हेतु बधाई।"
5 hours ago
DINESH KUMAR VISHWAKARMA replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"आदरणीय अमित जी ।सादर अभिवादन स्वीकार कीजिए। अच्छी ग़ज़ल हेतु आपको हार्दिक बधाई।"
5 hours ago
DINESH KUMAR VISHWAKARMA replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी,सादर अभिवादन स्वीकार कीजिए।  ग़ज़ल हेतु बधाई। कंटकों को छूने का.... यह…"
5 hours ago
DINESH KUMAR VISHWAKARMA replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"आदरणीया ऋचा यादव जी ।सादर नमस्कार।ग़ज़ल के अच्छे प्रयास हेतु बधाई।गुणीजनों के इस्लाह से और निखर गई है।"
5 hours ago
DINESH KUMAR VISHWAKARMA replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"आदरणीय euphonic amit जी आपको सादर प्रणाम। बहुत बहुत आभार आपका आदरणीय त्रुटियों को इंगित करने व…"
5 hours ago
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"आदरणीय अमित जी बहुत बहुत शुक्रिया आपका इतनी बारीक़ी से हर बात बताने समझाने कनलिये सुधार का प्रयास…"
5 hours ago
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"आदरणीय, अमित जी, आदाब आपने ग़ज़ल तक आकर जो प्रोत्साहन दिया, इसके लिए आपका आभारी हूँ ।// आज़माता…"
6 hours ago

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service