For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

ग़ज़ल (नाज़ कब वो भी उठा पाते हैं दीवाने का )

(फाइलातुन -फ़इलातुन-फ़इलातुन-फेलुन )

जिन से आबाद हर इक गोशा है वीराने का |
नाज़ कब वो भी उठा पाते हैं दीवाने का |

इंतज़ारी में कटी उम्र नहीं इसका गम
रंज है आपका वादे से मुकर जाने का |

कमसे कम मेरे ख़यालों में ही आ जाया करो
वक़्त कब मिलता है तुम को मेरे घर आने का |

लाख तू मेरी वफ़ाओं को भुला दे दिल से
अज़्म मुहकम है मेरा प्यार तेरा पाने का |

कोई इक बूँद को तरसे कोई भर भर के पिए
खूब दस्तूर है साक़ी तेरे मैखाने का |

जान लेने के लिए थोड़ी सी खातिर कर दी
रात मुँह चूम लिया शमअ ने परवाने का |

तुझ से बद ज़न हुआ तस्दीक़ जो तेरा दिलबर
ग़ैर को तू ने ही मौक़ा दिया बहकाने का |

(मौलिक व अप्रकाशित )

Views: 979

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Tasdiq Ahmed Khan on November 23, 2017 at 5:29pm
जनाब अफ़रोज़ सहर साहिब ,ग़ज़ल में आपकी शिरकत और हौसला अफ़ज़ाई का बहुत बहुत शुक्रिया
Comment by Afroz 'sahr' on November 23, 2017 at 4:14pm
जनाब तस्दीक़ साहिब अच्छी ग़ज़ल कही आपने शेर दर शेर दाद के साथ मुबारकबाद पेश करता हूँ।,,,
Comment by Tasdiq Ahmed Khan on November 23, 2017 at 2:25pm
मुहतरम विजय साहिब ,ग़ज़ल में आपकी शिरकत और हौसला अफ़ज़ाई का बहुत बहुत शुक्रिया
Comment by vijay nikore on November 23, 2017 at 11:25am

इस अच्छी गज़ल के लिए बधाई।

Comment by Tasdiq Ahmed Khan on November 21, 2017 at 6:19pm
जनाब डॉक्टर आशुतोष साहिब ,ग़ज़ल में आपकी शिरकत और हौसला अफ़ज़ाई का बहुत बहुत शुक्रिया
Comment by Dr Ashutosh Mishra on November 21, 2017 at 1:50pm
आदरणीय तस्दीक़ जी इस बढ़िया ग़ज़ल पर हार्दिक बधाई स्वीकार करें सादर
Comment by Tasdiq Ahmed Khan on November 20, 2017 at 8:24am
मुहतरम जनाब आरिफ साहिब आदाब, ग़ज़ल में आपकी शिरकत और हौसला अफ़ज़ाई का बहुत बहुत शुक्रिया
Comment by Mohammed Arif on November 20, 2017 at 8:10am
आदरणीय तस्दीक़ अहमद जी आदाब,
बेहतरीन ग़ज़ल । शे'र दर शे'र दाद के साथ मुबारकबाद क़ुबूल करें ।
Comment by Tasdiq Ahmed Khan on November 19, 2017 at 8:50pm
मुहतरम जनाब समर कबीर साहिब आदाब, ग़ज़ल में आपकी शिरकत और हौसला अफ़ज़ाई का बहुत बहुत शुक्रिया
Comment by Samar kabeer on November 19, 2017 at 8:13pm
जनाब तस्दीक़ अहमद साहिब आदाब,अच्छी ग़ज़ल हुई,बधाई स्वीकार करें ।

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

AMAN SINHA posted blog posts
45 minutes ago
Aazi Tamaam posted a blog post

ग़ज़ल: सही सही बता है क्या

1212 1212सही सही बता है क्याभला है क्या बुरा है क्यान इश्क़ है न चारागरतो दर्द की दवा है क्यालहू सा…See More
45 minutes ago
Sushil Sarna posted blog posts
45 minutes ago
दिनेश कुमार posted blog posts
46 minutes ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-161
"आ. प्रतिभा बहन अभिवादन व हार्दिक आभार।"
yesterday
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-161
"आदरणीया प्रतिभा पाण्डे जी सादर, प्रस्तुत ग़ज़ल की सराहना के लिए आपका हार्दिक आभार. सादर "
yesterday
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-161
"हार्दिक आभार आदरणीय भाई लक्षमण धामी जी. सादर "
yesterday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-161
"आ. भाई अशोक जी, सादर अभिवादन। दोहों पर उपस्थिति और प्रशंसा के लिए आभार।"
yesterday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-161
"आ. प्रतिभा बहन, सादर अभिवादन। सुन्दर गीत हुआ है। हार्दिक बधाई।"
yesterday
pratibha pande replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-161
" आदरणीय अशोक जी उत्साहवर्धन के लिए आपका हार्दिक आभार "
yesterday
pratibha pande replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-161
"  कोई  बे-रंग  रह नहीं सकता होता  ऐसा कमाल  होली का...वाह.. इस सुन्दर…"
yesterday
pratibha pande replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-161
"बहुत सुन्दर दोहावली.. हार्दिक बधाई आदरणीय "
yesterday

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service