For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

स्कूल की छत और कुछ दरख़्तों पर कुछ बंदर अपनी शैली में आनंद ले रहे थे। कक्षा में छात्रों ने उनके 'उत्पात' देखने हेतु आगे पढ़ने से मना कर दिया। दरअसल मॉरल साइंस (नैतिक शिक्षा) के शिक्षक इत्तेफ़ाकन गांधी जी के 'तीन बंदरों' की प्रतीकात्मकता की व्याख्या करते हुए 'सादा जीवन उच्च विचार' के बारे में उन्हें समझा रहे थे!


"ये मज़बूर और परेशान बंदर हैं! किसी तलाश में राह भटक गये हैं!" अपनी बत्तीसी निपोरते एक बंदर की ओर इशारा करते हुए शिक्षक ने कहा।


"नहीं, सर! ये हमारी तरह पिकनिक पर नई जगह मज़े करने आये हैं!" एक छात्र ने मज़े लेते हुए कहा।


"ये जंगल वाले अनुसंधानकर्ता या वैज्ञानिक हैं! कुछ रिसर्च कर रहे हैं घमंडी इंसानों पर!" एक होनहार छात्र बोल पड़ा।


"ख़ुद शरीर से नंगे हैं और हमें कपड़ों में देख कर बत्तीसी निपोर रहे हैं!" बरामदे से ही एक साथी शिक्षक ने  मसखरी करते हुए उस शिक्षक से कहा।


"ये कहो न‌ कि वे वस्त्रधारी बुद्धिजीवियों के स्वार्थी व्यक्तित्व और चारित्रिक नंगेपन पर अपनी बत्तीसी निपोर रहे हैं!" उस शिक्षक ने कक्षा से बाहर निकल कर सूखे से बगीचे और दरख़्तों की ओर देख कर साथी शिक्षक से धीरे से कहा।


(मौलिक व अप्रकाशित)

Views: 517

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Sheikh Shahzad Usmani on February 28, 2019 at 8:32pm

मेरी इस रचना पर समय देकर अपनी राय व सुझाव देने और हौसला अफ़ज़ाई हेतु हार्दिक धन्यवाद आदरणीया राजेश कुमारी साहिबा और आदरणीया कल्पना भट्ट साहिबा।


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by rajesh kumari on May 22, 2018 at 6:37pm

बंदरों के माध्यम से आज के दोगले चरित्र के इंसानों पर अच्छा  प्रहार किया है आद० उस्मानी जी बहुत बहुत बधाई .

Comment by KALPANA BHATT ('रौनक़') on May 20, 2018 at 7:10pm

शीर्षक पर विचार करियेगा आदरणीय शहजाद जी | कुछेक शब्दों को भी देख लें | सादर|

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

AMAN SINHA posted blog posts
2 hours ago
Aazi Tamaam posted a blog post

ग़ज़ल: सही सही बता है क्या

1212 1212सही सही बता है क्याभला है क्या बुरा है क्यान इश्क़ है न चारागरतो दर्द की दवा है क्यालहू सा…See More
2 hours ago
Sushil Sarna posted blog posts
2 hours ago
दिनेश कुमार posted blog posts
2 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-161
"आ. प्रतिभा बहन अभिवादन व हार्दिक आभार।"
yesterday
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-161
"आदरणीया प्रतिभा पाण्डे जी सादर, प्रस्तुत ग़ज़ल की सराहना के लिए आपका हार्दिक आभार. सादर "
yesterday
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-161
"हार्दिक आभार आदरणीय भाई लक्षमण धामी जी. सादर "
yesterday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-161
"आ. भाई अशोक जी, सादर अभिवादन। दोहों पर उपस्थिति और प्रशंसा के लिए आभार।"
yesterday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-161
"आ. प्रतिभा बहन, सादर अभिवादन। सुन्दर गीत हुआ है। हार्दिक बधाई।"
yesterday
pratibha pande replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-161
" आदरणीय अशोक जी उत्साहवर्धन के लिए आपका हार्दिक आभार "
yesterday
pratibha pande replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-161
"  कोई  बे-रंग  रह नहीं सकता होता  ऐसा कमाल  होली का...वाह.. इस सुन्दर…"
yesterday
pratibha pande replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-161
"बहुत सुन्दर दोहावली.. हार्दिक बधाई आदरणीय "
yesterday

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service