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किसी मरते को जीने का वहाँ अधिकार हो जाए(तरही गजल)

1222 1222 1222 1222
किसी मरते को जीने का वहाँ अधिकार हो जाए
अगर सहरा में पानी का ज़रा दीदार हो जाए

ये गिरना भी सबक कोई सँभलने के लिए होगा
मिलेगी कामयाबी हौंसला हर बार हो जाए

वफ़ा करके नहीं मिलती वफ़ा सबको यहाँ यारो
किसी की जीत उल्फत में,किसी की हार जाए

कि खुलकर आज कह डालो दबी है बात जो दिल में
*बुरा क्या है हकीकत का अगर इज़हार हो जाए*

खमोशी को हमेशा ही समझते हो क्यों कमजोरी?
यही गर्दिश में इंसाँ का बड़ा औज़ार हो जाए

सितमगर सोच कर करना सितम तू और लोगों पर
यही तेरी ख़ता उनका कहीं हथियार हो जाए

मौलिक अप्रकाशित

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Comment by सतविन्द्र कुमार राणा on May 26, 2017 at 8:43pm
आदरणीय गिरिराज सर हौंसलाफ़ज़ाई के लिए शुक्रिया,सादर नमन
Comment by सतविन्द्र कुमार राणा on May 26, 2017 at 8:07pm
आदरणीय अनुराग वशिष्ठ जी उत्साहवर्धन के लिए बहुत-बहुत आभार
Comment by सतविन्द्र कुमार राणा on May 26, 2017 at 8:06pm
आदरणीय अनुराग वशिष्ठ जी उत्साहवर्धन के लिए बहुत-बहुत आभार
Comment by सतविन्द्र कुमार राणा on May 26, 2017 at 8:04pm
आदरणीय नरेंद्रसिंह चौहान जी उत्साहवर्धन के लिए तहेदिल शुक्रिया,सादर नमन
Comment by सतविन्द्र कुमार राणा on May 26, 2017 at 8:03pm
आदरणीय गुरप्रीत जी सादर हार्दिक आभार,सादर नमन!
Comment by सतविन्द्र कुमार राणा on May 26, 2017 at 8:03pm
आदरणीय सुरेन्द्र भाई जी बहुत-बहुत आभार प्रोत्साहित करने के लिए!
Comment by सतविन्द्र कुमार राणा on May 26, 2017 at 8:02pm
आदरणीय मोहम्मद आरिफ जी सादर नमन,प्रोत्साहन व मार्गदर्शन के लिए तहे दिल शुक्रिया
Comment by सतविन्द्र कुमार राणा on May 26, 2017 at 8:01pm
सआदरणीय समर कबीर जी,सादर नमन हौंसला अफ़जाई के लिए शुक्रिया,आप सब सुधिजनों की इस्लाह अनुसार परिमार्जन करने की कोशिश में हूँ।सादर
Comment by सतविन्द्र कुमार राणा on May 25, 2017 at 7:06pm
आदरणीय नीलेश नूर जी,सादर नमन!आप द्वारा दिए प्रोत्साहन एवं मार्गदर्शन के लिए आभारी हूँ।मतले को पुनः कहने का प्रयास जारी है।आपके मार्गदर्शन का सदैव आकांकांक्षी हूँ।प्रयास रहेगा कि आपकी अपेक्षाओं पर खरा उतर सकूँ।सादर
Comment by सतविन्द्र कुमार राणा on May 25, 2017 at 7:06pm
आदरणीय नीलेश नूर जी,सादर नमन!आप द्वारा दिए प्रोत्साहन एवं मार्गदर्शन के लिए आभारी हूँ।मतले को पुनः कहने का प्रयास जारी है।आपके मार्गदर्शन का सदैव आकांकांक्षी हूँ।प्रयास रहेगा कि आपकी अपेक्षाओं पर खरा उतर सकूँ।सादर

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"आदरणीया प्रतिभा जी, मेरे प्रयास को मान देने के लिए हार्दिक आभार.. बहुत बहुत धन्यवाद.. सादर "
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"हार्दिक धन्यवाद, आदरणीय। "
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"आपका हार्दिक आभार, आदरणीय"
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"आदरणीय दयाराम जी मेरे प्रयास को मान देने के लिए बहुत बहुत धन्यवाद। हार्दिक आभार। सादर।"
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"आदरणीय सौरभ पांडेय सर, बहुत दिनों बाद छंद का प्रयास किया है। आपको यह प्रयास पसंद आया, जानकर खुशी…"
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"आदरणीय आदरणीय चेतन प्रकाशजी मेरे प्रयास को मान देने के लिए बहुत बहुत धन्यवाद। हार्दिक आभार। सादर।"
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"आदरणीय चेतन प्रकाश जी, प्रदत्त चित्र पर बढ़िया प्रस्तुति। इस प्रस्तुति हेतु हार्दिक बधाई। सादर।"
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"आदरणीया प्रतिभा जी, प्रदत्त चित्र को शाब्दिक करती मार्मिक प्रस्तुति। इस प्रस्तुति हेतु हार्दिक…"
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"आदरणीय दयाराम जी, प्रदत्त चित्र को शाब्दिक करते बहुत बढ़िया छंद हुए हैं। इस प्रस्तुति हेतु हार्दिक…"
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"आदरणीय दयाराम मथानी जी छंदों पर उपस्तिथि और सराहना के लिये आपका हार्दिक आभार "
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