For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

आजकल खुद से हमारी पट रही है - गजल

मापनी २१२२ २१२२ २१२२ 

ज़िंदगी अच्छी तरह अब कट रही है, 

आजकल खुद से हमारी पट रही है. 

 

लूट कर वो ले गई  है दिल हमारा, 

झूलती रुखसार पर जो लट रही है. 

 

हाल पूछा जो हमारा आज उसने, 

हर पुरानी पीर दिल की घट रही है.

 

धुंध दुख की छँट गई माँ की दुआ से,

रेल सुख की दौड़ अब सरपट रही है.  

 

धीरे-धीरे दिख रहा है साफ सब कुछ 

धूल मन के आईने की हट रही है.

मौलिक एवं अप्रकाशित 

Views: 497

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by बसंत कुमार शर्मा on September 14, 2020 at 6:45pm

आदरणीय लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' जी सादर नमस्कार 

आपकी निरंतर हौसला अफजाई मुझे सम्बल प्रदान करती है , दिल से शुक्रिया आपका 

Comment by बसंत कुमार शर्मा on September 14, 2020 at 6:44pm

आदरणीय  Rupam kumar -'मीत' जी सादर नमस्कार 

आपका दिल से शुर्किया 

Comment by बसंत कुमार शर्मा on September 14, 2020 at 6:43pm

आदरणीय  Samar kabeer  जी सादर नमस्कार 

आपकी तरमीम का दिल से शुक्रिया, सुझाव बहुत अच्छा है हमेशा की तरह , सुधार कर पुन प्रस्तुत करता हूँ 

Comment by बसंत कुमार शर्मा on September 14, 2020 at 6:41pm

आदरणीय Harash Mahajan जी सादर नमस्कार 

हृदय से आभार आपका 

Comment by बसंत कुमार शर्मा on September 14, 2020 at 6:41pm

जनाब  अमीरुद्दीन 'अमीर' जी आदाब 

आपकी हौसलाफजाई के लिए दिल से शुक्रिया अदा करता हूँ 

Comment by लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' on September 13, 2020 at 6:40pm

आ. भाई बसंत कुमार जी, सादर अभिवादन । अच्छी गजल हुई है । हार्दिक बधाई ।

Comment by Samar kabeer on September 13, 2020 at 12:13pm

जनाब बसंत कुमार शर्मा जी आदाब, ग़ज़ल का प्रयास अच्छा है, बधाई स्वीकार करें ।

'ज़िंदगी अच्छी तरह से कट रही है'

इस मिसरे में 'तरह' शब्द के साथ 'से' का प्रयोग उचित नहीं होता,मिसरा यूँ कर सकते हैं:-

'ज़िन्दगी अच्छी तरह अब कट रही है'

 'थोड़ी-थोड़ी छा गई थी धुंध गम की'

ये मिसरा उचित लगे तो यूँ कर लें:-

'ज़िन्दगी पर छाई थी जो धुंद ग़म की' 

'हाल पूछा है हमारा आज उसने'

इस मिसरे में 'है' की जगह " जो" शब्द उचित होगा ।

Comment by Harash Mahajan on September 12, 2020 at 7:01pm

आदरणीय बसंत जी बहुत ही अच्छी पेशकश ।

दिली मुबारकबाद ।

वसूल पाइएगा ।

सादर ।

Comment by अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी on September 12, 2020 at 3:16pm

आदरणीय बसंत कुमार शर्मा जी आदाब, अच्छी ग़ज़ल हुई है दाद के साथ मुबारकबाद पेश करता हूँ।  सादर।

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Mahendra Kumar replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"इस प्रयास की सराहना हेतु दिल से आभारी हूँ आदरणीय लक्ष्मण जी। बहुत शुक्रिया।"
21 minutes ago
Mahendra Kumar replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"बहुत-बहुत शुक्रिया आदरणीय दिनेश जी। आभारी हूँ।"
22 minutes ago
Zaif replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"212 1222 212 1222 रूह को मचलने में देर कितनी लगती है जिस्म से निकलने में देर कितनी लगती है पल में…"
22 minutes ago
Mahendra Kumar replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"सादर नमस्कार आ. ऋचा जी। उत्साहवर्धन हेतु दिल से आभारी हूँ। बहुत-बहुत शुक्रिया।"
23 minutes ago
Mahendra Kumar replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"आदरणीय अमीरुद्दीन जी, सादर अभिवादन। इस प्रयास की सराहना हेतु आपका हृदय से आभारी हूँ।  1.…"
24 minutes ago
Mahendra Kumar replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"आदरणीय अमित जी, सादर अभिवादन! आपकी विस्तृत टिप्पणी और सुझावों के लिए हृदय से आभारी हूँ। इस सन्दर्भ…"
33 minutes ago
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"आदरणीय लक्ष्मण जी नमस्कार ख़ूब ग़ज़ल कही आपने बधाई स्वीकार कीजिये गुणीजनों की इस्लाह क़ाबिले ग़ौर…"
1 hour ago
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"आदरणीय अमीर जी बहुत शुक्रिया आपका संज्ञान हेतु और हौसला अफ़ज़ाई के लिए  सादर"
1 hour ago

सदस्य कार्यकारिणी
शिज्जु "शकूर" replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"मोहतरम बागपतवी साहिब, गौर फरमाएँ ले के घर से जो निकलते थे जुनूँ की मशअल इस ज़माने में वो…"
2 hours ago
अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"आदरणीय दिनेश कुमार विश्वकर्मा जी आदाब, तरही मिसरे पर अच्छी ग़ज़ल कही है आपने मुबारकबाद पेश करता…"
2 hours ago
अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"मुहतरमा ऋचा यादव जी आदाब, तरही मिसरे पर ग़ज़ल का अच्छा प्रयास हुआ है बधाई स्वीकार करें, आ० अमित जी…"
2 hours ago
अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"आदरणीय लक्ष्मण धामी भाई मुसाफ़िर जी आदाब ग़ज़ल का अच्छा प्रयास हुआ है बधाई स्वीकार करें, आदरणीय…"
4 hours ago

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service