For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

जनाबे मीर के लहजे की नाज़ुकी कि तरह - सलीम रज़ा रीवा

1212 1122 1212 22/112

--

जनाबे मीर के लहजे की नाज़ुकी कि तरह 
तुम्हारे लब हैं गुलाबों की पंखुड़ी की तरह 
oo
शगुफ्ता चेहरा ये  ज़ुलफें ये नरगिसी आँखे 
तेरा हसीन तसव्वुर है शायरी की तरह 
oo
अगर ऐ जाने तमन्ना तू छत पे आ जाए 
अंधेरी रात भी चमकेगी चांदनी की तरह
oo
यूँ ही न बज़्म से तारीकियाँ हुईं ग़ायब
कोई न कोई तो आया है रोशनी की तरह
oo
यही ख़ुदा से दुआ मांगता हूँ रातो दिन
कि मै भी जी लूं ज़माने में आदमी तरह

_________________________

बहरे मुजतस मुसमन मख़बून महज़ूफ

"मौलिक व अप्रकाशित"

Views: 494

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Samar kabeer on April 23, 2019 at 3:02pm

जनाब सलीम रज़ा साहिब आदाब,अच्छी ग़ज़ल हुई है,बधाई स्वीकार करें ।

'जनाबे मीर के लहजे की नाज़ुकी कि तरह'

इस मिसरे में 'कि तरह' को "की तरह" कर लें । 

Comment by बृजेश कुमार 'ब्रज' on April 19, 2019 at 3:44pm

वाह क्या कहने बेहतरीन ग़ज़ल कही है सलीम साहब..बधाई

Comment by Asif zaidi on April 18, 2019 at 11:36pm

बहुत ख़ूब जनाब सलीम रज़ा साहब मुबारकबाद मोहतरम

Comment by SALIM RAZA REWA on April 18, 2019 at 9:39pm
आमोद जी,
बहुत बहुत शुक्रिया.
Comment by SALIM RAZA REWA on April 18, 2019 at 9:38pm
मोहतरम तस्दीक साहब,
आपकी मोहब्बत के लिए बहुत बहुत शुक्रिया.
Comment by Tasdiq Ahmed Khan on April 18, 2019 at 7:31pm
  • जनाब सलीम रज़ा साहिब आ दाब, बहुत ही उम्दा ग़ज़ल हुई है मुबारकबाद क़ुबुल फरमाएं l 
Comment by amod shrivastav (bindouri) on April 18, 2019 at 11:47am

आ सलीम रजा साहब आदाब
अच्छी प्रस्तुति के लिए बधाई स्वीकारे

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Mahendra Kumar replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"इस प्रयास की सराहना हेतु दिल से आभारी हूँ आदरणीय लक्ष्मण जी। बहुत शुक्रिया।"
3 hours ago
Mahendra Kumar replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"बहुत-बहुत शुक्रिया आदरणीय दिनेश जी। आभारी हूँ।"
3 hours ago
Zaif replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"212 1222 212 1222 रूह को मचलने में देर कितनी लगती है जिस्म से निकलने में देर कितनी लगती है पल में…"
3 hours ago
Mahendra Kumar replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"सादर नमस्कार आ. ऋचा जी। उत्साहवर्धन हेतु दिल से आभारी हूँ। बहुत-बहुत शुक्रिया।"
3 hours ago
Mahendra Kumar replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"आदरणीय अमीरुद्दीन जी, सादर अभिवादन। इस प्रयास की सराहना हेतु आपका हृदय से आभारी हूँ।  1.…"
3 hours ago
Mahendra Kumar replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"आदरणीय अमित जी, सादर अभिवादन! आपकी विस्तृत टिप्पणी और सुझावों के लिए हृदय से आभारी हूँ। इस सन्दर्भ…"
3 hours ago
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"आदरणीय लक्ष्मण जी नमस्कार ख़ूब ग़ज़ल कही आपने बधाई स्वीकार कीजिये गुणीजनों की इस्लाह क़ाबिले ग़ौर…"
4 hours ago
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"आदरणीय अमीर जी बहुत शुक्रिया आपका संज्ञान हेतु और हौसला अफ़ज़ाई के लिए  सादर"
4 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
शिज्जु "शकूर" replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"मोहतरम बागपतवी साहिब, गौर फरमाएँ ले के घर से जो निकलते थे जुनूँ की मशअल इस ज़माने में वो…"
5 hours ago
अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"आदरणीय दिनेश कुमार विश्वकर्मा जी आदाब, तरही मिसरे पर अच्छी ग़ज़ल कही है आपने मुबारकबाद पेश करता…"
5 hours ago
अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"मुहतरमा ऋचा यादव जी आदाब, तरही मिसरे पर ग़ज़ल का अच्छा प्रयास हुआ है बधाई स्वीकार करें, आ० अमित जी…"
5 hours ago
अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"आदरणीय लक्ष्मण धामी भाई मुसाफ़िर जी आदाब ग़ज़ल का अच्छा प्रयास हुआ है बधाई स्वीकार करें, आदरणीय…"
7 hours ago

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service