For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

ग़ज़ल: पांचों घी में रहती है जब सरकारी कारिन्दों की.............(१३)

(२२ २२ २२ २२ २२ २२ २२ २ )
***
पांचों घी में रहती है जब सरकारी कारिन्दों की 
कौन सुने फ़रियाद अँधेरी नगरी के बाशिन्दों की 
***
टूटी है मिजराबें फिर भी साज़ बजाना पड़ता है 
बे-सुर होते सुर तो इसमें ग़ल्ती क्या साजिन्दों की 
***
फेंक दिया करते कचरे में क्या क्या लोग पुलिंदों में 
असली कीमत आज समझते कचराबीन पुलिंदों की 
***
लाशों पर चादर चढ़ती है पत्थर पर चढ़ते हैं फूल 
सर्दी में परवाह किसे है हालत ख़स्ता ज़िन्दों की 
***
ख़ातूनों की ख़ातिर क्या क्या देखो अब कानून बने 
सांसत में है जान बिचारे कुछ सीधे खाविन्दों की 
***
उन आँखों के ख़ाली ख़ाली जाम बयाँ कर देते हैं 
एक ज़माना था जब हम भी गिनती में थे रिन्दों की 
***
आँधी हो तूफ़ान जुगत कुछ खाने की तो करनी है 
इंसानों के साथ यही मजबूरी आज परिन्दों की 
***
वहशीपन दहशत के आकाओं का बढ़ता जाता है 
जाने होगी खाट खड़ी कब इन नापाक दरिन्दों की 
***
पूरा जिस्म चमन की ख़ातिर कर देते क़ुर्बान 'तुरंत' 
फिर भी मजबूरी है खिलना कीचड़ में अरविन्दों की 
***
गिरधारी सिंह गहलोत 'तुरंत ' बीकानेरी 
०९/०१/२०१९

(मौलिक एवं अप्रकाशित )

Views: 477

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by गिरधारी सिंह गहलोत 'तुरंत ' on January 16, 2019 at 12:07pm

स्नेहिल सराहना के लिए हार्दिक आभार भाई Mahendra Kumar जी सादर नमन | 

Comment by Mahendra Kumar on January 16, 2019 at 11:36am

आदरणीय गिरधारी सिंह गहलोत जी, बढ़िया लगी आपकी ग़ज़ल. हार्दिक बधाई स्वीकार कीजिए. सादर.

Comment by गिरधारी सिंह गहलोत 'तुरंत ' on January 15, 2019 at 7:10pm

भाई  Ravi Shukla जी ,

हार्दिक आभार और अभिनंदन आपका।हाँ ,मैं बीकानेर राजस्थान का ही हूँ | हालाँकि अपने एकांतिक स्वभाव के कारण बीकानेर के काव्य जगत के लोगों से परिचय नहीं है | किसी कवि -सम्मेलन /मुशायरा आदि में भी अभी तक नहीं गया हूँ | फेसबुक ही मेरा काव्य क्षेत्र है | आपसे अवश्य मुलाक़ात करूँगा | 

Comment by Ravi Shukla on January 14, 2019 at 10:39am

आदरणीय गिरधारी सिंह जी बहुत-बहुत बधाई इस अच्छी ग़ज़ल के लिए आपको शेर दर शेर मुबारकबाद पेश करता हूं पढ़ कर अच्छा लगा आपके तखल्लुस में बीकानेर शब्द देखा मैं भी बीकानेर से ही ताल्लुक रखता हूं बीकानेर राजस्थान के हो तो कृपया मुझसे अवश्य संपर्क करें 9024323219 मेरा नंबर है

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-161
"आ. प्रतिभा बहन अभिवादन व हार्दिक आभार।"
yesterday
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-161
"आदरणीया प्रतिभा पाण्डे जी सादर, प्रस्तुत ग़ज़ल की सराहना के लिए आपका हार्दिक आभार. सादर "
yesterday
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-161
"हार्दिक आभार आदरणीय भाई लक्षमण धामी जी. सादर "
yesterday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-161
"आ. भाई अशोक जी, सादर अभिवादन। दोहों पर उपस्थिति और प्रशंसा के लिए आभार।"
yesterday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-161
"आ. प्रतिभा बहन, सादर अभिवादन। सुन्दर गीत हुआ है। हार्दिक बधाई।"
yesterday
pratibha pande replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-161
" आदरणीय अशोक जी उत्साहवर्धन के लिए आपका हार्दिक आभार "
yesterday
pratibha pande replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-161
"  कोई  बे-रंग  रह नहीं सकता होता  ऐसा कमाल  होली का...वाह.. इस सुन्दर…"
yesterday
pratibha pande replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-161
"बहुत सुन्दर दोहावली.. हार्दिक बधाई आदरणीय "
yesterday
pratibha pande replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-161
"बहुत सुन्दर दोहावली..हार्दिक बधाई आदरणीय भाई लक्ष्मण धामी जी"
yesterday
pratibha pande replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-161
"सुन्दर होली गीत के लिये हार्दिक बधाई आदरणीय "
yesterday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-161
"आ. भाई अशोक जी, सादर अभिवादन। बहुत अच्छी गजल हुई है। हार्दिक बधाई।"
yesterday
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-161
"आदरणीय भाई लक्षमण धामी जी सादर, उत्तम दोहावली रच दी है आपने. हार्दिक बधाई स्वीकारें. सादर "
yesterday

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service