For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

'निलेश जी की ज़मीन में एक ग़ज़ल'

ज़िन्दगी में जो हुआ सूद-ओ-ज़ियाँ गिनता रहा

बैठ कर मैं आज सब नाक़ामियाँ गिनता रहा

बाग़बाँ को और कोई काम गुलशन में न था

फूल पर मंडराने वाली तितलियाँ गिनता रहा

और क्या करता बताओ इन्तिज़ार-ए-यार में

तैरती तालाब में मुर्ग़ाबियाँ गिनता रहा

रोकता कैसे मैं उनको नातवानी थी बहुत

बे अदब लोगों की बस गुस्ताख़ियाँ गिनता रहा

लोग भूके मर रहे थे और यारो उस तरफ़

कोई गोदामों में रक्खी बोरियाँ गिनता रहा

वो जलाकर ख़्वाब मेरे जा चूका था और मैं

राख से उड़ती हुई चिंगारियाँ गिनता रहा

एक मुद्दत हो गई है मयकशी छोड़े हुए

क्यों "समर"फिर आज ख़ाली शीशियाँ गिनता रहा

----

सूद-ओ-ज़ियाँ--नफ़ा-नुक़सान

मुर्ग़ाबियाँ--पानी का परिन्दा

नातवानी--कमज़ोरी

'समर कबीर'

मौलिक/अप्रकाशित

Views: 810

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Samar kabeer on September 4, 2018 at 6:31pm

प्रयासरत रहें,शुभेच्छाएँ ।

Comment by प्रदीप देवीशरण भट्ट on September 4, 2018 at 6:17pm

जनाब कबीर साहब, प्रणाम,

आप लोगों के  सान्निध्य में  रहकर कुछ सीखने का प्रयास कर रहा हूँ।

इस अज़ीम ग्रुप को जॉइन करने का यह भी एक कारण है।

Comment by Samar kabeer on May 6, 2018 at 4:58pm

जनाब नवीन मणि त्रिपाठी जी आदाब,सुख़न नवाज़ी के।लिए आपका बहुत बहुत शुक्रिया ।

Comment by Naveen Mani Tripathi on May 6, 2018 at 4:40pm

लोग भूखे मर रहे थे और यारों उस तरफ ।

कोई गोदामों में रक्खी बोरियां गिनता रहा ।।

वाह वाह बहुत अच्छी ग़ज़ल हुई आ0 उस्ताद कबीर साहब ।

Comment by Samar kabeer on May 5, 2018 at 10:29am

जनाब भाई विजय निकोर जी आदाब, सुख़न नवाज़ी के लिए आपका बहुत बहुत शुक्रिया ।

Comment by Samar kabeer on May 5, 2018 at 10:28am

जनाब डॉ.आशुतोष मिश्रा जी आदाब, सुख़न नवाज़ी के लिए आपका बहुत बहुत शुक्रिया ।

Comment by Samar kabeer on May 5, 2018 at 10:26am

जनाब निलेश 'नूर' साहिब आदाब,सुख़न नवाज़ी के लिए आपका बहुत बहुत शुक्रिया ।

Comment by Samar kabeer on May 5, 2018 at 10:24am

जनाब मोहित जी आदाब,सुख़न नवाज़ी के लिए आपका बहुत बहुत शुक्रिया ।

Comment by Samar kabeer on May 5, 2018 at 10:23am

जनाब बासुदेव अग्रवाल जी आदाब,सुख़न नवाज़ी के लिए आपका बहुत बहुत शुक्रिया ।

Comment by Samar kabeer on May 5, 2018 at 10:21am

जनाब हर्ष महाजन जी आदाब,सुख़न नवाज़ी के लिए आपका बहुत बहुत शुक्रिया ।

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity


सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर updated their profile
Sunday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 155 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीया प्रतिभा जी, मेरे प्रयास को मान देने के लिए हार्दिक आभार.. बहुत बहुत धन्यवाद.. सादर "
Sunday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 155 in the group चित्र से काव्य तक
"हार्दिक धन्यवाद, आदरणीय। "
Sunday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 155 in the group चित्र से काव्य तक
"आपका हार्दिक आभार, आदरणीय"
Sunday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 155 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय दयाराम जी मेरे प्रयास को मान देने के लिए बहुत बहुत धन्यवाद। हार्दिक आभार। सादर।"
Sunday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 155 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय सौरभ पांडेय सर, बहुत दिनों बाद छंद का प्रयास किया है। आपको यह प्रयास पसंद आया, जानकर खुशी…"
Sunday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 155 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय आदरणीय चेतन प्रकाशजी मेरे प्रयास को मान देने के लिए बहुत बहुत धन्यवाद। हार्दिक आभार। सादर।"
Sunday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 155 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय चेतन प्रकाश जी, प्रदत्त चित्र पर बढ़िया प्रस्तुति। इस प्रस्तुति हेतु हार्दिक बधाई। सादर।"
Sunday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 155 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीया प्रतिभा जी, प्रदत्त चित्र को शाब्दिक करती मार्मिक प्रस्तुति। इस प्रस्तुति हेतु हार्दिक…"
Sunday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 155 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय दयाराम जी, प्रदत्त चित्र को शाब्दिक करते बहुत बढ़िया छंद हुए हैं। इस प्रस्तुति हेतु हार्दिक…"
Sunday
pratibha pande replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 155 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय दयाराम मथानी जी छंदों पर उपस्तिथि और सराहना के लिये आपका हार्दिक आभार "
Sunday
pratibha pande replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 155 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय सौरभ पाण्डेय जी छंदों पर उपस्तिथि और सराहना के लिए आपका हार्दिक आभार "
Sunday

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service