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याद मेरी दिला रही होगी (गजल)/सतविन्द्र कुमार राणा

2122 1212 22
उनको हिचकी सता रही होगी
याद मेरी दिला रही होगी

चैन दिल का खो गया होगा
आँसुओं को बहा रही होगी

फ्रेम कस के पकड़ लिया होगा
प्यार तस्वीर पा रही होगी

हौंसला काम कर गया होगा
पास मंजिल अब आ रही होगी

वक्त के साथ सब बदलते हैं
रुत यही तो सिखा रही होगी

भूख ने दूर कर दिए बच्चे
कैसे माँ मन लगा रही होगी ?

मौलिक एवं अप्रकाशित

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Comment

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Comment by सतविन्द्र कुमार राणा on April 13, 2017 at 8:28pm
आदरणीय तेजवीर सिंह जी हौंस्लाफ्जाई के लिए सादर आभार नमन!
Comment by सतविन्द्र कुमार राणा on April 13, 2017 at 8:25pm
आदरणीय महेन्द्र कुमार जी,सादर नमन। हौंसला अफजाई के लिए शुक्रिया।
Comment by सतविन्द्र कुमार राणा on April 13, 2017 at 8:23pm
आदरणीय गिरिराज सर,सादर नमन!आप द्वारा सुझाए अनुसार परिष्कार कर लिया है। प्रोत्साहन और मार्गदर्शन के लिए शुक्रिया।
Comment by सतविन्द्र कुमार राणा on April 13, 2017 at 8:22pm
आदरणीय सुरेश भाई जी,सादर हार्दिक आभार हौंस्लाफ्जाई के लिए।
Comment by Mahendra Kumar on April 13, 2017 at 7:30pm
बढ़िया ग़ज़ल है आदरणीय सतविंद्र जी। हार्दिक बधाई स्वीकार कीजिए। सादर।
Comment by TEJ VEER SINGH on April 9, 2017 at 10:49am

बेहतरीन गज़ल आदरणीय सतविंदर जी। हार्दिक बधाई।


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by गिरिराज भंडारी on April 9, 2017 at 7:36am

आदरणीय सतविन्द्र भाई , खूब सूरत गज़ल के लिये आपको हार्दिक बधाई .. बाक़ी बाते आ. समर भाई कह ही चुके हैं ... एक बात मै कहना चहता हूँ  --  उसको हिचकी सता रही होगी     ---- उनको हिचकी सता रही होगी   -- ये और अच्छा लगेगा । मिसरा गलत नही है आपका ।

Comment by Samar kabeer on April 8, 2017 at 6:00pm
मेरे कहे को मान देने के लिये धन्यवाद ।
Comment by सतविन्द्र कुमार राणा on April 8, 2017 at 5:56pm
आदरणीय समर कबीर जी,सादर नमन!प्रयास को पसन्द कर मार्गदर्शन करने के लिए,तहेदिल शुक्रिया।आपके मार्गदर्शन अनुरूप परिमार्जन करने का प्रयास किया है।सादर
Comment by सतविन्द्र कुमार राणा on April 8, 2017 at 5:52pm
आदरणीया राजेश दीदी,प्रयास आपको पसन्द आया,यह सार्थक हुआ।सादर हार्दिक आभार संग नमन!

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