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ग़ज़ल (मिलाओ किसी से नज़र धीरे धीरे )

ग़ज़ल (मिलाओ किसी से नज़र धीरे धीरे )
-------------------------------------------------
(फऊलन -फऊलन -फऊलन -फऊलन )

मिलाओ किसी से नज़र धीरे धीरे |
निकल जाएगा दिल से डर धीरे धीरे |

मुहब्बत में अंजाम की फ़िक्र मत कर
करे है यह दिल पे असर धीरे धीरे |

अभी तुझको जी भर के देखा कहाँ है
निगाहों में आ के ठहर धीरे धीरे |

मिलेगा वफ़ा का सिला सब्र तो कर
वो लेते हैं दिल की ख़बर धीरे धीरे |

यही इंतहा है जुनूने वफ़ा की
लगे उनका घर अपना घर धीरे धीरे |

न सैयाद पर कर भरोसा तू बुलबुल
कतर देगा तेरे ये पर धीरे धीरे |

वो तस्दीक़ आए अज़ीज़ों को लेकर
जले है हमारा जिगर धीरे धीरे |

(मौलिक व अप्रकाशित )

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Comment by Tasdiq Ahmed Khan on December 21, 2017 at 10:03am

जनाब लक्ष्मण धामी साहिब ,ग़ज़ल में आपकी शिरकत और हौसला अफ़ज़ाई का बहुत बहुत शुक्रिया ।

Comment by Tasdiq Ahmed Khan on December 21, 2017 at 10:02am

जनाब सतविंद्र कुमार साहिब ,ग़ज़ल में आपकी शिरकत और हौसला अफ़ज़ाई का बहुत बहुत शुक्रिया ।

Comment by लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' on December 20, 2017 at 5:02pm

आ. भाइ तस्दीक़़ अहमद जी, बहुत ख़ूबसूरत ग़ज़ल के लिए बहुत बहुत बधाई।

Comment by सतविन्द्र कुमार राणा on December 19, 2017 at 10:20pm

आदरणीय तस्दीक अहमद जी हार्दिक बधाई स्वीकारियेगा उम्दा गजल कही आपने

Comment by Tasdiq Ahmed Khan on December 19, 2017 at 5:48pm

जनाब अफ़रोज़ सहर साहिब ,आपकी ग़ज़ल में शिरकत और हौसला अफ़ज़ाई का बहुत बहुत शुक्रिया ।

Comment by Tasdiq Ahmed Khan on December 19, 2017 at 5:47pm

जनाब अजय साहिब ,ग़ज़ल में शिरकत ,खूबसूरत प्रतिक्रिया और हौसला अफ़ज़ाई का बहुत बहुत शुक्रिया ।

Comment by Tasdiq Ahmed Khan on December 19, 2017 at 5:45pm

जनाब महेंद्र कुमार साहिब ,ग़ज़ल में आपकी शिरकत और हौसला अफ़ज़ाई का बहुत बहुत शुक्रिया।

Comment by Afroz 'sahr' on December 19, 2017 at 1:32pm
आदरणीय तस्दीक़़ अहमद जी बहुत ख़ूबसूरत ग़ज़ल के लिए बहुत बहुत बधाई,,,,
Comment by Ajay Tiwari on December 19, 2017 at 12:47pm

आदरणीय तस्दीक साहब, इस सुरीली बह्र में सुरीली ग़ज़ल के लिए हार्दिक बधाई. सादर.

Comment by Mahendra Kumar on December 18, 2017 at 10:04pm

"अभी तुझको जी भर के देखा कहाँ है, निगाहों में आ के ठहर धीरे धीरे" वाह! इस ख़ूबसूरत ग़ज़ल पर हार्दिक बधाई स्वीकार कीजिए आ. तस्दीक़ जी. सादर.

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