For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

हिन्दी दिवस पर कुछ दोहे :

हिन्दी दिवस पर कुछ दोहे :
हिन्दी हिन्दुस्तान के,माथे का सरताज।
जन-जन की ये आत्मा,हर मन की आवाज।।१
अपने मन की कीजिये, निज भाषा में बात।
सहज सरल प्यारी लगे, भाषा अपनी तात।।२
अंग्रेजी को देश में ,इतना क्यों सम्मान।
हिन्दी का अपमान है, अपना भी अपमान।।३
हिन्दी के उपयोग का, क्यों मन में संकोच।
पर भाषा के वास्ते, उचित नहीं ये सोच।।४
भाषा का प्रयोग नहीं,ज्ञानी की पहचान।
हिन्दी में ही बाँटिये,सकल जगत को ज्ञान।।५
तुलसी मीरा सूर सब, हिन्दी के अवतार।
हिन्दी इनके भाव का, मूलभूत आधार।।६
अंग्रेजी की दासता , हमको नहीं कबूल।
हिन्दी उपवन में लगे, फूलों में ये शूल।। ७
हिन्दी अपना मान है, हिन्दी अपनी शान।
हिन्दी से है विश्व में,भारत की पहचान।।८
हिन्दी सरिता प्यार की,सबको दे आनंद ।
निस दिन इसको पूजिये,करके आँखें बंद।।९
हिन्दी के उत्थान में,मन से दें सहयोग।
हिन्द वर्ण के मध्य में ,अंग्रेजी है रोग।।१०
सुशील सरना
मौलिक एवं अप्रकाशित

Views: 646

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Sushil Sarna on September 17, 2020 at 8:38pm

आदरणीय  Harash Mahajan जी सृजन के भावों को मान देने का दिल से आभार ।

Comment by Sushil Sarna on September 17, 2020 at 8:38pm

आदरणीय समर कबीर साहिब, आदाब, सृजन पर आपका द्वारा दिया गया संशोधन कहीं भी हिन्दी शब्दकोष में नज़र नहीं आया। बहरहाल दस्ता की टंकण त्रुटि को संशोधित कर दासता कर रहा हूँ। समय देने का दिल से आभार।

Comment by Harash Mahajan on September 17, 2020 at 4:34pm

आदरणीय सुशील सरना जी सादर अभिवादन । बहुत ही सुंदर दोहों का सृजन ।

सादर ।

Comment by Samar kabeer on September 17, 2020 at 2:20pm

// यहां दासता का भाव हमारी सोच में भाषा की गुलामी से है ।//

इसके लिये 'दास्ता' नहीं "दाश्त:" सहीह शब्द है ।

Comment by Sushil Sarna on September 17, 2020 at 12:58pm
आदरणीय लक्ष्मण धामी जी सृजन के भावों को मान देने का दिल से आभार । इंगित त्रुटि मैं अभी संशोधित कर रहा हूँ ।आभार
Comment by Sushil Sarna on September 17, 2020 at 12:53pm
आदरणीय समर कबीर जी, आदाब, सृजन आपकी मनोहारी प्रशंसा का दिल से आभारी है ।सर यहां दासता का भाव हमारी सोच में भाषा की गुलामी से है ।सादर
Comment by लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' on September 17, 2020 at 7:37am

आ. भाई सुशील जी, सादर अभिवादन । हिन्दी दिवस पर सुंदर दोहे हुए हैं । हार्दिक बधाई ।

७ वें दोहे में दास्ता की जगह दासता कर लीजिएगा । सादर ...

Comment by Samar kabeer on September 15, 2020 at 8:56pm

जनाब सुशील सरना जी आदाब, हिन्दी दिवस पर अच्छे दोहे लिखे आपने, बधाई स्वीकार करें ।

'हिन्दी हिन्दुस्तान के,माथे का सरताज।
जन-जन की ये आत्मा,हर मन की आवाज'
इस दोहे में 'ताज' और 'आवाज़' की तुकांतता उचित नहीं है,दूसरी पंक्ति यूँ कर सकते हैं:-
'जन जन की ये आत्मा,सब पर इसका राज'
'अंग्रेजी की दास्ता, हमको नहीं कबूल'
इस पंक्ति में 'दास्ता' का क्या अर्थ लिया है आपने?

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"आदरणीय अमीर जी बहुत शुक्रिया आपका संज्ञान हेतु और हौसला अफ़ज़ाई के लिए  सादर"
4 minutes ago

सदस्य कार्यकारिणी
शिज्जु "शकूर" replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"मोहतरम बागपतवी साहिब, गौर फरमाएँ ले के घर से जो निकलते थे जुनूँ की मशअल इस ज़माने में वो…"
56 minutes ago
अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"आदरणीय दिनेश कुमार विश्वकर्मा जी आदाब, तरही मिसरे पर अच्छी ग़ज़ल कही है आपने मुबारकबाद पेश करता…"
1 hour ago
अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"मुहतरमा ऋचा यादव जी आदाब, तरही मिसरे पर ग़ज़ल का अच्छा प्रयास हुआ है बधाई स्वीकार करें, आ० अमित जी…"
1 hour ago
अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"आदरणीय लक्ष्मण धामी भाई मुसाफ़िर जी आदाब ग़ज़ल का अच्छा प्रयास हुआ है बधाई स्वीकार करें, आदरणीय…"
3 hours ago
अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"मुहतरमा ऋचा यादव जी आदाब, ग़ज़ल पर आपकी आमद और सुख़न नवाज़ी का तह-ए-दिल से शुक्रिया।"
3 hours ago
DINESH KUMAR VISHWAKARMA replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"सम्माननीय ऋचा जी सादर नमस्कार। ग़ज़ल तकआने व हौसला बढ़ाने हेतु शुक्रियः।"
3 hours ago
अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"//मशाल शब्द के प्रयोग को लेकर आश्वस्त नहीं हूँ। इसे आपने 121 के वज्न में बांधा है। जहाँ तक मैं…"
3 hours ago
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"आदरणीय दिनेश जी नमस्कार बहुत ख़ूब ग़ज़ल हुई है हर शेर क़ाबिले तारीफ़ है गिरह ख़ूब हुई सादर"
3 hours ago
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"आदरणीय दिनेश जी बहुत शुक्रिया आपका  सादर"
3 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"आ. भाई महेन्द्र जी, अभिवादन। गजल का प्रयास अच्छा हुआ है। हार्दिक बधाई। गुणीजनो की सलाह से यह और…"
5 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
शिज्जु "शकूर" replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"आदरणीय अमित जी, बेह्तरीन ग़ज़ल से आग़ाज़ किया है, सादर बधाई आपको आखिरी शे'र में…"
8 hours ago

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service