For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

मात-पिता पर स्वतंत्र दोहे :

मात-पिता पर स्वतंत्र दोहे :

मात-पिता का जो करें, सच्चे मन से मान। 
उनके जीवन का करें , ईश सदा उत्थान !!1!!

जीवन में मिलती नहीं ,मात-पिता सी छाँव। 
सुधा समझ पी लीजिये , धो कर उनके पाँव!!2!!

मात-पिता का प्यार तो,होता है अनमोल। 
उनकी ममता का कभी, नहीं लगाना मोल !!3!!

बच्चों में बसते  सदा, मात पिता के प्राण। 
बिन उनके आशीष के, कभी न हो कल्याण!!4!!

सुशील सरना

Views: 808

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Sushil Sarna on November 7, 2017 at 9:14pm

आदरणीय समर कबीर साहिब, आदाब ... सृजन के भावों को आत्मीय मान देने एवं अनमोल सुझाव का दिल से आभार।

Comment by Samar kabeer on November 5, 2017 at 8:21pm
जनाब सुशील सरना जी आदाब,बहुत उम्दा,शिल्प,प्रवाह सब बढ़िया है,इस प्रस्तुति पर बधाई स्वीकार करें ।
ये स्वतंत्र दोहे क्या है ?
तीसरे दोहे में 'अनमोल'के साथ 'मोल'की तुकान्तता मुझे सही नहीं लगी ।
Comment by Sushil Sarna on November 3, 2017 at 4:31pm

आदणीय अजय कुमार शर्मा जी सृजन के भावों को सहमति देती आपकी प्रशंसा का दिल से आभार। 

Comment by Sushil Sarna on November 3, 2017 at 4:31pm

आदरणीय राजेश कुमारी जी सृजन के भावों को अपनी आत्मीय प्रशंसा से अलंकृत करने का दिल से आभार। इंगित टंकण त्रुटि को मैं अभी दुरुस्त कर प्रस्तुति को पुनः प्रेषित करता हूँ। इस हेतु आपका हार्दिक आभार।

Comment by Sushil Sarna on November 3, 2017 at 4:30pm

आदरणीय बृजेश कुमार ब्रज जी सृजन की आत्मीय प्रशंसा का दिल से आभार।


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by rajesh kumari on November 3, 2017 at 9:50am

सही शिल्प सही शब्द उत्तम भाव ...बहुत बढिया दोहे लिखे हैं आदरणीय सरना जी हार्दिक बधाई 

बस्ते को बसते कर  लीजिये 

Comment by Ajay Kumar Sharma on November 2, 2017 at 9:49pm
अक्षरश: सत्य..
सुन्दर रचना...
Comment by बृजेश कुमार 'ब्रज' on November 2, 2017 at 9:44pm
उत्तम भावों से ओतप्रोत रचना..सादर
Comment by Sushil Sarna on November 2, 2017 at 8:02pm

आदरणीय मो.आरिफ साहिब, आदाब ..... प्रस्तुति की आत्मीय सराहना हेतु आपका दिल से शुक्रिया।

Comment by Sushil Sarna on November 2, 2017 at 8:02pm

आदरणीय मोहित मिश्रा जी सृजन को आत्मीय मान देने का दिल से आभार।

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Mahendra Kumar replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"इस प्रयास की सराहना हेतु दिल से आभारी हूँ आदरणीय लक्ष्मण जी। बहुत शुक्रिया।"
5 hours ago
Mahendra Kumar replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"बहुत-बहुत शुक्रिया आदरणीय दिनेश जी। आभारी हूँ।"
5 hours ago
Zaif replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"212 1222 212 1222 रूह को मचलने में देर कितनी लगती है जिस्म से निकलने में देर कितनी लगती है पल में…"
5 hours ago
Mahendra Kumar replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"सादर नमस्कार आ. ऋचा जी। उत्साहवर्धन हेतु दिल से आभारी हूँ। बहुत-बहुत शुक्रिया।"
5 hours ago
Mahendra Kumar replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"आदरणीय अमीरुद्दीन जी, सादर अभिवादन। इस प्रयास की सराहना हेतु आपका हृदय से आभारी हूँ।  1.…"
5 hours ago
Mahendra Kumar replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"आदरणीय अमित जी, सादर अभिवादन! आपकी विस्तृत टिप्पणी और सुझावों के लिए हृदय से आभारी हूँ। इस सन्दर्भ…"
5 hours ago
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"आदरणीय लक्ष्मण जी नमस्कार ख़ूब ग़ज़ल कही आपने बधाई स्वीकार कीजिये गुणीजनों की इस्लाह क़ाबिले ग़ौर…"
6 hours ago
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"आदरणीय अमीर जी बहुत शुक्रिया आपका संज्ञान हेतु और हौसला अफ़ज़ाई के लिए  सादर"
6 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
शिज्जु "शकूर" replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"मोहतरम बागपतवी साहिब, गौर फरमाएँ ले के घर से जो निकलते थे जुनूँ की मशअल इस ज़माने में वो…"
7 hours ago
अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"आदरणीय दिनेश कुमार विश्वकर्मा जी आदाब, तरही मिसरे पर अच्छी ग़ज़ल कही है आपने मुबारकबाद पेश करता…"
7 hours ago
अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"मुहतरमा ऋचा यादव जी आदाब, तरही मिसरे पर ग़ज़ल का अच्छा प्रयास हुआ है बधाई स्वीकार करें, आ० अमित जी…"
7 hours ago
अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"आदरणीय लक्ष्मण धामी भाई मुसाफ़िर जी आदाब ग़ज़ल का अच्छा प्रयास हुआ है बधाई स्वीकार करें, आदरणीय…"
9 hours ago

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service